शिक्षकों ने डीएम को सौंपा अपना मांग पत्र, कहा…….

गाजीपुर। 1 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर अपना आदेश सुनाते हुए सभी शिक्षकों को टीईटी की परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में अब उन शिक्षकों के सामने समस्या आ गई है जो साल 2011 से पहले सभी अहर्ता पूरा करते हुए आए थे। लेकिन उस वक़्त टेट लागू नहीं था। ऐसे में अब वह शिक्षक 50 के पार हो चुके हैं। यानी कि अब उनकी उम्र परीक्षा देने के लायक नहीं रही बावजूद इनके यदि वह टेट की परीक्षा देकर पास नहीं होते हैं तो उन्हें अपने नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा जिसको लेकर अब शिक्षक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद आर पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो गए हैं।

इसी कड़ी में आज प्राथमिक शिक्षक संघ सैकड़ो की संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और यहां पर इन लोगों ने नारेबाजी करते हुए अपना पत्र कार्यालय पर आए हुए अधिकारी को सौपा। इस दौरान इन सभी लोगों ने जो सुप्रीम कोर्ट को अंधकार में रखकर इस नियम को लागू कराया गया है उसे तत्काल प्रभाव से खत्म करने की मांग किया है। इनका कहना है कि साल 2017 में ही इस कानून को पास कर दिया गया था लेकिन इसे इंप्लीमेंट नहीं किया गया था और उसे अब इंप्लीमेंट किया गया है जिसको लेकर अब लाखों शिक्षकों के सामने एक बड़ी समस्या आ गई है कि वह विद्यालय में छात्रों को पढ़ाया या फिर परीक्षा देने के लिए खुद पढ़ें।

इस दौरान आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है इस मामले पर शिक्षकों ने योगी सरकार के इस कदम की सराहना किया लेकिन इसके पहले इन लोगों ने कहा कि इस आदेश में जो भी खामियां हैं उसे दुरुस्त करते हुए आगे के करवाई किया जाए।

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