ग्राम पंचायतें होंगी टीबी मुक्त, विभाग पूर्ण रूप से तैयार

जनपद की 22 ग्राम पंचायतें होंगी टीबी मुक्त, स्वास्थ्य व पंचायती राज विभाग पूर्ण रूप से तैयार

‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत’को सफल बनाए जाने के लिए जनपद स्तरीय सत्यापन समितियां गठित

निर्धारित छह मानकों के अनुसार होगा ग्राम पंचायतों व उनके आंकड़ों का भौतिक सत्यापन

गाज़ीपुर। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाए जाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर जनपद के 12 ब्लॉक की 22 ग्राम पंचायतों को ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत’ बनाए जाने के लिए चिन्हित किया गया है। शासन से निर्धारित छह मानकों को पूरा कर प्रथम चरण में सभी 22 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने दी।
सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चिन्हित ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाए जाने के लिए जनपद स्तरीय तीन सत्यापन समिति का गठन किया गया है। ब्लॉक स्तर पर गठित समितियों के द्वारा चिन्हित ग्राम पंचायतों एवं उनके आंकड़ों का भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण किया जाएगा। इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाए जाने के लिए स्वास्थ्य एवं पंचायती राज विभाग पूर्ण रूप से तैयार व सक्रिय हैं। इस संबंध में मंगलवार को शासन स्तर से विभिन्न दिशा निर्देश प्राप्त हुये हैं, जिनको जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) अंशुल कुमार मौर्य के सहयोग से पूरा किया जाएगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के 12 ब्लॉक से 22 ग्राम पंचायतों क्रमशः रेवतीपुर से दशमंतपुर व सुगमालिया, कासिमाबाद से रोहिली व शक्करपुर, सादात से भीरभन व रानीपुर, बारचवार से पिहुली व कुबरी, मोहम्मदाबाद से करनपुरा, भांवरकोल से गोदीखास, करंडा से लीलापुर व सोनहरिया, बिरनों से माधोपुर व बल्लीपुर, देवकली से शिवदासीचक व लोनेपुर, सैदपुर से ईचवल व गौरी, मरदह से कंसहरी व कलवार, जमानिया से रामपुर सलेनपुर, करजही, जगदीशपुर व सरया को चिन्हित किया गया है। इस कार्य में पंचायती राज विभाग व अन्य विभागों का सहयोग लिया जाएगा।
एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि जनपद स्तरीय सत्यापन टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अध्यक्ष एवं जिला क्षय रोग अधिकारीको सहयोजक नामित किया गया है। जनपद स्तरीय सत्यापन कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य जिला पंचायती राज अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, जिला क्षय रोग अधिकारी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधि, मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए टीम का गठन किया गया है।प्रत्येक टीम में दो जनपद स्तरीय अधिकारियों (प्रथम सदस्य के रूप में चिकित्सा अधिकारी, आईएमएके प्रतिनिधि, मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि, द्वितीय सदस्य के रूप में डीपीआरओ, एडीपीआरओ, उप डीपीआरओ एवं अन्य विभाग के प्रतिनिधि) को सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक टीम को एनटीईपी के सदस्य फैसिलिटेटर के रूप में सहयोग प्रदान करेंगे। इन टीमों के द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
यह होंगे निर्धारित मानक – डीपीसी डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाए जाने के लिए शासन स्तर से छह मानक निर्धारित किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं-
• संभावित टीबी जांच की संख्या (प्रति 1000 की आबादी पर),
• टीबी नोटिफिकेशन दर (प्रति 1000 की आबादी पर),
• टीबी उपचार की सफलता दर,
• दवा संवेदनशीलता जांच की दर,
• निक्षय पोषण योजना
• टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी मरीजों को प्राप्त पोषण संबंधी सहायता

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