बीना शुल्क जमा किए नहीं होगा ईंट भट्ठा का संचालन

गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सूचित किया है कि विशेष सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म अनुभाग, लखनऊ 2 नवम्बर, 2022 में ईट भट्टा सत्र 2022-23 में ईट भट्ठों के संचालन पर ईट भट्ठा मालिकों से पायो के आधार पर विनियमन शुल्क ¼Regulating Fees½  लिये जाने का निर्णय लिया गया है। शासनादेश में निर्देशित किया गया है कि ईंट भट्ठा स्वामी को http://upmines.upsde.gov.in  पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आवेदन शुल्क 2000/-, ईट भट्ठा स्वामी का विवरण, भट्ठा स्थल का विवरण, भट्ठा का प्रकार (सामान्य / जिग-जैग), पायों की संख्या, ईट-भट्ठा स्वामी को आवेदन पत्र के साथ ईट भट्ठे के सम्बन्ध मे रायल्टी/विनियमन शुल्क बकाया न होने का शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा। फीड की गयी सूचना के अनुसार ईट भट्ठों में पायों की संख्या के आधार पर विनियमन शुल्क एवं पलोथन की धनराशि अग्रिम रूप से पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से आनलाइन भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखाशीर्षक ‘‘0853-अलौह खनन तथा धातूकर्म उद्योग-102- खनिज रियायत शुल्क किराया और स्वत्व शुल्क‘‘ में जमा की जायेगी। विनियमन शुल्क जमा करने पर ईट-भट्ठा स्वामी पोर्टल से ‘‘विनियमन शुल्क जमा का प्रमाण पत्र “ जनित कर सकेंगे तथा आनलाईन माध्यम से पूर्व में विनियमन शुल्क जमा किये जाने की दशा में ईट भट्ठा स्वामी द्वारा पोर्टल पर रजिस्टर किया जायेगा तथा भट्ठे के सापेक्ष जमा चालान की मूल प्रति सम्बन्धित खान अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। खान अधिकारी द्वारा चालान का सत्यापन कर भट्ठे के सापेक्ष पोर्टल पर जमा धनराशि का विवरण अंकित किया जायेगा। विनियमन शुल्क ¼Regulating Fees½ जमा किये जाने के उपरान्त ही ईट भट्ठे का संचालन किया जायेगा। देय धनराशि जमा किये बिना संचालित ईट भट्ठों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। ईट भट्ठा में काम में आने वाली पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) के लिये देय विनियमन शुल्क की धनराशि के अतिरिक्त 10 प्रतिशत धनराशि जमा करनी होगी। 30 नवंबर 2022 तक जमा की गयी विनियमन शुल्क की धनराशि पर किसी प्रकार का ब्याज देय नहीं होगा, किन्तु उक्त तिथि के उपरान्त जमा की गयी धनराशि पर नियमानुसार ब्याज देय होगा।

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