बलिया सांसद ने वितरित किया आयुष्मान भारत योजना और आधार कार्ड
गाजीपुर। आयुष्मान योजना के तहत ₹5 लाख तक का निशुल्क इलाज के लिए आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों का अधिक से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाने और लाभार्थियों में वितरित करने के कार्यक्रम के तहत रविवार को बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मोहम्मदाबाद स्थित शंकर कोल्ड स्टोरेज में आयुष्मान कार्ड के साथ ही साथ पंडित दीनदयाल कैशलेस कार्ड के तहत आभा कार्ड लाभार्थियों में वितरण किया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद के अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि शासन के द्वारा शत प्रतिशत आबादी का आभा कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य है। जिसके तहत उनके ब्लॉक में आभा कार्ड बनाए जाने का कार्य जोरों शोर पर चल रहा है। इस कार्ड के जरिए लाभार्थियों का चिकित्सीय रिकॉर्ड दर्ज होता है। जिस किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक मरीज का ऑनलाइन रिकॉर्ड देखकर उनका इलाज कर सकता है। इसके अलावा भारत सरकार के द्वारा आयुष्मान कार्ड जिसके लाभार्थियों को ₹5 लाख तक का निशुल्क का इलाज कि सुविधा दी गई है। और शासन का निर्देश है कि शत प्रतिशत लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड वितरण किया जाए। इसी के क्रम में बलिया के सांसद वीरेंद्र मस्त के द्वारा लाभार्थियों में आभा कार्ड और आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया। उन्होंने बताया की आयुष्मान भारत योजना में कार्ड बनने के दिन से ही पूर्व के बीमारियों के इलाज का लाभ लाभार्थी उठा सकता है।
उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड पाने के बाद लाभार्थियों में उत्साह देखने को मिला। कारण की कई लाभार्थी के परिजन का इलाज चल रहा है । और इस कार्ड के जरिए उन्हें चिकित्सा करने में काफी सहूलियत मिलेगी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालय में प्रति परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक का निशुल्क चिकित्सा की सुविधा है। इसके अलावा यह सुविधा उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालय में भी सुविधा मिल सकती है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ के लिए भारत सरकार के द्वारा एक टोल फ्री नंबर 1800 1800 4444 14555 भी जारी किया गया है। जिस पर फोन करके इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी पाया जा सकता है।
टीबी मुक्त पंचायत अभियान को लेकर आयोजित हुई अन्तर्विभागीय समन्वय बैठक
गाज़ीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के निर्देशन में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में टीबी मुक्त पंचायत अभियान के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने की। सीडीओ ने स्वास्थ्य, पंचायती राज विभाग समेत विभिन्न विभागों को निर्देशित किया कि सभी ग्राम पंचायतों की विकास योजनाओं में टीबी मुक्त पंचायत अभियान को लेकर विशेष चर्चा की जाए जिससे समुदाय में इसके प्रति जागरूकता बढ़ सके। जनमानस के बीच ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कर इस अभियान पर ज़ोर दिया जाए। इसके अलावा 15 नवंबर से पहले सभी ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, सीएचओ, पंचायत सचिव, एमओटीसी, एनटीईपी के समस्त स्टाफ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर लिया जाए। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लेकर जनपद में एक हजार की आबादी पर 30 लोगों की टीबी की जांच की जाए। जांच में पॉज़िटिव आने पर उनका तत्काल प्रभाव से उपचार शुरू किया जाए।
इसके साथ ही फैमिली केयर गिवर के तहत घर के किसी एक सदस्य को टीबी के बारे में प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभाग आपसी सामंजस्य बनाकर कार्य करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल, जिला पंचायत अधिकारी अंशुल कुमार मौर्य, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमन्त राव, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आई सी डी एस) दिलीप कुमार पाण्डेय, जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी कुमार निर्मलेन्दु, जिला युवा कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र सोनकर, जिला समाज कल्याण अधिकारी नगीना यादव, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सच्चिदानंद तिवारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुजीत मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार सिंह, क्षयरोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश कुमार सिंह तथा सभी सीएचसी के अधीक्षक उपस्थित रहे।
जनपद में तीन अक्टूबर से चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान
तैयारियों को लेकर सीडीओ की अध्यक्षता में हुई अंतर्विभागीय समन्वय की बैठक
डेंगू की रोकथाम व नियंत्रण पर विभाग का रहेगा ज़ोर, दिये गए दिशा-निर्देश
16 से 31 अक्टूबर तक चलेगा दस्तक अभियान, घर-घर पहुँचेंगी आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
टीबी, कुष्ठ, कालाजार व फाइलेरिया के लक्षणयुक्त मरीजों की पहचान पर भी रहेगा ज़ोर
गाजीपुर। जनपद में तीन से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह मनाया जाएगा। इसी बीच 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाएगा। इसको लेकर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में अभियान की तैयारियों को लेकर प्रथम अंतर्विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। सीडीओ ने कहा कि स्वास्थ्य समेत विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से डेंगू, मलेरिया, टीबी, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए यह अभियान पूरे अक्टूबर माह संचालित किया जाएगा। समस्त विभागों के सामंजस्य से ही इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सकता है। डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित समस्त सहयोगी विभागों को ठोस कदम उठाना होगा। उन्होंने पंचायती राज एंव ग्राम्य विकास विभाग को निर्देशित किया कि आपसी समन्वय से साफ-सफाई का कार्य, लार्वीसाइडल स्प्रे, फॉगिंग, खराब इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प की मरम्मत एवं उथले हैण्डपम्पों के चिन्हीकरण, नालियों एवं तालाबों की साफ-सफाई एवं मार्गों के खरपतवार/झाड़ियों की कटाई-छंटाई का कार्य कराया जाए। हाई रिस्क वाले गांव या क्षेत्र की विशेष निगरानी की जाए जिससे वेक्टर घनत्व नियंत्रित किया जा सके। नगर पालिका व नगर पंचायत को निर्देशित किया कि संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार का कार्य कराया जाए। नगरीय क्षेत्रों में झुग्गी झोपड़ी व स्लम एरिया क्षेत्रों में विशेष रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। साफ-सफाई कीटनाशक रसायनों का छिड़काव, फॉगिंग, जल जमाव निकासी, मच्छरों के प्रजनन स्थानों का नष्टीकरण, ब्रीडिंग न होने देना सोर्स रिडक्शन का कार्य कराया जाए। वेक्टर जनित रोगों यथा डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया तथा कालाजार आदि रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु प्रचार-प्रसार का कार्य करायेंगे। मोहल्ला निगरानी समिति द्वारा उपरोक्त कार्यों का अनुश्रवण किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि इस अभियान में संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार आदि के साथ ही टीबी, कुष्ठ, कालाजार एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त मरीजों को भी चिन्हित करने पर जोर रहेगा। अभियान के अंतर्गत ही 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा जिसमें आशा व आगंनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों के प्रति जागरूक करेंगी। इसके साथ ही लक्षणयुक्त व्यक्तियों का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर सहित संपूर्ण विवरण ई- कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी। इनमें बुखार के रोगियों की सूची, आई एल आई (इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों की सूची, क्षय रोग (टीबी) के लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची, कुष्ठ, फाइलेरिया एवं कालाजार रोगों के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की सूची, कुपोषित बच्चों की सूची शामिल होगी। संचारी रोग नियंत्रण के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ जेएन सिंह ने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, पंचायती राज, पशुपालन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांग जन कल्याण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग सहित अन्य विभाग समन्वय बनाकर कार्य करेंगे। स्वास्थ्य विभाग अभियान का नोडल विभाग रहेगा। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी। रहें सतर्क दृ करें बचाव – जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि सभी अपने घर व आस पास साफ सफाई रखें, जल जमाव न होने दें, कूलर, फ्रिज की ट्रे का पानी सप्ताह में बदलते रहें। जल पात्रों जैसे गमला, मटका, टब, बाल्टी, ड्रम, टंकी, टायर आदि में भी पानी न एकत्र होने दें। अनावश्यक जलपात्रों को निष्प्रयोज्य कर दें। रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा नाशक रसायन डालें, मच्छर दानी का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। खुले बदन न सोएं। कोई भी बुखार घातक हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर तुरंत जांच कराएं व डॉक्टर की सलाह पर ही अपना इलाज कराएं। अधिक से अधिक तरल पदार्थों, शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। पूरी तरह आराम करें। ओ आर एस घोल का प्रयोग करें। बाहर के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं। इन संदेशों को जन-जन तक पहुंचाएँ – जल जमाव होगा जहां, मच्छर पैदा होंगे वहां । हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वा पर प्रहार । हम सबने यह ठाना है, संचारी रोग मिटाना है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी , डिप्टी सीएमओ, डीपीओ (आईसीडीएस) समेत अन्य विभागों के मुख्य अधिकारी व सहकर्मी एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने वर्चुअल किया शिलान्यास
गाजीपुर। ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट जिसके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने का कार्य किया जाएगा। जिसके लिए प्रदेश के 69 जनपदों में शनिवार को 87 बीपीएचयू का शिलान्यास कार्यक्रम किया जाना था। शिलान्यास कार्यक्रम को वर्चुअल रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भारत सरकार मनसुख मांडवीया के द्वारा किया गया। वही गाजीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखनिया पर जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल व अन्य की उपस्थिति में किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 49 लाख की लागत से उच्च श्रेणी की बीपीएचयू लैब बनेगी। लैब में एपीडिमियोलॉजिस्टिक की पोस्ट के अलावा लैब टेक्नीशियन समेत पांच पद होंगे। जिसमें विभिन्न तरह की जांचों के साथ कुल 98 तरह की जांचे होगी। साथ ही सैंपल संग्रह, जांच, सर्विलांस के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए डेटा संग्रह आदि किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि 49 लाख की लागत से बनने वाला ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण यूपीआरएनएसएस निर्माण इकाई को स्टेट के द्वारा नामित किया गया है। बहुत जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में डॉ योगेंद्र यादव अधीक्षक के साथ ही जखनिया निर्माण इकाई के सहायक अभियंता और जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
गाजीपुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत वह सभी परिवार जिनके पास आयुष्मान कार्ड है, उन्हें प्रतिवर्ष प्रति लाभार्थी 5 लाख तक की निःशुल्क उपचार की सुविधा सरकार के द्वारा दी जा रही है। इस योजना के लाभ से गरीब लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड वरदान साबित हो रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.देश दीपक पाल ने बताया कि आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत 17 सितंबर से आयुष्मान भवः कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया को बेहतर और सुगम बनाने के लिए पूर्व में जिनके परिवार के एक दो सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बन चुका है। बाकी छूटे हुए लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है उन परिवारों को चिन्हित करते हुए प्रमुखता से उन सदस्यों के भी आयुष्मान कार्ड बनवाए जाएंगे। साथ ही अब इस बार पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक परिवारों में 6 या 6 से अधिक सदस्य हैं अब उन लोगों का भी उपलब्ध डाटा अनुसार प्रमुखता से अब आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा परिवारों को आयुष्मान कार्ड द्वारा इस योजना का लाभ मिले व लाभार्थी परिवारों के सदस्यों को पीवीसी (पॉली विनाइल कार्ड) आयुष्मान कार्ड भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसलिए जो लाभार्थी अभी तक आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा पाए हैं व पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक परिवार जिनके परिवार में 6 या अधिक सदस्य हैं उनके परिवार के सदस्यों के भी आयुष्मान कार्ड बनवाए जाएंगे। उन्होंने बताया पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक अपने क्षेत्र की आशा और आंगनबाड़ी से संपर्क कर जानकारी लें और अपना आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाएं। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगेंगे विशेष कैंप के माध्यम से जनपद में आयुष्मान कार्ड बनाया जायेगा। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे जिसमें सहयोगी विभागों की सहायता से जिले में अधिक से अधिक लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सके। आयुष्मान आपके द्वार 3.0 को प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवियों और सहयोगी एजेंसियों के साथ आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,पंचायत सहायकों का सहयोग लिया जाएगा। और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जन तक महत्वपूर्ण सूचनाओं को पहुंचाया जाएगा जिससे लोग आयुष्मान कार्ड बनवाने के संदर्भ में सही जानकारी जान प्राप्त कर सकें।
गाजीपुर। सभी को निरोग रखने की उम्मीद से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बटन दबाकर आयुष्मान भवः अभियान का वर्चुअल शुभारंभ दिल्ली से किया। इस अभियान के साथ ही राष्ट्रपति एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े सभी लोगों को स्वस्थ और निरोग बनाए रखने का सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य निर्धारित किया है। जनपद स्तर से आयुष्मान भवः अभियान का शुभारंभ समारोह व संजीव प्रसारण जिला चिकित्सालय गोराबाजार में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने की। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज, डी पी ओ आई सी डी एस, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिवस से आयुष्मान भवः अभियान का शुभारंभ किया जाएगा, जो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा। इस 15 दिवसीय अभियान में आयुष्मान भारत से जुड़ी समस्त योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन किया जाएगा। 17 सितंबर से सेवा पखवाड़ा शुरू होगा। इसके साथ स्वच्छता अभियान, आयुष्मान कार्ड वितरण अभियान, आयुष्मान ग्राम पंचायत, आयुष्मान मेला, रक्तदान और अंगदान जैसे कई कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
इस अभियान में जनपद के समस्त आयुष्मान भारत योजना के पात्र सूचीबद्ध लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाये जाएंगे। आयुष्मान कार्ड से लाभार्थियों को निःशुल्क पाँच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने सभी जन प्रतिनिधियों से अपील किया कि अभियान के सफल संचालन के लिए समुदाय में सभी लोगों की मदद करें और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाएं। नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में जनपद के सभी लोगों को बेहतर चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इस अभियान से जनपद के प्रत्येक व्यक्ति को चिकित्सा व स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया कि ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार करें, जिससे पता चल सके कि कितने लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बना और कितनों का नहीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस 15 दिवसीय अभियान में सौ फीसदी लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। साथ ही अन्य चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए विभागीय सभी अधिकारियों को ज़िम्मेदारी दी जा चुकी है। जनपद स्तर पर सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।
सीएमओ ने किया सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 के दूसरे चरण का शुभारंभ
पाँच वर्ष तक के 12029 बच्चों व 3399 गर्भवती के टीकाकरण का लक्ष्य
गाज़ीपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. देश दीपक ने विशेष टीकाकरण अभियान सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 के दूसरे चरण का शुभारंभ सोमवार को किया। सीएमओ ने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई। यह चरण 16 सितंबर तक चलाया जाएगा। तीसरा चरण नौ से 14 अक्टूबर तक चलेगा। यह अभियान जिले के समस्त ब्लॉक में चलाया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के नियमित टीकाकरण छूटे हुये बच्चों एवं गर्भवती को शत- प्रतिशत प्रतिरक्षित करने के उद्देश्य से अभियान चलाया जा रहा है। नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे- पोलियो, खसरा-रूबेला, डायरिया, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि सभी बच्चों एवं गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित हो। यह अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है। पहला चरण सात से 12 अगस्त तक चला। इसमें लक्ष्य के सापेक्ष शून्य से पाँच साल तक के 97 प्रतिशत बच्चों एवं 99 प्रतिशत गर्भवती को प्रतिरक्षित किया गया। सीएमओ ने जनमानस से अपील की है कि गर्भवती एवं नवजात से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं। इस अभियान के तहत निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर टीका लगवा कर जानलेवा बीमारियों से बचाव करें। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से कराते हैं तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे। अभियान में ईट-भट्ठों, घुमंतू और निर्माण साइट पर रहने वाले परिवारों के बच्चों के टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि इन स्थानों पर रहने वाले परिवार एक से दूसरे जगह स्थानांतरित होते रहते हैं। इसलिए सामान्य अभियान के दौरान इनके छूट जाने की आशंका बनी रहती है। टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों को अभियान के तहत 11 तरह की बीमारियों से बचाने वाले टीके लगाए जा रहे हैं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एसके मिश्रा ने बताया कि शून्य से पांच साल का कोई बच्चा बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, पेंटा, मीजल्स- रूबेला, पीसीवी, रोटा वायरस, पोलियो आदि टीको से वंचित न रहे। यह टीके बच्चे के जन्म के समय, डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह, नौ माह, 16 माह व पांच साल पर लगाए जाते हैं। टीकों से जो बच्चे किसी कारणवश वंचित रह गए हैं उनका टीकाकरण करने के लिए सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0 का आयोजन किया गया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत प्रतिरक्षित किए गए बच्चों और गर्भवती के कवरेज की एंट्री ई-कवच पोर्टल पर की जा रही है। दूसरे चरण में शून्य से पाँच साल तक के 12029 बच्चों तथा 3399 गर्भवती को टीकाकरण के लिए लक्षित किया गया है। इसके लिए जिले में 2160 सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस मौके पर एसीएमओ डॉ जेएन सिंह, यूनिसेफ के डीएमसी बलवंत सिंह, नगरीय समन्वयक अशोक कुमार, एएनएम माया, आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे। गोरा बाजार निवासी मीरा ने कहा कि सोमवार को अपने तीन माह के बच्चे अंश को पेंटा प्रथम टीके से प्रतिरक्षित कराया। सभी लोगों को अपने बच्चों को प्रतिरक्षित जरूर करा लेना चाहिए। सभी टीके सुरक्षित हैं एवं गंभीर बीमारियों से बचाव में सहायक हैं। एक अन्य लाभार्थी बंदना ने कहा कि सोमवार को केंद्र पर अपनी तीन माह की बच्ची नैना को पेंटा प्रथम का टीका लगवाया। सभी टीके पूरी तरह से सुरक्षित है। हम अपने बच्चे का संपूर्ण टीकाकरण कराएंगे जिससे वह 11 जानलेवा गंभीर बीमारियों से ग्रसित न हो।
जनपद में सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 का दूसरा चरण सोमवार से
सीडीओ की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक, दिए जरूरी निर्देश
जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का होगा टीकाकरण
गाज़ीपुर। जनपद में सोमवार (11 सितंबर) से सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 का दूसरा चरण शुरू होगा। इस संबंध में शुक्रवार को विकास भवन कार्यालय में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। तीन चरणों में संचालित होने वाले इस टीकाकरण अभियान में शून्य से पांच वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को नियमित टीके और गर्भवती को टीडी के टीके लगाए जा रहे हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने दूसरे चरण की सभी तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नियमित टीकाकरण से छूटे हुए जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को टीकाकरण से आच्छादित करने पर विशेष जोर दिया और कहा अभियान में उच्च जोखिम, शहरी मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों पर विशेष जोर दें। साथ ही टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को जागरूक कर शत-प्रतिशत टीकाकरण कराएं। टीकाकरण सत्रों के स्थान को लेकर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे परिजन अपने बच्चों व गर्भवतियों का आसानी से टीकाकरण करा सकें। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) के अनुसार माइक्रोप्लान तैयार कराया जाए। अभियान के तहत टीकाकृत किए गए बच्चों और गर्भवती के कवरेज की एंट्री ई-कवच पोर्टल पर अनिवार्य रूप से की जाएगी। टीकाकरण सत्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, वीएचएसएनडी सत्र, निजी चिकित्सालयों में भी आयोजित किए जाएंगे। अभियान में प्रमुख रूप से मीजल्स रूबेला (एमआर) टीकाकरण के साथ ही “पाँच साल, सात बार छूटे न टीका एक भी बार” पर जोर दिया जाए। अभियान में आईएमए, निजी चिकित्सकों, एनएसएस, स्थानीय स्वयं सेवी सहायता समूह व विकासशील संस्थाओं डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी आदि सहयोग करें। सीडीओ ने अपील की है कि सभी परिजन जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण समय से कराएं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने कहा कि अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरे चरण में छूटे हुये पाँच वर्ष तक के कुल 12029 बच्चों व 3399 गर्भवती को टीकाकरण के लिए लक्षित किया गया है। इसके साथ ही मीजल्स रूबेला (एमआर) प्रथम के टीके के लिए 2514 व एमआर द्वितीय के लिए 2682 बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में लक्ष्य के सापेक्ष 97 प्रतिशत बच्चों और 99 प्रतिशत गर्भवती का टीकाकरण किया गया। इसी के अंतर्गत नौ से 12 माह तक के 4696 (110 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स रूबेला की पहली डोज तथा 16 से 24 माह के 4443 (107 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स रूबेला की दूसरी डोज लगाई गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एसके मिश्रा ने बताया कि दूसरे चरण के लिए जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए कुल 2160 टीकाकरण सत्र तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र चलाया जा रहा है। इसके बावजूद किन्हीं कारणों से कई बच्चे व गर्भवती टीकाकरण से छूट जाती हैं। इसी को लेकर सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान संचालित किया जा रहा है। टीकाकरण बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों के साथ ही टीके से रोकी जा सकने वाली जन्मजात बीमारियों की जटिलताओं से बचाता है। इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। बैठक में समस्त डिप्टी सीएमओ, एसीएमओ, अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ विनय शंकर, यूनिसेफ से डीएमसी बलवंत सिंह, यूएनडीपी से वीसीसीएम प्रवीण उपाध्याय, चाई से मणि शंकर, एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में लम्पी स्किन डिजीज (एल एस डी) के नियन्त्रण एवं निगरानी हेतु शुक्रवार को वर्चुवल बैठक ली गयी। बैठक के दौरान लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम हेतु दिशा निर्देश देते हुए बताया कि यह एक वायरल बीमारी है जो कैप्रीपाक्स नाम वायरस से होती है। इस बीमारी से मुख्यतः गोवंशीय पशु प्रभावित होते है। इस बिमारी के रोक थाम हेतु विशेष सर्तकता बरतते हुए टीकाकरण का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने वर्चुवल बैठक के दौरान पशुओ में होने वाले लम्पी स्कीन डिजीज के लक्षण, रोग का प्रसार, उपचार एवं निवारण, रोग के प्रकोप के समय क्या करे क्या न करे की जानकारी दी। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस बिमारी से पशुओ को तेज बुखार, ऑख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गॉठ उभर आना, गाभिन पशुओ का गर्भपात, दुधारू पशुओ आदि प्रकार के लक्षण पाये जाते है। कभी-कभी सम्पूर्ण शरीर की चमड़ी विशेष रूप से सिर, गर्दन, थूथन, थनों गुदा व अंडकोष या योनिमुख के बीच के भाग पर गॉठो के उभार बन जाते है तथा पूरा शरीर गॉठो से ढक जाता है। रोग का प्रसार रोग का विषाणु, बीमार पशु के लार, नासिक स्राव, दूध एवं वीर्य में पाये जाते है। बीमार पशु के सीधे सम्पर्क में आने से या रोगग्रस्त पशु के स्राव से प्रदूषित चारा, पानी खाने से स्वस्थ पशु बीमार हो सकता है। मुख्यतः मच्छरों, मक्खियों, किलनी आदि जैसे खून चूसने वाले कीड़ो के काटने से यह रोग बहुत तेजी से फैलता है। टीकाकरण एवं इन्जेक्शन के दौरान दूषित सुईयों के प्रयोग से यह रोग अन्य पशुओं में फैल सकता है। लक्षण दिखायी देने पर तत्काल निकट के पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें।
बुखार की स्थिति में पशु चिकित्सक की सलाह से ज्वर नाशक यथा पैरासीटामॉल एवं एन्टीबायोटिक आदि औषधियों का प्रयोग करें। रोग प्रकोप के समय सर्वप्रथम निकटतम पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। प्रभावित पशु को स्वस्थ पशु से अलग करें। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलायें। पशुओं को मच्छरों, मक्खियों, किलनी, आदि से बचाने हेतु पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें। बीमार पशुओं की देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी स्वस्थ पशुओं के बाड़े से दूर रहना चाहिये। रोग प्रकोप के समय बीमार एवं स्वस्थ पशुओं को एक साथ चारा-पानी न कराये। प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर न लायें। यदि किसी पशु की मृत्यु होती है, तो शव को खुले में न फेंके एवं वैज्ञानिक विधि से दफनायें। रोगी पशु के दूध को बछड़े को न पिलायें। जनपद स्तर पर इस बीमारी के निगरानी हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसके प्रभारी डा0 जमालुद्दीन अंन्सारी पशु चिकित्साधिकारी गौरी, गाजीपुर बनाये गये है, जिनके मोबाइल नम्बर 9839430932 है। इसके अतिरिक्त जनपद में विकास खण्ड स्तरीय 16 निगरानी टीमो का गठन किया गया है जिसके प्रभारी सम्बन्धित विकास खण्ड स्तरीय पशु चिकित्साधिकारी बनाये गये है। निगरानी टीमो द्वारा प्रतिदिन ग्रामो का भ्रमण कर सूचना कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध करायी जा रही है। लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित पशुओ का सेग्रीगेशन कर नियमित चिकित्सा उपलब्ध करायी जा रही है। वर्चुवल बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, पी डी, समस्त पशु चिकित्साधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त ई0ओ0 नगर पालिका/पंचायत, एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
क्षय रोग की दवा के लिए दर-दर भटक रहे हैं मरीज और उनके परिजन
गाजीपुर। जिले में जहां पर करीब 3156 क्षय रोग के मरीज का इलाज क्षय रोग विभाग के द्वारा किया जा रहा है। जिसके तहत सभी मरीजों को निशुल्क दवा विभाग की तरफ से मरीज को उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही साथ निश्चय पोषण योजना के तहत ₹500 प्रतिमाह 6 माह तक उनके खाते में पोषण हेतु भी भेजा जाता है।। लेकिन पिछले कई महीनो से क्षय रोग के मरीजों के लिए विभाग की तरफ से दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिसके चलते मरीज परेशान नजर आ रहे हैं। ऐसे ही एक मरीज के परिजन विनोद कुशवाहा पूर्व मनोनीत सभासद नगर पालिका के द्वारा बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एमडीआर मरीज की दवा उपलब्ध कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र भी दिया गया। विनोद कुशवाहा ने बताया कि उनकी बेटी एमडीआर मरीज है। जिसके लिए 18 महीने तक दवा चलना अनिवार्य होता है । लेकिन पिछले कई महीनो से विभाग के द्वारा उन्हें दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिसके लिए उन्हें बाजार का सहारा लेना पड़ रहा है। उनके करीब एक सप्ताह की दवा लगभग 1200 के आसपास पड़ रही है। वही इस संबंध में एसीएमओ डॉ मनोज सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा दवा की सप्लाई नहीं आ रही है जिसके चलते इस तरह की प्रॉब्लम आ रही है। जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह ने बताया कि अप्रैल माह से ही क्षय रोग के मरीजों की पूरी दवा की सप्लाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि प्लेन इंडिया पोस्ट ऑफिस के माध्यम से जनपद के सभी सेंटर पर दवा पहुंचाई जाती है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले दवा की सप्लाई हुई थी। जो अगले 15 से 1 माह के अंदर एक्सपायरी भी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा लोकल परचेज करने के लिए पत्र भेजा गया है। जिसके लिए उन्होंने इसके लिए सीएमओ ऑफिस फाइल भेजी है। लेकिन अभी तक खरीदारी नहीं हो पाई है। बताते चले की भारत सरकार के द्वारा 2025 में क्षय रोग उन्मूलन के तहत कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । ऐसे में सवाल उठता है कि जब मरीज को दवा नहीं मिल पाएगी तो कैसे होगा क्षय रोग उन्मूलन।