नारद मोह के साथ हुआ चकिया की रामलीला का आरंभ

ग़ाज़ीपुर।जनपद में जगह-जगह नवरात्र एवं दशहरा की तैयारी शुरू हो चुकी है। बाजारों में हलचल देखने को मिल रही है। दुर्गा पंडाल और रामलीला पंडाल में कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। प्राचीन रामलीला समिति चकिया द्वारा नारद मोह, मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार तथा राम जन्म नामक लीले का मंचन किया गया। रामलीला भगवान नारद के मोह भांग से शुरू होकर भगवान राम के जन्म तक चली। नारद मुनि द्वारा तपस्या में लीन होना और फिर इंद्रदेव के द्वारा कामदेव को भेज कर नारद मुनि के तपस्या भंग करने की प्रयास, जिसके पश्चात नारद मुनि कामदेव पर विजय प्राप्त करते हैं और यह खबर इंद्रदेव सहित तीनो त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को बताते हैं। जिस पर भगवान विष्णु नारद मुनि के गौरव को तोड़ने के लिए बंदर का स्वरूप देते हैं और भरे स्वयंवर में नारद मुनि का अपमान होता है। जिससे क्रोधित होकर वह भगवान विष्णु को श्राप देते हैं और वही श्राप रामावतार का कारण बना। रामलीला का दूसरा भाग मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थं कराने लेकर जाते हैं। रास्ते में उन्हें प्यास लगती है। श्रवण कुमार नदी से जल लाने जाते हैं और शिकार पर निकले राजा दशरथ समझते हैं कि नदी में कोई जानवर पानी पी रहा है। इसलिए उन्होंने शब्द भेदी बाण मार देते हैं। जिसके श्रवण कुमार की मृत्यु हो जाती है और फिर राजा दशरथ जल लेकर श्रवण कुमार के माता-पिता के पास पहुंचते हैं और श्रवण कुमार की मृत्यु की खबर सुनते हैं। जिससे कुपित होकर श्रवण कुमार के माता-पिता राजा दशरथ को श्राप देते हैं कि जैसे हम लोग पुत्र वियोग में प्राण दे रहे हैं वैसे ही तुम भी अपने पुत्र वियोग में प्राण त्यागो गे। रामलीला के दौरान संजय, अशोक, संतोष, पंकज, आदेश, रामप्रवेश, लव कुमार, आशीष आदि मुख्य भूमिका में थे।