मांगों को पूरा करें तभी धरना होगा स्थगित

निविदा कर्मियों को नियमित किया जाय,निर्भय सिंह।


गाजीपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में शुक्रवार को चौथे दिन भी विद्युत कर्मियों का धरना जारी रहा। इस दौरान जिलाध्यक्ष अरविंद कुशवाहा ने बताया कि विद्युत कर्मियों का पंद्रह सूत्रीय मांगो को अभी तक सरकार एवम ऊर्जा प्रबंधन द्वारा नही सुना गया है, जिसमे कहि न कही विद्युत कर्मियों में प्रबंधन के खिलाफ भारी गुस्सा है। कहा कि अगर तत्काल जिला प्रशासन मामले को संज्ञान मे नही लिया तो कभी भी पूरे जिले की बिजली बेवस्था ध्वस्त हो सकती है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पाली ड्यूटी पर कार्यरत सब स्टेशन ऑपरेटर कभी भी कार्य बहिष्कार कर धरने पर आ सकते हैं जिसके कारण विद्युत बेवस्था कभी भी लड़खड़ा सकती है। अगर देखा जाय तो अभी तक विद्युत कर्मियों के हड़ताल को देखते हुवे जिला प्रशासन ने विद्युत सप्लाई को सुचारू रखने के लिए कोई वैकिल्प व्यवस्था नही किया गया है, जिसमे आम जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिला संयोजक निर्भय सिंह ने सरकार से मांग करते हुवे बताया कि हमारे संविदा/निविदा कर्मियों को पंजाब, तेलगाना, उड़ीसा, दिल्ली के तर्ज पर विभाग में समायोजित करके नियमित किया जाय। आज के दौर में यही निविदा कर्मी अपने जान को जोखिम में डालकर आम जनता के सेवा के लिए दिन रात मेहनत करते है और इन लोगो को श्रम विभाग के द्वारा न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती है। इन लोगो के पैसे का बंदरबाट ऊर्जा चेयरमैन एवं ठेकेदार मिलकर कर रहे है। खुलेआम दलाली ऊर्जा प्रबंधन ठेकेदारों से मिलकर कर रहा है और हमारे मुखमंत्री इस पर चुप्पी साधे हुवे है। हम मुख्यमंत्री से मांग करते है की उत्तर प्रदेश में आबादी को देखते हुवे सभी संविदा/निविदा, मीटर रीडरो को विभाग में नियमित करने के लिए तत्काल कदम उठाए नही तो आने वाले समय में विद्युत कर्मी बहुत बड़ा आंदोलन के साथ साथ भूख हड़ताल करने को बाध्य होगे। जिला सह संयोजक अभिषेक राय ने बताया कि आज अभियंताओं में डर का माहौल बना हुवा है। कोई भी इस डरे हुवे माहौल में कार्य नही करना चाहते है। इसलिए की ऊर्जा चेयरमैन एम देवराज का जो कार्य करवाने का तरीका है वह ऊर्जा प्रबंधन के खिलाफ है। बराबर तुगलकी फरमान, वर्क टू वर्क रूल के खिलाफ कार्य करवाना, बेवजह वीसी करके धमकी देना, बिना सूचना दिए बगैर जांच किए निलंबित करना। कहा कि कोई भी अभियंता को बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रखने के लिए उपकरण भी नही मिल रहा है ना ही बिजली चेकिंग के दौरान सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है, एवम ना ही किसी भी कर्मचारियों की विभागीय समस्याओं का निदान ऊर्जा प्रबंधन के द्वारा की जा रही है। सभी वर्ग के अभियंता एवम विभागीय कर्मी परेशान है सुनने वाला कोई नहीं है, सिर्फ तानाशाही रवैए से कर्मचारियों एवम अधिकारियों का आर्थिक एवम मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है, यही सब मांगों को लेकर धरना विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में चलता रहेगा। कहा कि सबका मूल जड़ ऊर्जा चेयरमैन एम देवराज है। इसको तत्काल पद से हटाया जाय एवम हमारे केंद्रीय कमेटी को बुलाकर मुख्यमंत्री एवम ऊर्जा मंत्री बैठकर हमारी पंद्रह सूत्रीय मांगो को अमल में लाए तभी धरना स्थगित किया जाएगा। धरने में मुख्य रूप से अधिशाषी अभियंता संजय सिंह,मनीष कुमार,हेमंत सिंह,आशीष चौहान,चंद्रपाल सिंह सहायक अभियंता शेखर सिंह,मिठाई लाल,सुधीर कुमार,विजय यादव,कमलेश कुमार,अवर अभियंता पंकज चौहान,हर्षित राय,रमेश मौर्य,चित्रसेन प्रसाद,विनोद राम, शैलेंद्र ओझा,शशिकांत पटेल,महबूब अली,इंद्रजीत पटेल विद्युत मजदूर पंचायत के ,जिला मंत्री विजयशंकर राय,भानु सिंह,विनय तिवारी,अश्वनी सिंह,प्रवीण सिंह,प्रवीण पाण्डेय,गोविंद कुशवाहा,शशिकांत मौर्य,ज्योतिकांत कुशवाहा,राजेश सिंह,जीवन वर्मा,अनीश अहमद सहित सैकड़ों विद्युत कर्मी,संविदा/निविदा कर्मी मौजूद रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता ई0 विजय यादव एवं संचालन ई0 मिथिलेश यादव ने किया।

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