

गाज़ीपुर।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ का द्विवार्षिक अधिवेशन लखनऊ विश्वविद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ। इसमें अध्यक्ष सुरेश रावत,महामंत्री अतुल मिश्रा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्रा,संप्रेक्षक प्रदीप त्यागी, नवनिर्वाचित हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में 5 प्रतिनिधि व 10 पर्यवेक्षक के रूप मे कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए अवगत कराया की कर्मचारियों का शोषण व्यापक रूप से किया जा रहा है किंतु संगठन द्वारा इसका ऊचित समाधान नहीं निकाला जा रहा है, क्योंकि संगठन विगत वर्षों से सरकार के खिलाफ अपने कर्मचारियों की सुविधाओं के लिए आंदोलन करना भूल चुका है,और ना ही आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है,जिससे सरकार कर्मचारियों की मूलभूत सुविधा को धीरे-धीरे समाप्त करते चले जा रही है,नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति पूरी तरह से बंद है,हर विभाग में पद रिक्त है, बहुत से ऐसे विभाग है,कि वहां पदोन्नति के द्वारा भी पद को भरा जा सकता है किंतु जनपद स्तर पर विभागाध्यक्षों द्वारा कर्मचारियों का पदोन्नति नहीं किया जा रहा है, जो अत्यंत ही खेत का विषय है, सरकार द्वारा लगभग 70% आउटसोर्सिंग कर्मियों को नियुक्त किया गया है,उन्होंने उद्बोधन में प्रधानमंत्री से मांग किया कि जैसे आप एक देश एक चुनाव कराने जा रहे हैं,उसी प्रकार कर्मचारियों की मांग है,की एक देश एक वेतन व भर्ती की सुविधा कर्मचारियों को दी जाए ।
अधिवेशन मेओंकार नाथ पांडेय, एस0पी0गिरी,धनंजय तिवारी,अभय सिंह चंद्रशेखर यादव,आलोक,अनिल,बृजेश, विनोद,बिपिन सिंह आदि लोग मौजूद रहे।