गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष गोपाल यादव की अध्यक्षता में बुधवार को पार्टी कार्यालय समता भवन पर लोकबंधु स्व. राजनारायन की पुण्यतिथि के अवसर पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया। इस गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि राजनारायन जी इस मुल्क के आम आवाम की आवाज थे। वह आजीवन अन्याय,जुल्म और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते रहे। राजनारायन जी ने आम आदमी की खातिर एक दो नहीं बल्कि 17 साल जेल में गुजार दिएऔर पूरे जीवन में अस्सी बार जेल गये। ऐसा कोई मुद्दा नहीं रहा आम जन से जुड़ा जिस पर राजनारायन ने आवाज न बुलंद की हो। वह सत्ता नहीं सत्याग्रह कै पूजारी थे। आजाद भारत में जब अंग्रेजियत बढ़ रही थी तब अंग्रेजी हटाओ आंदोलन शुरू किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शुरू इस आंदोलन को देश भर में फैला दिया। उन्होंने कहा कि राज नारायण जी का निधन 69 साल की उम्र में हुआ। लेकिन इस सात दशक के जीवनकाल में वह 80 बार जेल गए। उन्होंने कुल 17 साल जेल में बिताए। इसमें 3 साल आजादी के पहले और 14 साल आजादी के बाद। उनकी जेल यात्राएं ये बताती हैं कि वह आम जन के सरोकारों से किस हद तक जुड़े रहे। लोकतंत्र के सच्चे सिपाही के तौर पर वह हमेशा गरीबों, मजलूमों, किसानों और कमजोर तबकों के लिए खड़े रहेऔर लड़ते रहे। जहां कहीं अन्याय और जुल्म देखा वहीं उसके खिलाफ तन कर खड़े हो गए। उन्होंने कहा आज देश में हुकूमत कर रही अलोकतांत्रिक, तानाशाह एवं जालिम सरकार को बेदखल करने के लिए राजनारायन जी के संघर्ष के रास्ते पर चलने की जरूरत है। पुर्व जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा कि राज नारायण ने एक ओर जहां राजनीतिक संघर्ष को धारदार बनाया, वहीं विचार व आचरण से कार्यकर्ताओं की फौज भी खड़ी की। उन्होंने कहा कि आम आदमी के सवालों पर सड़क से संसद तक जूझने वाले अप्रतिम योद्धा राज नारायण ने एक ओर जहां कांग्रेस की सबसे ताकतवर नेता इंदिरा गांधी को कोर्ट और चुनाव दोनों में हराया। वहीं 1977 में जनता पार्टी के शासनकाल में दोहरी सदस्यता के खिलाफ सवाल खड़ा कर आरएसएस के विरोध में मोर्चा खोला। ये वही सख्श रहे जिन्होंने दलितोद्धार के लिए बड़ा आंदोलन चलाया। काशी विश्वनाथ मंदिर में दलितों का प्रवेश उन्होंने ही कराया। इसी बेनियाबाग मैदान में राज नारायण ने सत्याग्रह कर महारानी विक्टोरिया की मूर्ति तोड़ी थी।
जिला उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता अरूण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आज भाजपा के द्वारा किये जा रहे चुनावी कदाचार के चलते पूरा मुल्क राजनारायन जी को बहुत ही शिद्दत के साथ याद कर रहा है। भाजपा के राजनीतिक कदाचार को समाप्त करने के लिए हमें राजनारायन जी के संघर्ष के रास्ते पर चलना होगा।इस गोष्ठी में मुख्य रूप से रामधारी यादव, बीना यादव,अशोक कुमार बिन्द,,सदानंद यादव, रविन्द्र प्रताप यादव, अमित ठाकुर, रामयश यादव,जुमाउद्दीन अहमद, आत्मा यादव,आजाद राय, मदन यादव, राजेश यादव, परशुराम बिंद,शेर अली राईन,विजय शंकर यादव,जगत मोहन बिंद ,वंश बहादुर कुशवाहा,आनंद यादव,रामाशीष यादव,सुग्गु यादव, अनिल यादव, संतोष कुमार यादव, धर्मचंद यादव, तिलक प्रधान,रमेश यादव,द्वारिका यादव,आदि उपस्थित थे।
गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया।