

विजय दिवस 2025: राष्ट्रपति भवन में ‘परमवीर दीर्घा’ का भव्य उद्घाटन,
नई दिल्ली।आज ‘विजय दिवस’ के ऐतिहासिक अवसर पर, देश के उन महान सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक अभूतपूर्व पहल की गई। जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। प्रधानमंत्री के विशेष प्रस्ताव पर, महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के कर-कमलों द्वारा राष्ट्रपति भवन में ‘परमवीर दीर्घा’ का विधिवत उद्घाटन किया गया।
परमवीर दीर्घा: शौर्य की जीवंत गाथा
इस नव-निर्मित दीर्घा में देश के 21 परमवीर चक्र विजेताओं की भव्य तस्वीरें लगाई गई हैं। यह दीर्घा न केवल राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाएगी, बल्कि यहाँ आने वाले लोगों को भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान की कहानियों से भी रूबरू कराएगी।
परिजनों का सम्मान और महामहिम के साथ संवाद
कार्यक्रम की सबसे भावुक और गौरवपूर्ण कड़ी वह रही, जब देश के इन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के परिजनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
सम्मान समारोह:राष्ट्रपति जी ने सभी परिजनों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया।
चाय पर चर्चा: औपचारिक उद्घाटन के बाद, राष्ट्रपति ने शहीदों के परिजनों के साथ एक विशेष ‘चाय और जलपान’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी के साथ बैठकर काफी समय बिताया और उनके अनुभवों को साझा किया।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए कई वीवीआईपी (VVIP) और सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री,सीडीएस (CDS)चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ,
तीनों सेनाओं के प्रमुख, थल सेना, वायु सेना और नौसेना के अध्यक्ष
राष्ट्रपति भवन के अधिकारी, कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
वीर अब्दुल हामिद के पौत्र की उपस्थिति
शौर्य की इस सभा में परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद वीर अब्दुल हामिद जी के पौत्र, जमील आलम भी सम्मिलित हुए। उन्होंने इस अवसर पर अपने दादाजी की विरासत और देश के प्रति उनके बलिदान को याद किया और इस सम्मान के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया।
निष्कर्ष
यह आयोजन राष्ट्रवाद की भावना को सशक्त करने वाला रहा। प्रधानमंत्री के विजन और राष्ट्रपति जी के सानिध्य में ‘परमवीर दीर्घा’ अब आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक अक्षय स्रोत बनेगी।