सुशासन सप्ताह में ग्रामीणों के समस्याओं का होगा निस्तारण

ग़ाज़ीपुर। जिले में गुड गवर्नेन्स के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्वास्थ्य, शिक्षा, शिकायत निवारण आदि के क्षेत्रों में की गई कार्यवाहियों के संबंध में सुशासन सप्ताह-प्रशासन गॉव की ओर से सफल क्रियान्वयन हेतु रायफल क्लब सभागार में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में वृहद कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण अंचल क्षेत्रों की बहुत ऐसी समस्याऐं होती हैं जो कि हम लोगों तक पहुंच नही पाती हैं। इस तरह की समस्याओं का समाधान समय से न होने के कारण स्थानीय लोगों को लम्बे समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और विकास अवरूद्व होता है। ग्रामीण क्षेत्रों की छोटी से छोटी समस्याओं को प्राथमिकता के तौर पर निस्तारण हेतु सुशासन सप्ताह 19 दिसम्बर 2022 से 25 दिसम्बर 2022 तक मनाया जा रहा है। जिसमें जनपद/तहसील/ब्लॉक स्तरीय अधिकारी गांव-गांव पहुंचकर लोगों की समस्याओं का निस्तारण कर तथा शासन द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का छूटे एवं पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करेंगे। जिलाधिकारी ने जनपद/तहसील/ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को सुशासन प्रथाओं/पहलों पर चौपाल का आयोजन करने और सेवानिवृत्त अधिकारी के परामर्श के साथ जिले के लिए एक विजन की रूपरेखा तैयार करने में प्रमुख शिक्षण संस्थानों के सेवानिवृत्त शिक्षाविदों और विचारकों को भी इसमें शामिल करने को कहा।  प्रशासनिक अनुभव वर्तमान की ऊर्जा के साथ योजना को पूरा करने में लाभकारी सिद्ध होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद मे चरित्र प्रमाण पत्र हेतु आनलाईन व्यवस्था की शुरूआत की गयी है। जिसके क्रम मे कार्यवाही भी शुरू कर दी गयी है, जिसमे एक सप्ताह के अन्द चरित्र  प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने का नवाचार किया गया है। इसके अन्तर्गत प्रमाण पत्र भी जारी किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने कहा कि सुशासन का अंतिम और असली उद्देश्य यह है कि शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ जनपद के सबसे दूर गांव में रहने वाले हर एक नागरिक तक पहुंचना चाहिए, जिससे अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सके और सुशासन के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण उत्थान की परिकल्पना जमीनी स्तर पर वास्तविक विकास का आकलन करने के लिए एक परिणाम-आधारित दृष्टिकोण पर बल देती है। 19 दिसंबर से 25 दिसंबर, 2022 तक सुशासन सप्ताह-‘‘प्रशासन गॉव की ओर अभियान‘‘ चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से दूर गाँव के लोगों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करते हुए योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, योजनाओं को वास्तविक रूप से निचले स्तर पर रहने वाले लोगों की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखना चाहिए और एक पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह तरीके से नवीनतम तकनीकी साधनों के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए। ग्रामीण और उपेक्षित क्षेत्रों का विकास शासन की मुख्य प्राथमिकताओं में से है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटना है। जिलाधिकारी ने कहा कि सुशासन का मुख्य उददेश्य लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार, सौपें गये दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी पूर्वक करने एवं आम जनमानस की प्राप्त शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समयावधि में गुणवत्तापूर्ण ढंग से करना है। कार्यक्रम के दौरान उप जिलाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों व जनपद स्तरीय अधिकारियों ने पूर्व में तथा चल रहे सुशासन सप्ताह के दौरान प्राप्त उपलब्धियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। आभार अपर जिलाधिकारी भू0रा0 सुशील लाल श्रीवास्तव ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुभाष चंद्र प्रसाद लेखा एवम कार्यक्रम सहायक नेहरू युवा केंद  द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ,  अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0), अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी (भू0रा0), समस्त  उप जिलाधिकारी , समस्त प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट, ज़िला विकास अधिकारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, ज़िला पूर्ति अधिकारी , ज़िला विद्यालय निरीक्षक, समाज कल्याण अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत व कलेक्ट्रेट परिवार के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.