ब्राह्मण रक्षा दल की मांग, सरजू पाण्डेय के नाम से हो चौराहे का नामकरण

गाजीपुर। ब्राह्मण रक्षा दल के संयोजक प्रेम शंकर मिश्र के नेतृत्व मे कासिमाबाद चौराहे का नामकरण महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व सांसद एवं एमएलसी सरजू पाण्डेय के नाम पर करने के लिए उप जिलाधिकारी कासिमाबाद को पत्रक दिया गया। पत्रक में सरजू पांडे के क्रान्तिकारी जीवन का उल्लेख करते हुए कहा गया कि अंग्रेजों के कार्यकाल में उन्होंने कासिमाबाद थाना फुककर स्वयं स्वीकार किया था। कहा था कि हां हमने ही थाना फुका है और यह अंग्रेजों के विरुद्ध बिगुल फूंकने का पहला कदम नहीं है ऐसे और भी कदम मेरे द्वारा कदम उठाए जाएंगे अगर हमारा शोषण बन्द नही हुआ। ब्राह्मण रक्षा दल के संयोजक प्रेम शंकर मिश्रा ने बताया कि सरजू पांडे एमएलसी रहते हुए कासिमाबाद से रसड़ा मार्ग को बनवाने तथा चौराहे पर उस कार्य का शिलापट्ट लगवाने का कार्य किए थे लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने उस सिलापट्ट को उखाड़ कर फेंक दिया।

सरजू पांडे जन जन के नेता थे वह गरीबों मजदूरों की लड़ाई लड़ते थे। वह किसी जाति विशेष के नेता ना होकर के सर्व समाज के नेता थे लेकिन उनकी मृत्यु के बाद आज तक कितनी सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी उनके नाम पर कासिमाबाद या उनके गांव उरहा मे ना कोई स्मृति चिन्ह लगवाया ना कोई द्वार बनवाया और ना ही कोई ऐसा सरकारी भवन बनवाया जिस पर उनका नाम अंकित हो सके। उन्होंने बताया की क्षेत्र में ही नहीं पूर्वांचल में भी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के बाद अगर कोई चार बार सांसद विधायक हुआ है तो वह सरजू पांडे जी हुए हैं। ऐसे महान व्यक्ति के नाम पर चौराहे का निर्माण मूर्ति का निर्माण होना नितांत आवश्यक है। जिसमें सर्व समाज को साथ देने का आह्वान किया। पत्रक देने वालों में दीपक मिश्रा, सरजू पांडे के पुत्र राजकुमार पांडे, उनकी पुत्रवधू आशा पांडे, पूर्व प्रधान सुमन पांडे, मृत्युंजय मिश्रा, मनोज उपाध्याय, राकेश पांडे, कृष्णानंद उपाध्याय, संजय पांडे, श्री राम पांडे, हरी प्रसाद पांडे, अरविंद कुमार शर्मा, प्रभाकर पांडे, वासुदेव पांडे, उमा कांत उपाध्याय, गोपाल पाण्डेय, सुवाष तिवारी, धनंजय उपाध्याय, कृष्णा पाण्डेय और ज्ञानेन्दु दूबे समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे। इस दौरान सभी लोगों ने सरकार से एक स्वर में चौराहे की मांग की और मांग पूरा ना होने पर हर विधिक तरीके से लड़ाई लड़ने की बात कही।

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