स्ट्रीट लाइट घोटाले में अपर मुख्य अधिकारी पर गिरी शासन की गाज

गाजीपुर। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी सुजीत कुमार मिश्रा का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी का तबादला उत्तर प्रदेश शासन ने जिला पंचायत अनुश्रवण प्रकोष्ठ लखनऊ से संबद्ध कर दिया है। उत्तर प्रदेश शासन के पंचायती राज अनुभाग 2 के पत्रांक संख्या 2056 (1) 33-2-2023 के तहत अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सुजीत कुमार मिश्रा के स्थानांतरण का आदेश जारी किया है। आदेश के तहत सुजीत कुमार मिश्रा का जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक उत्तर प्रदेश लखनऊ से संबद्ध किया गया है। बता दें कि अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सुजीत कुमार मिश्रा का कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा। उनके कार्यकाल में जिला पंचायत परिषद की ओर से जिले भर में करोड़ों की लागत से लगाई गई स्ट्रीट एलईडी लाइटों में बड़े घोटाले का मामला सामने आया था। जिसको लेकर जिले के तमाम ग्राम प्रधानों, बीडीसी सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों ने शिकायत किया था। जिसके बाद विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल ने जिला प्रशासन और शासन को मामले की जांच के लिए पत्र लिखा था। जिस पर जिला प्रशासन की ओर से एक कमेटी गठित कर मामले की भौतिक जांच भी कराई गई थी। जिला प्रशासन की जांच कमेटी में भी जिला पंचायत की ओर से लगाई गई एलईडी लाइटों में भारी घोटाला पाया था। जिसके बाद जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित की थी। जिस पर शासन की ओर से भी जांच अभी भी जारी है। इस मामले को लेकर बताया जा रहा है कि शासन जिला पंचायत की ओर से कराए गए तमाम कार्यों को लेकर गंभीर है और इन कार्यों से जुड़ी शिकायतों की जांच कर रही है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी के कार्यकाल में हुए कार्यों की जांच पड़ताल शासन स्तर से की जा रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश शासन ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गाजीपुर पर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए उनका तबादला कर शासन से संबद्ध कर दिया है। इस कार्यवाही के बाद से ही जिला पंचायत विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मालूम हो कि गाजीपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 20 से अधिक जिला पंचायत सदस्य लामबंद हुए थे। मामला था लाइट घोटाले का। जिसकी चर्चाएं आम जनमानस मे भी बहुत तेजी से होने लगी थी। जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार और जीरो टॉलरेंस की नीति को मानते हुए अपना अमूल्य जन समर्थन देकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। लेकिन गाजीपुर में जिला पंचायत विभाग के प्रथम टेंडर में ही घोटाले की बात जनता के सामने आ गई। जहाँ एकतरफ भ्रष्टाचारियों को सरकार जेल भेजने मे लगी है, वही गाजीपुर जिला पंचायत विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। इस मामले की जानकारी एमएलसी विशाल सिंह चंचल को हुई। उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच हेतु शासन को पत्र लिखा। पत्र को शासन ने संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया था, जिसमें गाजीपुर एडीएम अरुण कुमार ने स्पष्ट रिपोर्ट लगाई थी कि लाइट घोटाले का मामला बिल्कुल सही है। जांच की प्रारंभिक गांज अपर मुख्य अधिकारी पर गिर चुकी है। भ्रष्टाचारी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से गाजीपुर से स्थानांतरित करते हुए लखनऊ से संबद्ध किया गया है। बता दें कि जैसे-जैसे जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी वैसे वैसे और भी लोगों पर गाज गिरना तय है।

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