अब सीएचओ, स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे प्रशिक्षक

फाइलेरिया उन्मूलन व दिव्यांगता रोकथाम पर स्वास्थ्यकर्मियों को मिला प्रशिक्षण

प्रशिक्षण में फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक

अब सीएचओ, स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे प्रशिक्षक

गाज़ीपुर।मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय सभागार में मंगलवार को सीएमओ डॉ देश दीपक पाल की अध्यक्षता में समस्त ब्लॉक के एक-एक चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) और लैब टैक्नीशियन (एलटी) को फाइलेरिया उन्मूलन जागरूकता रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार एवं पाथ संस्था के आरएनटीडीओ डॉ. अबू कलीम ने दिया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य – सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया मरीजों की दृष्टि से एक अति संवेदनशील जनपद है। लिम्फोडिमा मरीजों को लिम्फोडिमा प्रबंधन का प्रशिक्षण अति आवश्यक होता है जिसमें मरीजों को एक्सरसाइज, सूजन प्रबंधन, चोट प्रबंधन, संक्रमण प्रबंधन, मच्छरों से बचाव आदि के बारे में विधिवत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षक ब्लॉक स्तरीय कर्मचारियों जैसे आशा, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों (सीएचओ), एएनएम आदि को एमएमडीपी का प्रशिक्षण देंगे। इसके साथ ही मरीजों के बीच ब्लॉक स्तर पर लगाए जाने वाले एमएमडीपी कैंप में मरीजों को भी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
फाइलेरिया को जानें – प्रशिक्षण में डीएमओ मनोज कुमार ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शुरू में डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं।
इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया। फाइलेरिया के मरीजों को प्रभावित अंग की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है।
प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कासिमाबाद ब्लॉक के बीसीपीएम शमा परवीन ने बताया कि फाइलेरिया के बारे में मिली विस्तार से जानकारी को अब ब्लॉक के अन्य सीएचओ, स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकार्यताओं को दी जाएगी जिससे वह भी फाइलेरिया संभावित रोगियों की स्पष्ट पहचान कर सकें। प्रशिक्षण में फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) के सदस्य भी शामिल रहे। सिधानगर कासिमाबाद ब्लॉक की पीएसजी सदस्य गुड्डी देवी ने बताया कि प्रशिक्षण में आकर फाइलेरिया (हाथीपांव) रोग के प्रबंधन, साफ- सफाई, पैर की धुलाई, उचित आकार के चप्पल, चोट लगने, कटने, जलने से बचाव के बारे में बहुत अच्छी जानकारी मिली। सुखदेहरा भांवरकोल ब्लॉक की पीएसजी सदस्य लछिया देवी ने बताया कि प्रशिक्षण में आकर उन्हें विस्तार से फाइलेरिया के लक्षण, बचाव, उपचार, व्यायाम के बारे में जानकारी मिली, जिसका वह नियमित रूप से पालन कर रही हैं।
प्रशिक्षण में एसीएमओ डॉ रामकुमार सिंह, एसीएमओ डॉ मनोज कुमार सिंह, पाथ संस्था के आरएनटीडीओ डॉ. अबू कलीम, जिला समन्वयक रामकृष्ण, सीफार संस्था के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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