बैंक राष्ट्रीयकरण की 56वीं वर्षगांठ पर यूपीबीयूई जिला इकाई ने लिया संकल्प



“बैंक केवल व्यवसाय नहीं, विश्वास हैं”, बैंक राष्ट्रीयकरण की 56वीं वर्षगांठ पर यूपीबीयूई गाजीपुर इकाई का संकल्प

गाजीपुर। बैंक राष्ट्रीयकरण की 56वीं वर्षगांठ पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक एम्प्लॉइज (UPBEU) की जिला इकाई द्वारा शनिवार को लालदरवाजा स्थित शाखा परिसर में एक विचारगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान संगठन के जिला मंत्री  सत्येन्द्र गुप्ता, इकाई अध्यक्ष श्री राम जी, उपाध्यक्ष कमलेश सिंह सहित बैंककर्मियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम की शुरुआत बैंक राष्ट्रीयकरण के ऐतिहासिक संदर्भों को साझा करते हुए की गई। वक्ताओं ने 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लिए गए साहसिक निर्णय को गरीबों, किसानों, मजदूरों और छोटे व्यवसायियों की आर्थिक स्वतंत्रता की नींव बताया। जिला मंत्री श्री सत्येन्द्र गुप्ता ने  कहा कि “बैंक राष्ट्रीयकरण ने बैंकों को अमीरों की चौखट से निकालकर गरीबों की चौपाल तक पहुंचाया। आज यह केवल एक नीति नहीं, बल्कि करोड़ों आम लोगों के आर्थिक सपनों की सुरक्षा है। यदि यह नींव हिली, तो सामाजिक न्याय की पूरी इमारत डगमगा जाएगी। हमें निजीकरण के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करनी होगी।”

अध्यक्ष श्री राम जी ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों ने दशकों तक देश की अर्थव्यवस्था को हर संकट में संभाला है। चाहे वह कृषि संकट हो, महामारी या नोटबंदी। उन्होंने कहा, “हम सभी बैंककर्मी सिर्फ कर्मचारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने वाले सैनिक हैं।” उपाध्यक्ष कमलेश सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि यदि बैंकों को मुनाफे की अंधी दौड़ में धकेला गया, तो समाज का अंतिम व्यक्ति आर्थिक व्यवस्था से बाहर हो जाएगा। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में हो रहे निजीकरण के प्रयासों को जनविरोधी करार दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी बैंककर्मियों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा, सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति, और आम जनता की सेवा के लिए संगठित, जागरूक और सक्रिय रहेंगे।

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