चारों भाइयों का मिलन देखकर दर्शक हुए भाव विभोर


गाजीपुर। अति प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भाति इस वर्ष भी 3 अक्टूबर शुक्रवार को सकलेनाबाद में रामलीला के क्रम जिले का ऐतिहासिक भरत मिलाप लीला देखकर दर्शक भाव विभोर हुए।
मालूम हो कि श्री राम के वनवास काल का शेष एक दिन रह गया था कि भरत अपने राज्य अयोध्या में प्रभु श्री राम के आने की राह निहार रहे थे और चिंतित थे। इसी बीच हनुमान जी ब्राह्मण का भेष बनाकर श्री राम की आज्ञा के अनुसार दूत बनकर अयोध्या आए और महाराज भरत से प्रभु श्री राम के आने का संदेश भरत को सुनाते हैं। श्री राम के आने की सूचना पाकर भरत जी आए हुए ब्राह्मण से पूछते हैं –
को तुह्म तात कहां ते आए। मोहि परम प्रिय बचन सुनाए। हभाई तुम कौन हो और कहां से आए हो जो तुम मुझे परम प्रिय वचन सुना रहे हो इतना सुनते ही हनुमान जी कहते हैं कि मारुति सुत मैं कपि हनुमान नाम मोरी सुनु कृपा निधाना। मैं जाति का वानर हूं मेरा नाम हनुमान है इसके बाद हनुमान जी अपने असली रूप में आकर के भरत जी के चरणों में प्रणाम करते हैं तो भरत जी उन्हें अपने गले से लगा कर कहते हैं कि कपि तव दरश सकल दुख बीते। मिले आजु मोहि राम पिरिते। हे हनुमान जी आपका दर्शन पाकर मुझे ऐसा मालूम होता है कि हमारे सामने भैया राम उपस्थित हो ऐसा मुझे महसूस हो रहा है।
उसके बाद हनुमान जी भरत जी से विदा होकर वापस भारद्वाज मुनि के आश्रम पर चले जाते हैं।
उधर प्रभु श्री राम के आगमन की सूचना पाकर भरत जी वशिष्ठ जी और शत्रुघ्न जी के साथ अयोध्या से प्रयागराज के लिए श्री राम से मिलने रथ पर सवार होकर चल देते हैं। आगे जाने पर भारद्वाज मुनि के आश्रम के निकट अपने रथ को रोक करके गुरु वशिष्ट जी से निवेदन करते कि आप आईए।इसके बाद भरत और शत्रुघ्न भारद्वाज मुनि के आश्रम पर पहुंकर श्री राम के चरणों में साष्टांग दंडवत करते हैं भरत को साष्टांग दंडवत करते देखकर श्री राम जी उन्हें उठाकर भाई भरत को गले से लगाते हैं। भरत राम के मिलाप देख कर उपस्थित जन समुदाय जय श्री राम के नारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंजाय मान कर दिया। चारों भाइयों के प्रेम को देखकर उपस्थित जन समुदाय के आंखों से आंसू छलक उठते हैं। इसके बाद श्री राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न का रथ वापस अयोध्या के लिए प्रस्थान कर देता है। श्री राम आते समय श्रृंगवेरपुर केराजा तथा अपने मित्र निषाद राज से भेंट करते हैं उसके बाद उनका रथ अयोध्या के लिए प्रस्थान कर देता है।
अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से महाराज भरत जी का रथ झु्न्न लाल चौराहा, आमघाट, राजकीय महिला महाविद्यालय, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, महुआ बाग, चौराहा, पहाड़ खां पोखरा स्थित श्री राम जानकी मंदिर पर आकर मेला समाप्त हुआ।
इस अवसर पर कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, संयुक्त मंत्री लव कुमार त्रिवेदी, प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी ,उप प्रबंधक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित कुमार अग्रवाल ,अनुज कुमार अग्रवाल, प्रमोद कुमार गुप्ता ,अजय कुमार अग्रवाल ,सुधीर कुमार अग्रवाल ,धीरज अग्रवाल, कृष्णांश त्रिवेदी, राम सिंह यादव, राजेश गुप्ता उपस्थित रहे। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस प्रशासन द्वारा अधिक संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे।