संविदा कर्मचारी संगठन ने सौंपा पत्रक, दिया अल्टीमेटम

उत्तर प्रदेश सरकार कर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर काफी गंभीर है। इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चलने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर काफी पहले से निर्देश दिए गए हैं । वहां पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ऑनलाइन उपस्थिति भी देते हैं । इस उपस्थिति के आधार पर उन सभी लोगों का वेतन भी जारी होता है। ऑनलाइन उपस्थिति की निरंतरता को बनाए रखने हेतु वर्तमान समय में कुछ नए बदलाव को लागू किया जा रहा है। जिसको लेकर संविदा कर्मचारी संगठन के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश को पत्रक शुक्रवार को सौपा गया।

संविदा कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष राघवेंद्र शेखर सिंह ने बताया कि जनपद के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी जो विभिन्न तकनीकी तथा भौतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस कारण ड्यूटी पर उपस्थित होते हुए भी कई को साथियों को अपना वेतन प्राप्त नहीं होता रहा है । साथ ही कई घटना यह दिखाती है कि इन लोगो से धन उगाही का प्रयास किया जा रहा है।

CHO संघ की जिला अध्यक्ष रितु सिंह ने बताया कि आरोग्य मंदिरों पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा की ई संजीवनी ,गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य सेवाओं का ऑनलाइन किया जाना ,आभा आईडी लोगों को घर के समीप बुनियादी स्वास्थ्य सेवा देना आदि शामिल है जिसके लिए वह पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है। बावजूद इसके इन लोगों का शोषण किया जा रहा है।

संगठन की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग के जो भी नियमावली है वह सभी कैडर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू किया जाए, प्रदेश में संविदा कर्मचारियों की रिजवी कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार सामान्य कार्य सामान्य वेतन दिया जाए । साथ ही 4800 ग्रेड पे अनुरूप वेतन का निर्धारण हो, महंगाई भत्ता भी दिया जाए ,वेतन निर्धारण में एनएचएम में अन्य राज्यों में किया जा चुका उसके अनुसार लागू किया जाए।

इस दौरान इन लोगों ने अल्टीमेटम दिया है कि संगठन की बातों पर यदि विचार नहीं किया गया तो 21 अगस्त के बाद प्रदेश के सभी को समस्त ऑनलाइन ऑफलाइन कार्य बंद करने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग की होगी।

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.