अंगद और गोरा को पांच-पांच साल की सजा

गाजीपुर। जिला कारागार में बंदी को मारने-पीटने के मामले में जिले के टॉप 10 अपराधियों की सूची में शामिल व मुख्तार अंसारी के शूटर अंगद राय और गोरा राय को कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। 7 जून को विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट शक्ति सिंह की अदालत में सुनवाई हुई थी। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक प्रदीप चतुर्वेदी ने बहस पूरी की थी। आरोप सिद्ध होने पर सोनवार को न्यायालय ने सजा सुनाई है। मालूम हो कि अभियोजन के मुताबिक, जितेंद्र राम जिला कारागार में निरुद्ध था। बीते 22 अप्रैल 2009 को बंदी अंगद राय और उमेश उर्फ गोरा राय, जो बैरक नंबर-10 में रहते थे, वहां पर वादी जितेंद्र राम रोजाना झाड़ू लगाने जाता था, लेकिन फोड़ा होने की वजह से वादी सफाई करने नहीं गया. इस पर वादी को बुलाकर अंगद राय और गोरा राय मारने-पीटेने लगे, जिससे उसका हाथ टूट गया. साथ ही दोनों अपराधियों ने वादी को जाती सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। वादी की सूचना पर कोतवाली में दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने उक्त मामले में दोनों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया था. इस दौरान विचारण गवाही के समय गवाह प्रमोद गिरी उर्फ पप्पू को दोनों आरोपियों ने गवाही करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। गवाह की तहरीर पर शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। अभियोजन ने गवाह को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई और गवाह का न्यायालय में बयान अंकित हुआ था। मुकदमे में कुल सात गवाहों की गवाही होने के बाद दोनों आरोपी गोरा राय और अंगद राय पर आरोप सिद्ध हुआ था। सोमवार को दोनों को सजा सुनाई गई।

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