महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि पर साप्ताहिक श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि पर साप्ताहिक श्रद्धांजलि सभा हुआ आयोजन

— एक संत, योद्धा और समाज सुधारक थे महंत अवैद्यनाथ: डॉ इंद्रदेव सिंह

गाजीपुर। नगर के शाहिपुरा मोहल्ला स्थित निजी मैरिज हॉल में विश्व हिंदू महासंघ (गांधीपुरी) के तत्वाधान में राष्ट्र संघ ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की 11वीं पुण्यतिथि पर साप्ताहिक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। अतिथि गढ़ सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर मंहत अवैद्यनाथ जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक डॉक्टर इंद्रदेव सिंह ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ: एक संत, एक योद्धा और एक समाज सुधारक थे। जिन्होंने राम मंदिर के लिए बिगुल फूँका और योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्तित्व को निखारा था। सन 1919 में एक साधारण परिवार में जन्मे महंत अवैद्यनाथ को पहले ‘कृपाल सिंह बिष्ट’ के नाम से जाना जाता था। समय के साथ वह गोरखनाथ मठ के महंत बने।अपने गुरु महंत दिग्विजयनाथ से विरासत में मिले बड़े कर्तव्यों को सफलतापूर्वक निभाया। महंत अवैद्यनाथ का जीवन केवल आध्यात्मिकता और समाज सेवा तक ही सीमित नहीं रहा।राजनीति में भी कदम रखा। अपने धार्मिक आदर्शों को बेहद मजबूती के साथ लागू किया, जिसे आज एक आदर्श के रूप में माना जाता है। उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। गोरखपुर से सांसद भी सदस्य बने। सन 1962 में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के मनीराम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से हिन्‍दू महासभा की ओर से चुनाव में भाग लिया था। सन 1969 में जब वे मठ का महंत बनकर उसका कार्यभार सँभाला था। मुख्य वक्ता क्षेत्रीय महामंत्री श्री दिनेश चंद्र पांडे ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ के नेतृत्व में 21 जुलाई 1984 को अयोध्या के वाल्मीकि भवन में श्रीराम जन्मभूमि यज्ञ समिति का गठन किया गया। 1 नवंबर 1985 को द्वितीय धर्म संसद में समिति ने सरकार को अल्टीमेटम दिया गया। 8 मार्च 1986 तक राम मंदिर के ताले खुलवा दे नहीं तो सरकार लाखों संतों के क्रोध का सामना करने को तैयार रहे।

1 फरवरी 1986 को श्रीराम जन्मभूमि के ताले खोले जाएँ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह थे। उनकी महंत अवैद्यनाथ में गहरी आस्था थी। प्रधानमंत्री राजीव गाँधी पर इतना दबाव बनाने में सफल रहे। इस फैसले में सहयोग करें। आगे चलकर राजीव गाँधी उनके आगे झुके। 22 सितंबर 1989 को दिल्ली के वोट क्लब में विशाल हिंदू सम्मेलन में महंत अवैद्यनाथ के नेतृत्व में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने की तिथि निश्चित कर दी गई। 9 और 10 नवंबर 1989 को वैदिक विधि विधान से आधारशिला का समारोह शुरू हुआ। महंत अवैद्यनाथ के कहने पर अनुसूचित जाति से आने वाले कामेश्वर चौपाल से आधारशिला रखवाई गई। इस तरह श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व गोरक्षपीठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ कर रहे थे। इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष अर्जुन सेठ,जिलाध्यक्ष विश्व हिंदू महासंघ गाजीपुर ओमकार सर्राफ, हिमांशु राय, मंडल प्रभारी श्री संतोष तिवारी, संभाग प्रभारी श्री सिद्धार्थ कुमार सिंह, वाराणसी जिलाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, महानगर अध्यक्ष श्री भारत भूषण सिंह, भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी राय, अखिल भारतीय स्वर्णकार अनुसंधान शोध के जिलाध्यक्ष मनीष वर्मा, जगदीश वर्मा, बजरंग दल जिला संयोजक रविराज, संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष बबलू जायसवाल, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि मंत्री पवन वर्मा, वैश्य समाज जिला अध्यक्ष संजय केसरी पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा रासबिहारी राय, सक्षम विभाग शंकर पांडेय, नगर संघ चालक दीनदयाल आदि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा पूर्व नगर अध्यक्ष अर्जुन सेठ ने और सफल संचालन महेंद्र वर्मा ने किया।

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