गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय महुआबाग में विश्व आत्महत्या निवारण सप्ताह के अंतर्गत मनोविज्ञान परिषद की ओर से प्राचार्य प्रोफेसर अनिता कुमारी के मार्गदर्शन एवं मनोविज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ शिव कुमार के संयोजन में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन शनिवार को भी जारी है। इसके अंतर्गत छात्राओं ने आकर्षक चार्ट, पोस्टर और बैनर के माध्यम से “जीवन है अनमोल; आत्महत्या अधर्म कर्म है; आत्महत्या नहीं समस्या का समाधान, आदि नारे लगाते हुए महाविद्यालय परिसर का भ्रमण किया और छात्रों को जागरूक किया।

इस अवसर पर छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य एवं आत्महत्या से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर परिचित कराया गया। मनोविज्ञान परिषद की ओर से आनंदी गुप्ता एवं टीम ने अपना नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया और इसके माध्यम से विद्यार्थियों से अपील किया की 'हालात से वक्त के मारे, तुम भले ही दुनिया को लगे बेचारे, मगर जिंदगी की डोर को ना छोड़ना कभी आत्महत्या के सहारे।

इसके बाद नेहा शर्मा, शालू गुप्ता और अंजलि अग्रहरी के नेतृत्व में छात्राओं ने पारिवारिक समस्याओं को दिखाते हुए द्वितीय नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर छात्राओं को जागरुक करते हुए बताया कि 'संघर्षों से घबराकर यदि सब मृत्यु गले लगाते, डर के आगे जीत लिखे जो ना विजेता वह मिल पाते। आत्महत्या का विचार आना एक विशेष मनोदशा की स्थिति है। थोड़ा रुके, थोड़ा सोचे, किसी से बात करें तो बात बन जाएगी। किसी अस्थाई समस्या का स्थायी समाधान आत्महत्या है। आत्महत्या से कुछ ना सुलझे, परिवार उजड़ जाएगा। तुम्हारी कमी की भरपाई कौन कर पाएगा?

आत्महत्या ख्याल जो आए, उसे पल को तुम बस टालों! सबसे ज्यादा प्यार जिससे हाले दिल उसे सुना लो! पात्रों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उपस्थित विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन के तनाव से सकारात्मक रूप से सामना करने की भूमिका को बखूबी प्रदर्शित किया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर अनिता कुमारी ने इस आयोजन हेतु मनोविज्ञान परिषद की सराहना किया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ सगीता, डॉ निरंजन कुमार, डॉ नेहा कुमारी, डॉ शशि कला आदि प्राध्यापक गण एवं महाविद्यालय की छत्राएं उपस्थिति रही। कार्यक्रम के संयोजन में मनोविज्ञान परिषद की ओर से मानसी अग्रवाल,महक खान, अर्चना कश्यप, गरिमा यादव, अभिलाषा राय, स्वधा गुप्ता, आदि ने प्रमुख भूमिका निभाई।



