गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय महुआबाग में 13 दिसंबर को हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश हेतु विभागीय शोध समिति (डी आर सी) संपन्न हुई। हिन्दी विभाग में रिक्त छ: सीट के सापेक्ष शोध में प्रवेश लेने हेतु कुल ग्यारह आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से कुल नौ अभ्यर्थी उपस्थित रहे। बाह्य विशेषज्ञ प्रोफेसर योगेन्द्र प्रताप सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज ने विश्वविद्यालय के सभी मानकों जैसे एकेडमिक सूची, प्रस्तुतिकरण और साक्षात्कार के आधार पर छ: शोधार्थियों का चयन शोध कार्य के लिए किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि शोध किसी भी अनुशासन का सर्वोच्च प्राप्य है। यह बिना रुचि के सम्भव नहीं है। पी एच डी की डिग्री भले आपको पांच वर्ष में मिल जाती है लेकिन सच्चाई यह भी है कि बहुत कम लोग ही पाँच वर्ष में शोध कर पाते हैं। शोध के दौरान आप अपने ज्ञान का परीक्षण और विस्तार करते हैं।

इस अवसर पर प्राचार्य प्रो अनीता कुमारी ने कहा कि जिस पारदर्शिता के साथ शोध में चयन किया गया यदि उसी पारदर्शिता के साथ यदि शोध कार्य किया गया तो वह शोधार्थियों की पहचान बना देगी। मीडिया प्रभारी डॉ शिव कुमार के अनुसार हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.संगीता के निर्देशन में शोधार्थियों की यह चयन प्रक्रिया संपन्न हुई जिसमें महाविद्यालय के शोधार्थी श्वेता यादव, जामवंत भारती एवं आदित्य प्रताप सिंह का सहयोग सराहनीय रहा। चयनित शोधार्थी हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसरद्वय डॉ निरंजन कुमार यादव और डॉ शशिकला जायसवाल के निर्देशन में शोध कार्य करेंगे।
