बूत परस्ती के नाम पर सर गंगा राम के मूर्ती को तोड़ा गया- स्वामी जितेन्द्र आनन्द
गाजीपुर। हिन्दू समाज की बंधुता, परस्पर प्रेम सहयोग व स्वाभिमान का हिन्दू सम्मेलन माधव बस्ती के अन्तर्गत रायल पैलेस बंशीबाजार में सोमवार की देर रात्रि आयोजित की गयी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी जितेन्द्र आनन्द सरस्वती, विशिष्ट अतिथि निर्मला दीदी, कार्यक्रम के अध्यक्ष डाक्टर आर पी शर्मा ने संयुक्त रूप से भारत माता के चित्र पर माल्यापर्ण कर दीप प्रज्जवलित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने शताब्दी वर्ष पर पंच परिवर्तन पर जोर दिया। जिसमें कुटुम्ब प्रबोधन, समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी के साथ साथ नागरिक कतर्व्य पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना के पीछे हिन्दू दर्शन के लिए महामना मदन मोहन मालवी ने बीएचयू मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए गंगाघाट पर स्नान कर बाबा विश्वनाथ मंदिर मे दर्शन कर अपने अपने कक्षाओ मे अध्ययन के लिए जायेगे जिससे हमारी हिन्दू परम्परा का निवर्हन विद्यार्थियों में निरंन्तर विद्यमान रहे।

पाकिस्तान में महिलाओ के इलाज के लिए सबसे पहले गंगा राम ने हास्पिटल खुलवाया और उस हास्पिटल मे उनकी मुर्ती लगायी गयी। 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान भारत से अलग हुआ सबसे पहले 15 अगस्त को सर गंगा राम के मूर्ती को बूत परस्ती के नाम पर तोड दी गयी। अफगानिस्तान मे तालिबान शासन आते ही पर्वतो पर बनी विशाल भगवान बुद्ध की मूतियों को बूत परस्ती के नाम विध्वंस कर दी गयी। अपने शताब्दी वर्ष की यात्रा मेें पीढी दर पीढ़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिन्दू राष्ट्र को कायम रखा और 18 अगस्त 1893 में स्वामी विवेकानन्द ने हिन्दू धर्म पर 15 से 20 भाषण देना पड़ा। हम हिन्दू राष्ट्र के अंग है इनकी संघ की प्रार्थना मे ’ध्वजा हिन्दू राष्ट्रांग भूता’ बहुत पहले से गाया जाता है कि हम हिन्दू राष्ट्र के अंग है, डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने बताया कि ये हिन्दू राष्ट्र है इसे हिन्दू राष्ट्र बनाना नही है हम पहले से हिन्दू राष्ट्र के अंग है।

मूल संविधान के कापी पर रामराज्य का चित्र बना हुआ है। प्रयागराज के कुंभ मे बिना किसी जाति विभेद के भेदभाव रहित करोड़ो हिन्दूओ ने त्रिवेणी में एक साथ स्नान किया। गंगा घाट पर किसकी चिता जल रही है ये कोई नही पुछता, महिला सम्मान की बात करने वाले डोनाल्ड ट्रम्प महिला को हरा कर ही राष्ट्रपति बने है आज तक कोई महिला अमेरिका की राष्ट्रपति नही बन सकती और वो लोग महिला सम्मान की बात करते है जो वेश्वावृत्ति को अपने यहा मान्यता देते है। हमारे यहा माता सीता के रक्षा के लिए पंक्षी जटायू ने अपने प्राण तक न्योछावरकर दिये। नौ दुर्गा व शक्तिपीठ की पूजा हमारी नारी सम्मान का प्रतीक है। हमारे यहा मंदिरो का सोना पुरा देश चलाने के लिए काफी है। इसी क्रम में डाक्टर आर पी शर्मा व प्रजापिता ब्रम्हकुमारी निर्मला दीदी ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अन्त में भारत माता के चित्र पर सामुहिक आरती किया गया। कार्यक्रम के अन्त में महिलाओ को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे जिला प्रचारक प्रभात, नगर प्रचारक विक्रम, विभाग सम्पर्क प्रमुख अशोक, बस्ती प्रमुख राजकुमार, संयोजक दीपेन्द्र, हर्ष, मनोज व सुधीर व संचालन अधिवक्ता नीरज ने किया।