‘पढ़ें महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन

किताबें होती हैं जीवन के सच्चे साथी: प्रोफेसर अनीता कुमारी प्राचार्य

महाविद्यालय में ‘पढ़ें महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन!

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरुवार को ‘पढ़े महाविद्यालय, बड़े महाविद्यालय’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इसके अंतर्गत महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापको, कर्मचारियो एवं विद्यार्थियों ने अपने निर्धारित स्थान पर रहते हुए पुस्तके पढ़ी तथा पुस्तकों के महत्व पर चर्चा करते हुए इसकी तस्वीर महाविद्यालय की सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट किया ताकि लोग जीवन में पुस्तकों के महत्व को समझें और पुस्तकों को अपने जीवन का सच्चा साथी बनाएं।


विदित हो कि यह कार्यक्रम प्रदेश की कुलाधिपति/राज्यपाल महोदय के निर्देश पर समस्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के कुलपति/ प्राचार्य, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा मनाया जा रहा है। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अनीता कुमारी ने योग पर अपनी पसंदीदा पुस्तक पढ़ते हुए सभी प्राध्यापकों एवं छात्राओं को पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित किया। आपके अनुसार उच्च शिक्षा से जुड़े सभी लोगों को अनिवार्य रूप से हर माह कम से कम एक किताब पढ़ना चाहिए। इससे आपके पठन-पाठन संबंधी ज्ञान में वृद्धि होगी। साथ ही आप अपने कार्य को अधिक कुशल एवं आधुनिक तरीके से संपन्न कर पाएंगे। इसके अलावा प्रत्येक को अपने जीवन के पसंदीदा क्षेत्र एवं रुचियां के अनुकूल पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए जो आपके जीवन में सदैव पथ प्रदर्शक का काम करेंगी।


इस कार्यक्रम के संयोजक एवं महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ शिव कुमार ने कहा कि शरीर के लिए उचित भोजन के साथ-साथ दिमाग के पोषण के लिए भी अच्छी पुस्तके आवश्यक हैं। इसलिए विद्यार्थियों और उच्च शिक्षा से जुड़े सभी लोगों को अपनी अपनी रुचि एवं अनुकूल पुस्तकों का चयन कर अवश्य पढ़ना चाहिए। पुस्तक पढ़ने की आदत जीवन में सकारात्मकता, आत्मविश्वास एवं स्व सक्षमता में वृद्धि करती हैं।


इस कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय के पुस्तकालय, अभ्युदय कोचिंग केंद्र, कामन हाल, कैंटीन, कक्षाओं एवं ग्राउंड में विभिन्न जगहों पर उपस्थित छात्राओं ने चाव से पुस्तके पढ़ी और उससे संबंधित तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया के लिए साझा किया। साथ ही इन्होंने संकल्प लिया कि वे अपने साथ सदैव कम से कम एक उपयोगी पुस्तक अवश्य रखेंगी तथा भविष्य में भी पुस्तकों को अपना जीवनसाथी बनाएंगे। कार्यक्रम के तहत विज्ञान संकाय

परास्नातक भवन, स्नातक भवन में प्रोफेसर उमाशंकर प्रसाद, डॉ अमित यादव, डॉ दिवाकर मिश्रा, डॉ सर्वेश कुमार, डॉ शिवानी, डॉ शिल्पी राय, डॉ राजेश कुमार, डॉ गजनफर प्रसाद, डॉ रामनाथ केसरवानी आदि प्राध्यापको एवं विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने अपनी अपनी पुस्तके पढ़ते हुए तस्वीरें साझा की। सभी लोगों ने एक स्वर से ऑफलाइन पुस्तक पढ़ने एवं जीवन अनुभव प्राप्त करने के लिए किताबों को महत्वपूर्ण बताया।

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.