मेडिकल कॉलेज गाजीपुर का आईसीयू विभाग गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायिनी हो रहा है साबित

महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्यकीय मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर का आईसीयू विभाग गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है

ग़ाज़ीपुर।पिछले साल से संचालित से संचालित 6 बेड के आईसीयू में 20 दिसंबर को रेवतीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक मरीज को पॉइजन सेवन के बाद अत्यंत गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया। जिसका नाम गोपनीय रखा गया है। इमरजेंसी डॉक्टर डॉ. स्वतंत्र सिंह और आईसीयू इंचार्ज डॉ. विनीत मिश्रा की तत्परता से मरीज को तत्काल आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।

लगातार विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख और मेडिसिन विभाग के अंतर्गत भर्ती युवा मरीज के मामले में डॉ. मनोज कुमार यादव से भी परामर्श लिया गया। जिसके बाद मरीज की स्थिति में निरंतर सुधार हुआ। वर्तमान में मरीज बातचीत करने की स्थिति में है और अगले 1–2 दिनों में पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जाने की संभावना है।

डॉ. विनीत मिश्रा ने बताया कि प्राचार्य डॉ. आनंद मिश्रा के प्रयासों से आईसीयू की स्थापना हुई, जहां अब तक 50 से अधिक गंभीर मरीज भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से 18 मरीज पूर्णतः स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। आईसीयू में इलाज पूर्णतः निःशुल्क है।

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वतंत्र सिंह ने बताया कि आईसीयू में मरीज को भर्ती करने के बाद इलाज के नाम पर कोई भी खर्च मेडिकल कॉलेज प्रशासन के द्वारा नहीं लिया जाता है। जबकि मरिज पर प्रतिदिन 20 से 25 हजार रुपए का खर्च आता है। जो मेडिकल कॉलेज प्रशासन वहन करता है और अब तक 18 से ऊपर मरीज स्वस्थ होकर अपने घर को जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके पहले इस क्रिटिकल मरीजों को आईसीयू की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें वाराणसी या अन्य जनपदों में रेफर किया जाता था। जिससे उन्हें हरासमेंट के साथ ही साथ उन्हें मोटी रकम खर्च करनी पड़ती थी लेकिन अब मेडिकल कॉलेज में इस सुविधा के हो जाने से लोगों का निशुल्क आईसीयू में भी इलाज हो रहा है।

आईसीयू का संचालन एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. उदय सिंह, डॉ. हिमांशु पांडे, डॉ. चैतन्य सोनी, डॉ. आशीष कुमार यादव सहित समर्पित नर्सिंग स्टाफ और जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. के.एन. चौधरी के निर्देशन में किया जा रहा है।

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