गाजीपुर। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में “राष्ट्रवादी काव्यपाठ” का आयोजन किया गया। इस काव्यपाठ का मुख्य विषय आजादी का 75 वा वर्ष एवं युवा पीढ़ी रहा। काव्यपाठ में डा निरंजन, डा गजनफर, डा संगीता, डा शशिकला व डा रामनाथ केसरवानी ने अपना काव्यपाठ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के संयोजक डा अमित यादव ने काव्यपाठ का संचालन करते हुए कहा कि इंद्रधनुष की सतरंगी रंगों की भांति विविध संस्कृतियों वाला देश भारत इंद्रधनुष के सतरंगी रंगों के संयोजन से बनने वाले श्वेत रंग की भांति दुनिया को शांति और समृद्धि का संदेश देता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सविता भारद्वाज ने की इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है, पत्थर है, जिसमें बहती रसधार नहीं। इसी क्रम में
डा निरंजन यादव ने दिनकर को याद करते हुए उनकी कविता “जली अस्थियां बारी बारी, छिटकाई, जिनने चिंगारी, जो चढ़ गए पुण्य बेदी पर, लिए बिना गर्दन का मोल कलम आज उनकी जय बोल का सस्वार पाठ किया। डा गजनफर ने सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमरा पढ़कर भारत की कभी न मिटने वाली हस्ती की बात पर जोर दिया। डा संगीता ने सिंहासन पर नहीं वीर, बलिवेदी पर मुस्काते चल, ओ वीरों के नए पेशवा, जीवन ज्योति जागते चल का पाठ किया। डा रामनाथ केसरवानी ने सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजुए कातिल में है। वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां, हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है।काव्यपाठ के इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राएं एवं शिक्षक उपस्थित रहे।