सरकार के खिलाफ बोलने वाले नेताओं को जेलों मे डाला जा रहा है

गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय समता भवन पर डॉ राम मनोहर लोहिया की जयंती और शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत दिवस पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी गुरूवार को आयोजित हुई। गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व सभी कार्यकर्ताओं ने इनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश में समता मूलक समाज बनाने एवं आज की राजनीति में बढ़ रहे कुरीतियों एवं कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने के साथ साथ लोकतंत्र और देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने का संकल्प लिया। रामधारी यादव ने इन महापुरुषों को श्रद्धाजंलि‌ अर्पित करते हुए कहा कि
आज देश के वर्तमान राजनैतिक दौर में जब जातिवाद और सम्प्रदायवाद चरम सीमा पर है, जब जातिवाद और साम्प्रदायिकता का नंगा नाच हो रहा हो ऐसे दौर में डा. लोहिया जी पुनः प्रासंगिक हो उठे हैं। डॉ लोहिया ने जाति तोड़ो समाज जोड़ो का नारा दिया था लेकिन आज जाति तोड़ने के बजाय जाति जोड़ने की ही मुहिम चलाने में ज्यादा लोग मशगूल हैं। उन्होंने कहा कि डॉ लोहिया जी सामाजिक न्याय की लड़ाई के महान योद्धा थे। सामाजिक न्याय की वकालत करते हुए लोहिया जी ने”संसोपा ने बांधी गांठ -सौ में पिछड़े पांवें साठ” का नारा दिया था। इस देश के समाजवादी आंदोलन का मुख्य सार ही सामाजिक न्याय रहा है। समाजवादी आंदोलन के सभी नेताओं ने चाहे वह बड़ी जाति के रहे हो या पिछड़ी जाति के सभी ने इस देश के सभी गरीबों और पिछड़ों को विशेष सुविधा प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ाने की वकालत की थी। लोहिया जी का सपना था कि देश से जाति प्रथा समाप्त कर ऐसा समाज बनाया जाय जिसमें सभी को सामाजिक और आर्थिक समानता प्राप्त हो। डॉ लोहिया देश में अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन के प्रणेता थे, वह इस मुद्दे पर बेबाक राय रखते थे, स्वभाषा (हिंदी) उनके लिए कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं था, वह इसके सहारे देश के लाखों करोड़ों लोगों को हीन ग्रंथि से उबारकर उनके अन्दर स्वाभिमान भरने का सपना था।


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजेश कुशवाहा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ लोहिया के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। हम उनके दिखाये गये रास्ते और उनके द्वारा दिये गये नारों को अमल में लाने पर देश की तमाम समस्याओं का समाधान कर सकते है। उन्होंने कहा कि आज देश गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। इस देश में अघोषित आपातकाल है। अभिव्यक्ति की आजादी छिनी जा रही है। सरकार के खिलाफ बोलने वाले नेताओं को जेलों मे डाला जा रहा है। मोदी सरकार की तानाशाही नीतियों से देश भयभीत हैं। लोकतंत्र खतरे में है। इस तानाशाही सरकार से मुक्ति के लिए डॉ लोहिया के रास्ते पर चल कर संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डॉ लोहिया न केवल गंभीर चिंतक थे बल्कि वह सच्चे कर्मवीर थे। डॉ लोहिया ही थे जो राजनीति में शुचिता और शुद्ध आचरण की बात करते थे। आज राजनीति में जाति, धर्म, पूंजी, बाहुबल के बढ़ते दखल से भी राजनीति का रास्ता काफी टेढ़ा मेढ़ा हो गया है। आज हम सभी को डॉ लोहिया जी को याद करते हुए राजनीति में शुचिता स्थापित करने के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेने की जरूरत है। यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस गोष्ठी में मुख्य रूप से पूर्व जिलाध्यक्ष सुदर्शन यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ नन्हकू यादव, अशोक कुमार बिंद, निजामुद्दीन खां, अरुण कुमार श्रीवास्तव, चन्द्रेश्वर यादव उर्फ पप्पू यादव, दिनेश यादव, सदानंद यादव, अनिल कुमार यादव, अमित ठाकुर, रणजीत यादव, मदन सिंह यादव, रविन्द्र प्रताप यादव, अतीक अहमद राईनी, डॉ समीर सिंह, केसरी यादव, रामनगीना यादव, आत्मा यादव, रामाशीष यादव, चन्द्रिका यादव, विजय शंकर यादव, पंकज यादव,nराजकिशोर यादव, हरवंश यादव, राम औतार शर्मा, द्वारिका यादव, कमला यादव, राजेश यादव, मनोज यादव, सतिराम यादव, राजेश कुमार यादव, रमेश कुमार यादव, छन्नू यादव, राजेश गोड़, वैजू यादव आदि उपस्थित थे।
इस गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया।

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.