गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस एवं नवागंतुक सम्मान समारोह उमंग का आयोजन गुरुवार को किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अनीता कुमारी द्वारा मेजर ध्यानचंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इससे पहले प्राचार्य का स्वागत शारीरिक शिक्षा के विभागाध्यक्ष डॉ शंभू शरण प्रसाद ने पुष्प गुच्छ देकर किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्राचीन इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विकास सिंह ने मेजर ध्यानचंद के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा की हाँकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद हाँकी के खेल में पूरी दुनिया में ठीक वैसे ही प्रतिष्ठा रखते है जैसे क्रिकेट में डॉन ब्रेड मैन फुटबॉल में पेले और लॉन टेनिस में ब्योंन बोर्ग का नाम आता है। आपने 1928 से 1936 के बीच में हुए लगातार तीन ओलिम्पिक खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई।

इसके उपरांत मुख्य अतिथि ने नवागंतुक छात्राओं को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया, तत्पश्चात अपने उद्बोधन में उन्होंने छात्राओं को खेल दिवस की प्रासंगिकता के बारे में बताते हुए कहा की आज के दिन हम उत्कृष्ट खिलाड़ियों को याद कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते है। वही जीवन में उनके द्वारा प्रदर्शित कौशल, साहस, संयम, टीम भावना एवं खेल भावना से प्रेरणा ग्रहण करते है तथा शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् की उक्ति के माध्यम से उन्होंने छात्राओं को बताया की स्वास्थ शरीर से ही सारे कार्य संभव है। अतः जीवन में स्वस्थ शरीर के लिए खेल में प्रतिभाग करना आवशयक है । शारीरिक शिक्षा के विभागाध्यक्ष डॉ शंभू शरण प्रसाद ने मेजर ध्यानचंद के सहज स्वभाव से अवगत कराया तथा उनके घर के पीछे सिपरी बाजार में रेलवे लाइन पर रात में चाँद की रौशनी में आभ्यास करने के कारण उनका नाम ध्यानचंद पड़ा। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ संगीता, डॉ नेहा आदि प्राध्यापक गण एवं शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद से जुड़ी छात्राये उपस्थित रही ।
