शिक्षा क्षेत्र में सफलता का लहराया परचम
गाजीपुर। शिक्षा क्षेत्र में जनपद का नाम रौशन करने वाले नौनिहालो की संख्या में लगातार इजाफा होने से शिक्षा का विकास तेजी से हुआ है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा में प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानो का योगदान काफी सराहनीय रहा है। चाहे वो यूपी बोर्ड या सीबीएसई बोर्ड या आईसीएससी बोर्ड सभी बोर्ड से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानो से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एक नई प्रतिशपर्धा को जन्म दिया है। इस प्रतिशपर्धा का परिणाम रहा है कि जनपद से शिक्षा प्राप्त करनें वाले छात्र-छात्रा अब विगत वर्षो में देश की सवर्ो्रच्च सेवा प्रदान करने वाले संस्थान यूपीएससी की परीक्षाओं मंे भी अपना परचम लहराने लगा है। जवाहर नवोदय विद्यालय, लुदर्स कान्वेन्ट, शाहफैज पब्लिक स्कूल, सनबीम स्कूल, जी माउण्ट लिटरा, केन्द्रीय विद्यालय, एमजेआरपी स्कूल, तुलिका पब्लिक स्कूल, रेनबो मार्डन पब्लिक स्कूल, वेद इन्टरनेशनल स्कूल, माधव सीनियर सेकेण्डरी विद्यालय, आर्दश इण्टर कालेज, राजकीय सिटी इण्टर कालेज व एमएच इण्टर कालेज, बापू इण्टर कालेज, जालान्स स्कूल, एसकेबीएम इण्टर कालेज, मदन मोहन मालवीय इण्टर कालेज के नर्सरी मे रोपे गये पौधे बड़े वृक्ष होकर देश व समाज में अपने शिक्षा का लोहा मंनवा रहे है। इन शिक्षण संस्थानो से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की बड़ी खेप बीएचयू, जेएनयू, डीयू, एयू, एम्स, आईआईटी, इसरो जैसे अनुसंधान केन्द्रो व उच्च शिक्षण संस्थानो में अपने शिक्षा गुणवत्ता के बल पर लोहा मनवा रहे है, जिसमें गुदड़ी के लाल 2024 बैच के आईपीएस अभिजीत पाण्डेय के पिता विश्वनाथ पाण्डेय ने बताया कि हमने बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए बहुत सघर्ष किया है और बच्चो को इसका एहसास नही होने दिया है, बच्चो को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए अभिभावको को तपस्या करनी पड़ती है जब कही जाकर गुदड़ी के लाल, लाल बहादुर शास्त्री जैसा सपूत का निर्माण होता है जो देश व राष्ट में उच्च कीर्तिमान स्थापित करता है। इनका संघर्ष काल के साथी रहे कलेक्ट्रेट के कर्मचारी अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इनके संघर्षो के दौर को हमने देखा है कभी हार नही माने है। इस उपलब्धियों पर माधव विद्यालय के प्राचार्य अखिलेश मिश्रा ने विद्यालय में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा शिवानी व विशाखा का मंुंह मिठा कराते हुए बताया कि यह विद्यार्थियो के लिए संघर्ष काल है, विद्यालयो मंे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नये नये तरीके अपनाये जा रहे है, विद्यालयो में मूलव्यवस्था में परिवर्तन किया जा रहा है। एक बार प्रतिमान स्थापित हो जाता है तो वह निरन्तर बना रहता है। जनपद का इतिहास बहुत ही स्वर्णिम रहा है जहा बड़े बड़े ज्ञानी ऋषि मुनियो की तपोस्थली रही है जिसमें ऋषि जमदग्नि, विश्वामित्र, परशुराम, पावहारी बाबा, कण्व ऋषि, मौनी बाबा, राजा गांधि, हथियाराम मठ, भुड़कुड़ा मठ, सैदपुर भीतरी के स्कन्ध गुप्त के अवशेष, मौर्य कालीन लटिया स्तूप इसके प्रमाणिक साक्ष्य है और रविन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानन्द ने इसको प्रमाणित किया है। यह जनपद के देश काल से भारत की संस्कृति, सभ्यता व समाज का पथ प्रदर्शक रहा है। शाह फैज स्कूल के टॉपर हिमांशु त्रिपाठी और इशांत सिंह ने अपने सफलता का श्रेय माता पिता और शिक्षक को दिया। वही कुछ बायलोजी के छात्र-छात्रों ने एमबीबीएस की तैयारी को तरजीह दिया तो कुछ ने अपनी इच्छानुरूप यूपीएससी, नीट, यूजीसी जैसे परीक्षाओं में अपनी सफलता हासिल करना चाहते है।

