
गाजीपुर। मंगलवार को साइबर सेल द्वारा साइबर अपराध के पीड़ितों का कुल 6 लाख 52 हजार 500 रुपए वापस कराने में बड़ी सफलता प्राप्त हुई। बता दें कि पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के आदेश के क्रम में साइबर अपराध के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत और प्रार्थना पत्रों पर कार्यवाही हेतु दिये गये, आदेश -निर्देश के अनुपालन के तहत आवेदको के अवैध ट्रांजेक्शन होने की शिकायत पर प्रभारी साइबर सेल उ0नि0 वैभव मिश्रा अपने टीम के साथ प्रकरण का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी / मर्चेन्ट को त्वरित रूप से जरियें मेल पत्राचार कर एवम् दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण कर आवश्यक कार्यवाही की गयी, जिसके बाद कुल 6 ऑफलाइन / ऑनलाईन आवेदक के प्राप्त प्रार्थना पत्रो पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आवेदको की गाढ़ी कमाई कुल 652500 को खातें में वापस कराया गया। अपनी मेहनत की कमाई पुनः प्राप्त होने पर आवेदको द्वारा साइबर कार्यालय उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया। शिकायत करने वाले पीड़ित प्रणव विक्रम सिंह निवासी रेवतीपुर 20 हजार, रामचन्द्र प्रसाद निवासी थाना कोतवाली 20 हजार, सुशील कुमार निवासी थाना नंन्दगंज 49 हजार 500, मोहम्मद नसीम थाना खानपुर 20 हजार, दयाशंकर थाना नंन्दगंज 40 हजार और मनोज थाना करण्डा का 5 लाख 3 हजार साइबर सेल ने वापस दिलाया। ऐसे बनाए जाते है लोग साइबर अपराध के शिकार। साइबर ठगों द्वारा लोगों को फोन और ईमेल करके किसी को लाटरी लगने का मैसेज, किसी को फोन करके उसका बैंक अकाउण्ट हैक होने व कार्ड बंद होने का डर दिखाकर जानकारी कर लेतें हैं और किसी को एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाकर ठगी का शिकार बना लेतें हैं। पीड़ितों की धनराशि वापस कराने वाली टीम में उ0नि0 वैभव मिश्रा प्रभारी साइबर सेल, का0 मुकेश कुमार साइबर सेल, का0 राजकुमार साइबर सेल, का0 विकास श्रीवास्तव साइबर सेल, का0 शिव प्रकाश यादव साइबर सेल और महिला कांस्टेबल प्रतिभा शुक्ला शामिल रही।
सावधानीयां
कभी किसी मेसेंज पर विश्वास नहीं करे।
बैंक के संबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करें।
फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई नही करे।
अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नहीं करे।
फेसबुक या अन्य किसी सोशल मीडिया पर अनजान लोगों के साथ विडियो कॉलिंग न करें।
अज्ञात स्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन ना करें।
रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर एनीडेस्क, क्विक सपॉट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे।
पैसे की प्राप्ती करने हेतु कभी भी एम0पिन या यू०पी०आई० पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।





