प्रशिक्षण शिविर का सीएमओ ने किया शुभारंभ

नोटिफिकेशन के लिए सीएचओ का हुआ वर्कशॉप

ग़ाज़ीपुर।भारत सरकार के द्वारा क्षय रोग को 2025 तक हर हाल में खत्म करने को लेकर लगातार विभागीय कवायद चल रहे हैं। जिसमें क्षय रोग के अधिक से अधिक मरीजों को खोज कर उनका इलाज कराने के संबंध में लगातार दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद के 132 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में शुरू किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने मंगलवार को किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में त्वरित कार्रवाई के लिए निदेशक (राष्ट्रीय कार्यक्रम) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के द्वारा पत्र आया था। जिसमें कई बिंदुओं पर कार्य करने के बारे में लिखा गया था। जिसमें जनपद में तैनात सीएचओ के प्रशिक्षण के संबंध में भी निर्देश दिए गए थे। जिसको लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

शासन के इस महत्वपूर्ण कार्य को अमली रूप में लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने माइक्रो प्लान बनाकर जनपद के सभी सीएचओ का प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। जो 16 अगस्त से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा। इसके अलावा 24 अगस्त को जनपद के समस्त बीपीएम एवं बीसीपीएम का भी प्रशिक्षण कराया जाएगा। जिससे कि जनपद में क्षय रोग का कोई भी मरीज छूटने ना पाए। जिसके लिए एक बैच में 44 सीएचओ की ट्रेनिंग कराई जा रही है।

जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि जनपद मैं तैनात सभी सीएचओ का दो दिवसीय फिजिकल मोड के तहत उनके कार्यों की समीक्षा और मूल्यांकन के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया की प्रदेश में 5.5 लाख टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। क्योंकि साल के दूसरे एवं तीसरे त्रैमास में टीबी के मरीज अधिक पाए जाते हैं। जिसके लिए विशेष अभियान चलाकर 1 अगस्त से 30 सितंबर तक अपने जनपद में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य प्राप्त करना है। जिसके लिए आए हुए सभी सीएचओ को कई तरह के सुझाव दिए गए।

उन्होंने बताया कि सभी सीएचओ को स्वास्थ्य इकाई के ओपीडी का कम से कम 5% रोगियों का क्षय रोग की जांच के लिए निकटतम माइक्रोस्कॉपी सेंटर पर संदर्भित करें। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर के निजी अस्पतालों से भी संपर्क स्थापित करें। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी निजी चिकित्सक चिकित्सालय का नोटिफिकेशन पेंडिंग ना हो।

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण देने वालों में डॉ मनोज सिंह, अनुराग पांडे ,वेंकटेश्वर प्रसाद शर्मा ,सुनील वर्मा, संजय यादव व अन्य लोग शामिल है।

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