

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गृह विज्ञान विभाग के तत्वाधान में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत मोटे अनाजों के फायदे के विषय पर जन जागरूकता फैलाने हेतु गृह विज्ञान की अध्यक्ष नेहा कुमारी के निर्देशन में स्नातक एवं परास्नातक छात्राओं द्वारा गुरूवार को जन जागरूकता प्रसार कार्य किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सविता भारद्वाज ने कहा की मोटे अनाज का निरंतर प्रयोग करने से हम अनेकों रोगों से बच सकते हैं जिन अनाजों को हमारे पूर्वज खाते रहे हैं, किन्ही वजहों से हम उन अनाजों को छोड़ते जा रहे हैं। भारत के सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक मोटे अनाजों को सुपर फूड के नाम से जाना जाता है लेकिन हरित क्रांति के पश्चात ज्वार ,बाजरा, रागी के अलावा अन्य अनाजों से हम अनजान हैं। प्राचार्य प्रोफेसर सविता भारद्वाज ने रैली को हरी झंडी दिखाकर जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ किया। रैली गृह विज्ञान की प्रभारी नेहा कुमारी एवं राजनीति विभाग के अध्यक्ष राजेश यादव के निर्देशन में कारगिल मार्केट, महुआ बाग, आम घाट, मिश्र बाजार से होते हुए गांधी पार्क पहुंची।

जहां रास्ते , चौराहे , नुक्कड़ इत्यादि जगह-जगह पर छात्राओं ने लोगों को वास्तविक रूप में मोटे अनाजों को दिखाकर , नारों ,दृश्य श्रव्य माध्यमों का प्रयोग करते हुए लोगो को इसके लाभ से परिचित कराया एवं उससे बनने वाले रेसिपी के विषय में भी बताया। प्राध्यापिका नेहा कुमारी ने बताया कि 2019 में भारत सरकार की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष” घोषित किया है। इसका उद्देश्य मोटे अनाजों के उत्पादन, लाभों के विषय में लोगों को परिचित कराना एवं डाइट में से शामिल करने हेतु लोगों को जागरूक करना है। मोटे अनाजों में प्रमुख रूप से ज्वार, बाजार, कोदो, कंगनी, कुट्टू रागी, जौ, मक्का, बजरी इत्यादि है। यह “श्री अनाज” अनेक पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर से भरपूर होते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, मोटे आनाजों का सेवन करने से हृदयरोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा, एनीमिया से बचा जा सकता है। इस रैली का उद्देश्य एक प्रसार कार्य करना है जिसमें लोगों को मोटे अनाजों को अपने खान-पान में जगह देने हेतु जागरूक करना हैं । रैली में श्री राम कुशवाहा एवं सुषमा श्रीवास्तव ने सहयोग दिया।