कारगिल विजय दिवस: दयाशंकर मिश्र दयालु ने शहीद जवानों के परिजनों को किया सम्मानित,बोलें-हमें गर्व है कि मैं गाजीपुर की धरती पर पैदा हुआ

गाजीपुर।कारगिल विजय दिवस की 26 वें स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के बीच गाजीपुर पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री आयुष एवं औषधि प्रशासन दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि हमें गर्व है कि मैं गाजीपुर की धरती पर पैदा हुआ। पूरे भारत में गाजीपुर की जो पहचान है वह इन सैनिकों की शहादत की वजह से है या तो प्राचीन ऋषि मुनियों की धरती होने के कारण है। गाजीपुर में गहमर एक  ऐसा गांव है जहां घर-घर से सैनिक है ।उन्होंने इस अवसर पर कारगिल शहीद की परिजनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध जहां 2 महीने तक चला था वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में भारत में इतनी प्रगति कर ली है कि ऑपरेशन सिंदूर मात्र तीन दिन में ही समाप्त हो गया और भारत को विजयश्री मिली। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश बदल रहा है तथा लखनऊ से ब्रह्मोस मिसाइल तैयार होकर के पूरी दुनिया में अपना डंका बजा रही है । भारत सरकार ने 26000 करोड रुपए का रक्षा उपकरण का निर्यात किया है । उन्होंने आगे कहा कि कारगिल युद्ध में या किसी भी रूप में सेवा में अपनी शहादत देने वाले सैनिकों के परिजन हों या पूर्व सैनिक उनको कहीं भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी। उत्तर प्रदेश सरकार अब गांव-गांव में खेल का मैदान एवं स्टेडियम बनवा रही है जिससे आने वाली पीढ़ी स्वस्थ समृद्ध एवं भारत मां की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रह सके।
विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल ने कहा कि भारत के वीर जवानों ने देश की आन-बान-शान के खिलाफ दुश्मनों के दुस्साहस को सदैव मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने अपना बलिदान देकर भी भारत की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाए रखा है। कारगिल विजय दिवस हमें यही संदेश दे रहा है। जिन वीर सैनिकों ने देश को सुरक्षित रखने के लिए अपना बलिदान दिया है, उनकी प्रेरणा है कि हम एक रहें।
उन्होने  कहा कि राष्ट्र की एकता और अखण्डता सदैव बलिदान मांगती है। हमे भी इसमें अपना योगदान देना होगा। यदि आज हम चैन से सो पाते हैं, समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ पाते हैं, विकास के नये आयामों का लाभ ले पाते हैं और आधुनिक सुविधाओं से लाभान्वित हो पाते हैं, तो इसका कारण यह है कि भारत के वीर जवान सम-विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

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