अंग्रेजो ने हिन्दू राष्ट्र को नेपाल, भूटान, तिब्बत, श्रीलंका, वर्मा को भारत से अलग कर कमजोर किया:प्रान्त प्रचारक



गाजीपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के विजयदशमी उत्सव के उदघाटन सत्र में बुधवार को नगर के भाऊराव देवरस बस्ती के विवेकानन्द शाखा का विजयदशमी उत्सव आमघट स्थित स्थानीय मैरेजहाल के प्रांगण मे मनाया गया। उत्सव में मुख्य अतिथि काशीप्रान्त प्रचारक रमेश ने सर्वप्रथम भारत माता व संघ के संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार व माधव सदाशिवराव गोलवरकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्जवलित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की जरूरत क्यो पड़ी उसपर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि भारव वर्ष हमारा छोटे छोटे राज्यो मे विभक्त था जिससे कई बाहरी आक्रान्ता आये और उन छोटे छोटे राज्यो को संगठित न होने से अपने राज्य का विस्तार करने लगे जिससे हिन्दु परम्परा व संस्कृति का हृास हुआ और हिन्दुओ का पतन हुआ। 7वीं शताब्दी मे आदि गुरूशंकरा चार्य ने पूरे भारत भ्रमण कर मठो व मंदिरो मे विद्यतजनो से शास्त्रार्थ किया और निरंजन अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, उदासीन अखाड़ा जैसे सभी अखाड़ो मे जाकर शास्तार्थ कर उन्हे धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। जो हिन्दू धर्म की रक्षा करते हुए नागा साधुओ व संतो को शस्त्र विद्या सिखाकर उन्हे धर्म की रक्षा मे लगाया गया। हमारे देश के असंगठित लोग संगठित अंग्रेजो का मुकाबला नही कर पाये और अंग्रेज यहा पर चर्च के पादरी, एसपी डीएम सीएमओ व कर्नल, जनरल बनकर हमारे हिन्दुओ को अपने सेना मे सिपाही बनाकर कर संगठित सेना के बल पर सौ वर्षो तक शासन किया। हिन्दुओ मे अभिव्यक्ति निर्माण व पूराने शौर्य को स्मरण कराने के लिए भगवाध्वज को आदर्श माना और देश मे फैले आसुरी शक्ति व राक्षसो के विनाश के लिए भगवान श्रीराम व हनुमान ने धर्म की रक्षा के लिए समाज को जगाने का कार्य किया उसी से प्रेरित होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गयी। भारत हिन्दू राष्ट्र है अंग्रेजो ने भारत को कमजोर करने के लिए 1904 में नेपाल को अलग कर दिया 1906 मे भुटान को अलग किया, 1930 मे इसी तरह तिब्बत, श्रीलंका, वर्मा, गंधार को अलग कर भारत को कमजोर किया। हमारी शिक्षा व सास्कृतिक व्यवस्था को नष्ट करने के लिए भ्रामक इतिहास लिखे गये। इन्ही लोगो मे राष्ट्रीय चेतना और पुराने वैभव को हनुमान की तरह जगाने के उददेश्य से इसका गठन किया गया। सर संघचालक मोहन भागवत के बयान पर बोलते हुए कहा कि हमारा विशाल भारत के पीओके जैसे एक कमरा मे अपना कुर्सी मेज रखकर जो कब्जा करना चाहते है अब उन्हे खाली करना होगा। जो आज सौ वर्ष का सफर पूरा कर रहा है। इससे पूर्व प्रान्त प्रचारक ने आज अपरान्ह मे धारानगर मे कार्यक्रम को संबोधित किया है। बस्ती प्रमुख संतोष पाण्डेय के नेतृत्व मे पथ संचलन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संघचालक जयप्रकाश ने किया। पथसंचलन झुन्नूलाल चौराहा पावरहाउस, महिला अस्पताल, मिश्रबाजार, महुआबाग, आमघाट पार्क होते हुए कार्यक्रम स्थल पर समाप्त हुआ।
इससे पूर्व केशव बस्ती के केशव शाखा पर विजयदशमी पर्व मनाया गया। जिसमे सह विभाग प्रचारक प्रेमप्रकाश ने शताब्दीवर्ष के महत्व को बताते हुए विगत सौ वर्षो की चर्चा किये और संघ के विभिन्न आनुशांगिक संगठनो पर प्रकाश डाला। शिक्षा के क्षेत्र मे बाल विद्या भारती व सेवा के क्षेत्र मे सेवा भारती, क्रिड़ा भारती, मजदूर महासंघ, किसान महासंघ, विश्व हिन्दू परिषद, गोसंवर्धन, स्वदेशी जागरण मंच, हिन्दू जागरण मंच, धर्म जागरण आदि जैसे दर्जनो आनुशांगिक संगठनो पर प्रकाश डाला और उनके समय समय पर उनके सहयोग की सराहना की। आगे शताब्दी वर्ष के पंच प्रण के पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी, कुुटुम्ब प्रबोधन, समरसता व नागरिक कतर्व्य के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। तत्पश्चात नगर मे पथ संचलन के कार्यक्रम घोष के साथ ध्वजवाहक रितेश के नेतृत्व में नगर के झुन्नूलाल चौराहा, महाजनटोली, नियाजी होते हुए बैजनाथ चौक प्रकाश टाकिज, लालदरवाजा, हरिशंकरी होते अग्रसेन धर्मशाला मे समाप्त हुआ। जिसमें जिला प्रचारक प्रभात, नगर प्रचारक विक्रम, विश्व हिन्दु परिषद काशी प्रान्त के सेवा प्रमुख दिनेश चन्द पाण्डेय, आदि उपस्थित रहे।