



गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरूवार को राष्ट्रीय सेवा योजना की तरफ से एक विचार गोष्ठी और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के प्रारंभ में डॉ. मनीष ने कहा कि प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को बच्चों और युवाओं से जोड़कर देखा जाता था लेकिन एचआईवी केवल बच्चों और युवाओं को ही संक्रमित नहीं करता बल्कि यह हर उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले सकता है। अमेरिकन जीन टेक्नोलॉजी का दावा है कि जीन थेरेपी के माध्यम से इसका ईलाज संभव है लेकिन अभी यह जन सामान्य की पहुँच से बाहर है। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अमित यादव ने कहा कि एचआईवी संक्रमण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह सबसे पहले जीवन प्रतिरक्षा प्रणाली को लक्ष्य करता है। जैसे ही लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है यह बीमारी अपने प्रभाव में ले लेती है। डॉ. संगीता ने कहा कि अभी तक इसके लिए कोई टीका नहीं बना है इस लिए बचाव ही इसका सही उपाय है। डॉ. गजनफर सईद ने कहा कि इसके लक्षण में तेजी से वजन का कम होना, दस्त, खासी बुखार जैसे शरीरिक लक्षण दिखने प्रारंभ हो जाते हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. सविता भारद्वाज ने कहा कि हर वर्ष आज के ही दिन विश्व एड्स दिवस इसी उद्देश्य के साथ मनाया जाता है कि एचआईवी संक्रमण की वजह से फैली महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है। सरकार अपने मकसद में कामयाब तभी होगी जब देश के नागरिकों का सहयोग प्राप्त हो। इस कार्यक्रम में स्वयं सेवियों ने पोस्टर प्रदर्शनी लगाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। इन स्वयं सेवियों के पोस्टर का मूल्यांकन किया गया जिसमें विशाखा चौहान प्रथम, तनवीर फात्मा द्वितीय तथा तीसरे स्थान पर हिना खातून और सत्या कुमारी रहीं साथ ही कृष्णा कुशवाहा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त कीं। यह समस्त सूचनाएँ मीडिया प्रभारी डॉ शिवकुमार ने साझा करते हुए कहा कि अभी 2020 की ताजा रिपोर्ट यह है कि इस बीमारी के कारण सात लाख के करीब लोगों की मौत हो गयी है। इसका अर्थ यह है कि हम अभी तक इस मामले में जागरूक नहीं हो पाए हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राजेश यादव, डॉ. हरेंद्र यादव के साथ ही समस्त छात्राएं उपस्थित रहीं।





