चकिया की रामलीला में श्रीराम ने किया बालि का वध

चकिया (गाज़ीपुर): करंडा क्षेत्र के चकिया गांव में चल रही ऐतिहासिक रामलीला में रविवार की रात मयसुत व बालि वध प्रसंग का भव्य मंचन किया गया। सीता जी की खोज में निकले भगवान श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण और सुग्रीव के साथ मिलकर अधर्म के प्रतीक बालि का अंत किया। यह प्रसंग दर्शकों के बीच अत्यंत रोमांचक और भावनात्मक रहा।
लीला के दौरान श्रीराम की भूमिका अमृत पांडेय ने निभाई, जबकि लक्ष्मण की भूमिका आयुष पांडेय ने प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की। बालि के रूप में उपेन्द्र पांडेय ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं सुग्रीव की भूमिका विकास, हनुमान की भूमिका लवकुमार, तारा की भूमिका गोपाल पांडेय, और शबरी की भूमिका रामप्रवेश ने जीवंत कर दी।
इसके अतिरिक्त जामवंत बने नीरज, अंगद बने अनुराग, मयसुत की भूमिका टनटन, और जटायु बने आदेश पांडेय ने अपनी-अपनी भूमिकाओं को सशक्त अभिनय से सजाया। सभी कलाकारों की संवाद अदायगी और मंचन ने दर्शकों को ऐसा अनुभव कराया मानो वे त्रेतायुग में उपस्थित हों।
मंचन के दौरान जब श्रीराम ने वृक्ष के पीछे से अपने बाण से बालि का वध किया तो पूरा पंडाल “जय श्रीराम” और “हर-हर महादेव” के नारों से गूंज उठा। बालि वध के बाद श्रीराम के धर्म और न्याय पर दिए गए उपदेश ने लोगों के हृदय को गहराई से छू लिया।
रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस मंचन का उद्देश्य केवल धार्मिक परंपरा का निर्वाह नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देना है कि अधर्म और अन्याय का अंत निश्चित है। समिति ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में सुग्रीव राज्याभिषेक, सीता खोज और संजीवनी जैसे रोचक प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
गांव और आसपास के क्षेत्रों से जुटे सैकड़ों श्रद्धालु देर रात तक इस दिव्य लीला के साक्षी बने और भाव-विभोर होकर प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाते रहे।