सामूहिक विवाह:एक-दूजे के हुए 378 जोड़े

गाजीपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन आर टी आई मैदान (नवीन स्टेडियम) में मंगलवार को सम्पन्न हुआ। शादी समारोह का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सामूहिक विवाह योजना में  कुल 378 जोड़ो का सामूहिक विवाह पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न हुआ। सामूहिक विवाह के अवसर पर उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने नव विवाहित वर-वधुओं को उनके वैवाहिक जीवन की मंगल कामना करते हुए शुभकामना दी। सामूहिक विवाह में नव दाम्पत्य को विवाह प्रमाण पत्र एवं पौध रोपण हेतु आम वृक्ष का पौधा उनके हाथो में दिया गया। विवाह कार्यक्रम मे मंच से ही मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक ने संयुक्त रूप से बटन दबाकर 35 हजार रूपये की धनराशि वधुओ के खाते मे हस्तान्तरित किया।
परियोजना निदेशक राजेश यादव ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की जानकारी देते हुए कहा कि आज जनपद के समस्त ब्लाको से चयनित 378 जोड़ो का विवाह पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न हुआ है। उन्होने शादी समारोह में आए हुए वर एवं वधु के परिजनो के प्रति भी शुभकामना व्यक्त की। कहा कि इस योजना के अन्तर्गत 51 हजार की धनराशि प्रदान किया जा रहा है जिसमें 35 हजार रूपये वधु के खाते में तथा 10 हजार रूपये के उपहार एवं 6 हजार शादी समारोह के आयोजन के लिए दिया जा रहा है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारो की शादी कराया जा रहा है। जिसमे लड़के की उम्र 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र सरोज ने नव विवाहित वर-वधुओ को आर्शिवचन देते हुए कहा कि नव विवाहित जोड़ो ने 7 फेरे लेकर एक साथ रहने का जो संकल्प लिया है उसे आजीवन निर्वहन करे। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम योजना एक कल्याणकारी योजना है। जिसमे हजारो हजार की संख्या में बेटियों के हाथ पीले किए जा चुके है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के माध्यम से गरीब, मजदूर एवं असहाय परिवारो को इसका लाभ दिया है और आगे भी इस योजना के माध्यम से बेटियो का विवाह सम्पन्न कराया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने बेटियो के हाथ पीले करने का जो संकल्प लिया है उसे आगे और भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस योजना के माध्यम से जो विवाह कराया जाता है उससे समाज मे फैली दहेज प्रथा जैसी रूढ़िवादी सोच समाप्त होती जा रही है। दहेज लेना और दहेज देना एक दण्डनीय अपराध है। उन्होने कहा कि आज जो भी बेटियां अपने ससुराल विदा हो रही है तो उनके ससुराल पक्ष के लोग उन्हे बहु न बल्कि बेटी बनाकर घर ले जाए। मिल बाट कर एक सादगी से भरे इस कार्यक्रम में परिणय सुत्र मे बध जाए और दहेज प्रथा तथा बेटियों को बोझ समझने की सोच से उबरकर, हम आगे बढ सके तथा बेटियों को समाज में उनको उचित स्थान दे सके। यही मुख्यमंत्री की मंशा है। बेटिया अपने समाज  मे स्वावलंबी बने, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य सब उत्तम हो, इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री जी ने बेटियो के लिए कई योजनाए संचालित की है आप सभी योजनाओ से जुड़कर अपनी  बेटियो को सशक्त बनाए। उन्होने सभी नव दाम्पय से निवेदन किया कि शादी के बाद गर्भ का भ्रूण परिक्षण न कराए जो भी बच्चा हो उसे सम्मान के साथ परिवार मे लाए।  
जिला समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव ने सामूहिक विवाह के सफल आयोजन पर आभार व्यक्त करते हुए विवाहित नव दाम्पत्य जोड़ो को उनके विवाहित जीवन के लिए शुभकामनाए दी।
इस अवसर पर मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि सुरेश राजभर, उपजिलाधिकारी सदर मनोज पाठक, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी एवं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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