एनपीएस की राह में रोड़ा बना लेखा विभाग, टूट रहा शिक्षकों का भरोसा
गाजीपुर। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के फायदे बताकर इसे लेने के लिए प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी सरकार ने लेखा विभाग को सौंपी थी। लेकिन लेखा विभाग ही एनपीएस की राह में रोड़ा बन गया है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री चौधरी दिनेश चंद्र राय ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम लेने वाले शिक्षकों के वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत की धनराशि की कटौती हो रही है। लेकिन लेखा विभाग के अफसरों की लापरवाही से कटौती की गई धनराशि उनके परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रान) खाते में नहीं जमा हो रही है। उल्टे लेखा विभाग सरकार की हिस्सेदारी भी दबाए बैठा है। जिससे इस स्कीम से शिक्षकों का भरोसा टूट रहा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बंधित स्कूलों में हजारों शिक्षक कार्यरत हैं। जो न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) ले रखी है। इस स्कीम के तहत शिक्षकों के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती की जा रही है। जबकि हिस्सेदारी के तौर पर सरकार को भी 14 प्रतिशत की धनराशि का भुगतान करना है। इसके लिए शिक्षकों ने प्रान भी ले रखा है। शिक्षक के वेतन से कटौती की गई धनराशि व सरकार की हिस्सेदारी दोनों इसी परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट में जमा करानी है। एनपीएस के नाम पर शिक्षकों के खाते से तो प्रतिमाह की कटौती की जा रही है। लेकिन सरकार की हिस्सेदारी को लेखा विभाग दबाए बैठा है। सरकार की हिस्सेदारी जमा न होने सेप्रान खाता अपडेट नहीं हो रहा है। ऐसे में शिक्षकों के वेतन से काटी गई धनराशि में घपले की आशंका बढ़ गई है। शिक्षकों का प्रान खाता पिछले कई महीने से अपडेट नहीं हो सका है।