

गाजीपुर। छठ पूजा के चौथे दिन सोमवार की सुबह उगते सूर्य को व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं के 36 घंटे की कठिन साधना का समापन हुआ। गंगा घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। व्रती महिलाएं व उनके परिजन पहुंच गए। जैसे ही भगवान भास्कर ने अपनी लालिमा बिखेरी, वैसे ही दूध से अर्घ्य देकर अचल सुहाग, अखंड सौभाग्य व लोकमंगल की कामना की। इस दौरान घाट पर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट रहा। पुलिस, जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ की टीम तैनात रही। रविवार की शाम अस्त होते सूर्य को व्रती महिलाओं द्वारा अर्घ्य दिया गया था। इसके बाद व्रती महिलाएं व उनके परिजन घर चले गए। भोर में तीन बजे से ही श्रद्धालुओं के घाटों पर पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। महिलाएं भोर में ही हाथ में फल व प्रसाद से भरा सूप लेकर गंगा जल में खड़ी हो गईं।


भगवान भास्कर के नेत्र खोलने का इंतजार होता रहा। जैसे ही सूर्य ने अपनी किरणें बिखेरी, वैसे ही अर्घ्य देने का क्रम शुरू हो गया। सोमवार को व्रती महिलाओं के 36 घंटे के कठिन व्रत का पारण हुआ। व्रती महिलाओं ने कहा कि व्रत का बहुत महात्म्य है। इससे संतान प्राप्ति का योग बनता है। वहीं अचल सुहाग का आशीर्वाद मिलता है। घर-परिवार की सुख-समृद्धि व लोक मंगल की कामना से यह व्रत किया जाता है। इस दौरान गंगा में नाव पर सवार होकर अफसरो संग डीएम और एसपी घाटों का जायजा लेते रहे। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल और प्रतिनिधि विनोद अग्रवाल भी सभासदों संग नाव पर घूमते रहे। इधर प्रति महिलाओं को गंगा घाट पर जाने में कोई समस्या ना हो इसके लिए यातायात प्रभारी मनीष कुमार त्रिपाठी अपने यातायात पुलिस कर्मियों संग यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने में लग रहे।


