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प्लेटलेट्स की कमी होना डेंगू होना नहीं है

गाजीपुर। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद के समस्त निजी नर्सिंग होम, निजी चिकित्सक एवं प्राइवेट पैथोलॉजी को मिलाकर किट के द्वारा जॉचे गए संदिग्ध डेंगू मरीजों की संख्या 4412, किट द्वारा किसी भी मरीज को डेंगू धनात्मक पाए गए मरीजों की संख्या 224 एवं अब तक पुष्टि हेतु आईएमएस बीएचयू भेजे गए संदिग्ध डेंगू के सैंपल 224, परिणाम प्राप्त 218, परिणाम प्रतिक्षित 6, डेंगू पॉजिटिव की संख्या 127 अन्य जनपद के 5, नेगेटिव 63, एवं जनपद के डेंगू धनात्मक मरीजों की संख्या 153 है। उन्होने बताया कि जनपद में डेंगू तथा अन्य मच्छर जनित बीमारियां पूरी तरह नियंत्रण में है। डेंगू के उपचार हेतु जिला अस्पताल में 25 बेड है जिसमें भर्ती मरीजो की संख्या 1 है तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 60 बेड आरक्षित किए गए जिसमे भर्ती संदिग्ध डेंगू मरीजों की संख्या शून्य है। निजी अस्पतालों में डेंगू हेतु आरक्षित बेड की संख्या 32 है। उन्होंने बताया कि डेंगू के उपचार हेतु सभी आवश्यक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। ऐसे में किसी भी बुखार पीड़ित को घबराने की कतई आवश्यकता नहीं है। डेंगू से प्रभावित ग्रामो में मोबाईल मेडिकल यूनिट के द्वारा भ्रमण कर मौके पर ही बुखार पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है। ऐसे में किसी भी बुखार पीड़ित को घबराने की कतई आवश्यकता नही है। अन्य वायरल बीमारियों में भी प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है, अतः प्लेटलेट्स की कमी होना डेंगू होना नहीं है। बुखार के मरीज अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। बुखार के उपचार हेतु अनाधिकृत चिकित्सक अथवा स्वयं उपचार नहीं करें। अब तक प्राप्त 153 डेंगू धनात्मक मरीज उपचार के उपरान्त स्वस्थ होकर स्वास्थ्य लाभ कर रहे है। इन 153 मरीजों में से 43 मरीज अन्य प्रदेशों अथवा जनपदों से बीमारी के उपरान्त जनपद में आए थे जो जॉच में डेंगू धनात्मक पाए गए। इसमें से अधिकांश मरीज उपचार के उपरांत स्वस्थ होकर अपने कार्यस्थल के प्रदेशों तथा जनपदों में वापस जा चुके हैं। सभी मरीजों का नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है तथा प्रभावित ग्राम/मोहल्ले में तत्काल निरोधात्मक कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की जा रही है। इन ग्रामो/मोहल्लो में साफ-सफाई तथा कीटनाशकों हेतु जिला पंचायती राज अधिकारी एवं नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

हार्ट अटैक को रोकने के लिए करें ये काम…..

बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले ऐसे रहे सतर्क

गाजीपुर। पिछले 2 से 3 माह के अंदर कई ऐसे मामले और वीडियो भी सामने आए जिसमें व्यक्ति काम करते-करते या फिर खुशी में शामिल होकर डांस करते-करते जमीन पर गिरता है और फिर उसकी मौत हो जाती है। इसके साथ ही साथ ठंड का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में कई तरह की बीमारियों के साथ ही साथ हार्ट अटैक के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में आमजन को हार्ड अटैक से कैसे बचाव करें इसके बारे में राजकीय मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वतंत्र सिंह ने इस मामले में कई तरह के टिप्स दिए। जिसको अपनाकर हम इससे बच सकते हैं।

उन्होंने बताया कि ठंड का मौसम आते ही इंफेक्शन, सर्दी-खांसी, बुखार समेत कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें सबसे खतरनाक है हार्ट अटैक। सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए दिल की सेहत का ख्याल रखने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। हार्ट अटैक से बचने का वो उपाय जिनसे आप अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं और हार्ट अटैक के खतरे के भी बच रह सकते हैं।

सर्दी के मौसम में हमारे खून की नसें सिकुड़ने की वजह से दबाव बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। बीपी बढ़ते ही हार्ट अटैक के मामले सामने आने लगते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी में लोगों के शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं।जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना भी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि सीने में बाए साइड हल्की दर्द होने पर तत्काल उसका इसीजी कराएं और किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह ले

ठंड के मौसम में लोगों को हार्ट अटैक ज्यादातर मामलों में सुबह के वक्त आता है। सर्दी में सुबह तापमान गिरने से शरीर का तापमान भी कम हो जाता है। इस वजह से शरीर का तापमान बराबर करते हुए ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है जो कि हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 के प्रथम एवं सेकंड फेज के दौरान जो लोग कोविड़ 19 से प्रभावित हुए थे। उन लोगों को इससे ज्यादा बचने की जरूरत है। क्योंकि कोविड ने प्रभावित लोगों के लन्स को प्रभावित किया है। और इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग और युवाओं को प्रभावित किया है।

उन्होंने हार्ट अटक आने के कारणों के बारे में बताया कि यह अनुवांशिक के साथ ही खानपान में तेलीय चीजों का सेवन, अधिकाधिक वजन, दैनिक दिनचर्या में रुचि न रखना, इसके अलावा जीम में जरूरत से अधिक एक्सरसाइज, तनाव का बढ़ना, ब्लड प्रेशर मधुमेह आदि हो सकता है।

हार्ट अटैक से बचाव के लिए उन्होंने बताया कि लोगों को फाइबर डाइट जिसमें जौ बाजरा और गेहूं की रोटी शामिल है। के साथ ही हरी सब्जी खाने में एक फल जरूर ले, वसीय पदार्थों का प्रयोग न करें, समय से रूटीन जांच के साथ ही जिम में ट्रेनर के बताए अनुसार ही एक्सरसाइज करें। साथ ही साथ ठंड में 2 दिन रेस्ट अवश्य करें।

डेंगू मरीजों के लिए बेड

डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित हुआ बेड

गाजीपुर। डेंगू का कहर इन दिनों पूरे प्रदेश में चल रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ विभाग के द्वारा जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू पीड़ित मरीजों के लिए बेड को आरक्षित कर दिया गया है। इसी के मद्देनजर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद पर भी डेंगू पीड़ित मरीजों के लिए पांच बेड को आरक्षित कर दिया गया है। हालांकि मौजूदा समय में मोहम्मदबाद तहसील के अंतर्गत डेंगू मरीज मिलने की कोई सूचना नहीं है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि डेंगू के मद्देनजर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद पर 5 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। जो कभी भी आपतकालीन स्थिति में पीड़ित मरीजों को आवश्यक चिकित्सीय परामर्श पर रखा जा सकता है। अभी तक क्षेत्र के अंतर्गत जो डेंगू मरीज हैं उन पर ब्लाक रैपिड रिस्पांस टिम द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है। किसी इमरजेंसी सेवा के लिए तैयार हैं।

उन्होंने बताया की आम जन सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पुरे बाहर के पैंट एवं शर्ट पहने, छतों या घरों में कबाड़ की समान को हटा दें, कुलर, गाड़ी के टायर, बंद गमलों इत्यादि को देख ले के उसमें पानी इकट्ठा न हो, यदि हो तो उसकी विधिवत सफाई करें। पानी की टंकियों की सफाई अवश्य करा लें, गाय एवं गौशालो की सफाई नियमित रूप से करते रहे। क्योंकि यहां मच्छरों को पनपने के लिए स्थान मिलते हैं। नालियों की सफाई एवं घर के पास कूड़ा कचरा न रहने दें। गांव के तालाबों, कुओं की सफाई भी इन दिनों आवश्यक है। क्योंकि ऐसे स्थानों पर मच्छरों को पनपने का स्थान मिलता है।

खिड़कियां एवं दरवाजों को बंद रखें सम्भव हो तो खिड़कियों एवं दरवाजों में जाली लगा लें जिससे बाहरी मच्छरों का प्रवेश न हो पाए। इन सभी आवश्यक सावधानियां को यदि हम अपने नियमित दिनचर्या में रखते हैं तो हमारे आस पास मच्छरों को पनपने का स्थान नहीं मिलेगा। और हम पूर्णतः सुरक्षित रहेंगे। इसी क्रम में सर्दी, जुकाम, बुखार इत्यादि किसी भी तरह की समय पर तत्काल स्थानीय प्राथमिक/ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारी से अवश्य सम्पर्क करें जिससे समय से आपको उचित परामर्श मिल सके।

गर्भवती महिलाओं का हुआ जांच

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर 109 गर्भवती महिलाओं का हुआ जांच, 11 एचआरपी महिलाएं हुए चिन्हित

गाजीपुर। सुरक्षित मातृत्व दिवस भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग के एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके माध्यम से गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच एवं उचित प्रबंधन को लेकर प्रत्येक माह के 9 एवम 24 तारीख को आयोजन किया जाता है। जिसके तहत गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमबाद पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें 109 महिलाओं का जांच एवं 11 एचआरपी महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें उचित प्रबंधन की जानकारी दी गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मबाद के अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन प्रत्येक माह के 9 एवम 24 तारीख को जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित किया जाता है। उसी के क्रम में मोहमदाबाद पर भी आयोजित किया गया है। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखरखाव और सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों पर महिला डॉक्टर के द्वारा जांच एवं परामर्श किया गया। जिसके तहत महिला चिकित्साधिकारी डॉ नीरज कुमार मौर्य के द्वारा109 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई जांच में कुल 11 एचआरपी महिलाएं भी चिन्हित की गई हैं। जिन्हें उचित प्रबंधन के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं।

ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार ने बताया की स्वास्थ्य केंद्र पर आईसीटीसी कक्ष में एलटी इकराम के द्वारा महिलाओं की एचआईवी, सिफलिश जांच की गई तथा काउंसलर निरा राय के द्वारा सभी को सुरक्षित प्रसव को लेकर काउंसलिंग किया गया। एलए ओमप्रकाश के द्वारा हीमोग्लोबिन जांच, ब्लड गुप , एल्बुमिन, प्रोटीन इत्यादि जांच की गई। स्टाफ नर्स वंदना मसीह द्वारा सभी को प्रसव से पूर्व उन्हें किन बातों की सावधानी बरतनी चाहिए इस बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।

चिन्हित महिलाओं को क्षेत्रीय आशा तथा आशा संगीनी एवं एएनएम के माध्यम से इन महिलाओं की नियमित ट्रैकिंग किया जाता है। जिससे इनका सुरक्षित प्रसव कराया जा सके।इस सेवा हेतु नियमित रूप से 102 नेशनल ऐम्बुलेंस सेवा के माध्यम से घर से संस्था एवं चिकित्सा इकाई से सुरक्षित घर तक ले जाना मुख्य कार्य है। जो सभी एच आर पी चिन्हित महिलाओं के लिए किया जाता है। सभी एएनसी हेतु महिलाऐ अपना एमसीपी कार्ड साथ लेकर आती है जिसपे एचआरपी चिन्हित की दशा में एचआरपी मोहर लगाकर प्रसव पूर्व सभी दि जाने वाली समस्त सेवाओं का अंकन उसी एमसीपी कार्ड पर किया गया। जिससे क्षेत्र या अन्य किसी संस्था पर जाने पर सेवाओं को देने में आसानी एवं सुलभ हो।

आयुष और योगा से विश्व भर में भारत की पहचान: आयुष मंत्री

गाजीपुर। राज्य आयुष मिशन के तत्वाधान में औषधीय पौध उत्पादन एवं निर्यात के सम्बन्ध में एक दिवसीय वायर सेलर मीट कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में और मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु द्वारा एक होटल में दीप प्रज्जलित कर शुभारम्भ किया गया। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु ‘ ने  कहा  कि आयुष एवं योगा से विश्वभर में भारत की पहचान हुई है तथा औषधीय फसलों के उत्पादन करने से किसान अपनी आय में अनन्त सीमा तक वृद्धि कर सकते है। मंत्री द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत प्याज बीज का वितरण कृषकों के मध्य किया गया। अन्त में कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन एस०के० सुमन सचिव, हाफेड द्वारा किया गया। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने  औषधीय पौधों की उपयोगिता एवं मूल्य संवर्धन के बारे में जानकारी दी तथा कहा कि औषधीय फसलों को क्रियान्वयन कर विभाग की योजना का लाभ लेकर कृषक अपनी आय में दो से तीन गुनी वृद्धि कर सकते हैं।डा० आर०सी० वर्मा कृषि विज्ञान केन्द्र, आंकुशपुर द्वारा औषधीय फसलों यथा-सतावर, अश्वगंधा, सर्पगन्धा, तुलसी, ऐलोवेरा, कालमेघ आदि फसलों के वैज्ञानिक उत्पादन तकनीकी के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। संजय सिंह, सदस्य निदेशक संचालक मण्डल, हाफेड के द्वारा हाफेड का परिचय एवं महत्व के बारे में प्रकाश डाला। मीना शुक्ला, औषधीय उत्पादक एवं क्रय विक्रय महिला कृषक की सफलता की कहानी प्रस्तुत की। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा आये हुए अतिथियों का स्वागत एवं राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के बारे में विस्तारपूर्वक से अवगत कराया गया। रंगबहादुर सिंह, प्रगतिशील औषधीय कृषक ने औषधीय फसलों के उत्पादन एवं उसकी उपयोगिता तथा राष्ट्रपति डा० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित किये जाने के बारे में अवगत कराया । उप कृषि निदेशक द्वारा आयुष मिशन योजना के बारे में विस्तारपूर्वक एवं निर्यात के सम्बन्ध चर्चा की गई। उप निदेशक विपणन द्वारा अवगत कराया गया कि एपीडा के माध्यम से औषधीय फसलों के निर्यात विदेश में किये जाने पर चर्चा की गई। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि एफ०पी०ओ० के माध्यम से औषधीय फसलों के उत्पादन एवं निर्यात कृषकों के मध्य कराई जाए।

260 छात्राओं की हुई जांच

किशोर स्वास्थ्य मंच 2022 के तहत 260 छात्राओं की गई जांच

गाजीपुर। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत किशोर स्वास्थ मंच 2022 का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद के अन्तर्गत राजकीय बालिका इंटर कालेज मुहम्मदाबाद पर बुद्धवार को वृहद रूप से आयोजित किया गया। जहां पर 260 छात्राओं का जांच किया गया और जांच के उपरांत उन्हें सलाह और एनीमिया ,आयरन और आईएफए की गोली दी गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की तरफ से कॉलेजों में इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए निर्देश दिया गया था। उसी के क्रम में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मोहम्मदाबाद में किशोर स्वास्थ्य मंच 2022 का आयोजन किया गया। जिसमें सभी छात्रों का हीमोग्लोबिन जांच कर एनिमिया व अन्य बीमारियों की पहचान एवं संदरभन साथ एनीमिया, आयरन और आई एफ ए की गोलियों के साप्ताहिक सेवन की जानकारी दिया गया। इस दौरान उन्हें पोषण के महत्व के बारे में और प्रतिभागियों को किशोरी सूरक्षा योजना, विशेषकर मेन्स्टूअल हाईजीन, लिंग हिंसा , तम्बाकू एवं अन्य मादक पदार्थों का सेवन व उनके दुष्परिणामों से अवगत कराया गया।

छात्रों को एनीमिया यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित पेंटिंग प्रतियोगिता, वाद विवाद तथा भाषण प्रतियोगिताओ का भी आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर सरिता यादव, द्वितीय स्थान प्राप्त पार्वती कुमारी तथा तृतीय स्थान पर सुहानी कक्षा 9 की रही। सभी को अधीक्षक डॉ आशीष राय के द्वारा पुरस्कृत किया गया।

इस कार्यक्रम में 260 छात्राओं की जांच किया गया जिसमें आरबीएसके की टीम डा आर के वर्मा, आशा सिंह स्टाफ नर्स, रंजना देवी एएनएम , मोहित एल टी , कालीचरण के साथ साथ विद्यालय से प्रमीला चौहान एवं श्रीमती ममता सिंह रही। कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार ने किया एवं विद्यालय प्रबंध समिति का कार्यक्रम के आयोजन को लेकर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

जनपद में चलेगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा

23 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा

गाजीपुर। बढ़ती हुई जनसंख्या को लेकर भारत सरकार बेहद ही गंभीर है। जिसको लेकर लगातार जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम चलाती है। जिसमें कुछ स्थाई कार्यक्रम होते हैं और कुछ अस्थाई कार्यक्रम होते हैं। स्थाई कार्यक्रमों के तहत महिला एवं पुरुष नसबंदी पर लगातार कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जिसको लेकर परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक मनाया जाना है। जिसको लेकर विभाग ने माइक्रो प्लान तैयार कर लिया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने हेतु पुरुष नसबंदी पखवाड़ा 23 नवंबर से 4 दिसंबर तक शासन से निर्देश प्राप्त हुआ है। जिसके लिए विगत वर्ष की भांति भी इस वर्ष अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी थीम पर पुरुष नसबंदी पखवाड़ा चलाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि थीम का मुख्य उद्देश जनसाधारण को सीमित परिवार के बारे में जागरूक बनाने के साथ-साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी को बढ़ाते हुए कार्यक्रम को गति प्रदान करना है। साथ ही पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के अवसर पर जनसाधारण को संबोधित करते हुए विभिन्न स्तरों पर व्यापक सघन प्रचार प्रसार किया जाना है। भारत सरकार से प्राप्त निर्देश अनुसार पुरुष नसबंदी पखवाड़ा जनपद एवं ब्लाक स्तर पर दो चरणों में मनाया जाएगा।

प्रथम चरण मोबिलाइजेशन 28 नवंबर से 27 नवंबर तक द्वितीय चरण सेवाप्रदायगी 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक। इस पखवाड़े के दौरान प्रगति हासिल करने के लिए सभी कर्मियों को प्रस्तावित कार्यभार लक्षित दंपत्ति का चुनाव का जन समुदाय में व्याप्त भ्रांतियों को दूर कर पुरुष नसबंदी की स्वीकार्यता में वृद्धि किए जाने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर प्रत्येक ब्लॉक में प्रत्येक एएनएम को एक पुरुष नसबंदी एवं एक आशा संगिनी को एक पुरुष नसबंदी कराए जाने का लक्ष्य दिया गया है।

परिवार नियोजन विशेषज्ञ तबरेज अंसारी ने बताया कि 28 नवंबर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर और जखनिया, 29 नवंबर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद और सैदपुर, 30 नवंबर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी और अंधऊ, 2 दिसंबर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनो, 3 दिसंबर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद और रेवतीपर में पुरुष नसबंदी पखवाड़े के अंतर्गत कैंप का आयोजन किया जाएगा।

टीकाकरण से परिवार करे इंकार तो उन्हें समझाएं

नियमित टीकाकरण से जब परिवार करे इंकार उन्हें समझाएं इस प्रकार

गाजीपुर। भारत सरकार के द्वारा 0 से 5 साल तक के बच्चे के साथ गर्भवती व धात्री महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम लगातार चलाया जाता है। लेकिन इस नियमित टीकाकरण में कभी-कभी कुछ परिवारों के द्वारा टीकाकरण कराने से झिझक या इंकार कर दिया जाता है । ऐसे परिवारों को हम कैसे टीकाकरण को प्रति मोटिवेट करें। इसको लेकर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में ब्लॉक रिस्पांस टीम का जिला स्तरीय प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में दिया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि नियमित टीकाकरण भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग की एक महत्वपूर्ण योजना है। जिसके चलते हम 0 से 5 साल तक के बच्चों और गर्भवती व धात्री महिलाओं को कई रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण का कार्यक्रम चलाते हैं। जिसके लिए हमारे ब्लॉक स्तर की टीम गांव गांव जाकर इस टीकाकरण को अमली रूप देती है। लेकिन जनपद के कई ऐसे इलाकों में समस्या आई है कि कुछ परिवारों के द्वारा टीकाकरण कराने से इनकार किया जाता है या फिर झिझक होती है। इन्हीं सब को लेकर ब्लॉक से आए हुए चिकित्सा अधीक्षक, बीपीएम, बीसीपीएम को प्रशिक्षित करने का काम किया गया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम यूनिसेफ के द्वारा आयोजित किया गया था। जिसमें ब्लॉकों से आए हुए लोगों को लोगों को अवेयरनेस करने और उनके तरीके के बारे में जानकारी दी गई है। जिससे कि हमारी ब्लॉक स्तर की टीम जब गांव में जाए और ऐसी परिस्थिति बन जाए तो उन्हें कैसे मोटिवेट करें उन्हें भली प्रकार से जानकारी हो।

इस बैठक में यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर प्रदीप विश्वकर्मा, डीएमसी अजय उपाध्याय, एसीएमओ डॉ मनोज सिंह, यूएनडीपी के प्रवीण उपाध्याय, चाई के मणिशकर एवं एड्रा इंडिया के सहयोगी के साथ ही अन्य लोग भी बैठक में उपस्थित रहे।

डीएम ने किया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण

गाजीपुर। शुक्रवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मोहम्मदाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर को चेक किया। उन्होंने पूछा कि किस डॉक्टर की या किस स्टॉप की ड्यूटी किस समय लगी है। इसी क्रम में उन्होंने प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने आम मरीजों से यह जानकारी ली की उनको यहां पर दवा एवं इलाज सही समय पर हो रहा है कि नहीं। कहीं वह दवा बाहर से तो नहीं ले रहे हैं। उन्होंने दवा स्टाक रूम को चेक किया तथा दवा की उपलव्धता की जानकारी ली। इसी क्रम में उन्होंने महिला वार्ड का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वहां गंदगी पाई गयी। उन्होंने स्टाफ नर्स को साफ सफाई कराने का निर्देश दिया। उन्होंने ड्यूटी रूम, उपचारिका रूम, कोविड-19 पीकू वार्ड, नेत्र रोग विभाग, पैथोलॉजी कक्ष का निरीक्षण किया। पैथोलॉजी कक्ष मे कितने मरीज आए कितने लोगों का व्लड टेस्ट किया गया तथा टाइफाइड, हिमोग्लोबिन से संबंधित मरीजों का टेस्ट लेने के लिए कौन सी दवा प्रयोग की जाती है कि जानकारी ली। उन्होंने सैंपल मांग कर भी चेक किया। इसी क्रम में उन्होंने ऑपरेशन कक्ष का भी निरीक्षण किया। आपरेशन कक्ष मे टूटे-फूटे स्थान को उन्होने सही करवाने का निर्देश दिया। मौके पर उपजिलाधिकारी मु0बाद हर्षिता तिवारी के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

कुष्ठ उन्मूलन को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हुआ कार्यशाला का आयोजन

गाजीपुर। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत लगातार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुष्ठ रोग को दूर करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाते हैं । इसी क्रम में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में एक कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के सभी ब्लॉकों के चिकित्सा अधीक्षक के साथ ही एनएमए और एनएमएस शामिल रहे।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ एसडी वर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोगी के खोजे जाने और कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी के साथ ही इसका कैसे निवारण हो इसको लेकर विभाग हमेशा सचेत रहता है। समय-समय पर कार्यक्रम भी चलाता है इसी क्रम में आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।। जिसमें जनपद के समस्त ब्लॉकों के चिकित्सा अधीक्षक व अन्य कर्मचारी शामिल रहे।

उन्होंने बताया कि लेप्रोसी के मरीज़ों को अक्सर छुआछूत, कोढ़ और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। जागरुकता के अभाव की वजह से लोगों को लगता है कि यह छूने से फैलता है। जबकि ये बिल्कुल ग़लत है, संक्रामक बीमारी होने के बावजूद यह छूने या हाथ मिलाने, साथ में उठने-बैठने या कुछ समय के लिए साथ रहने से नहीं फैलती। हालांकि, यह संभव है कि लेप्रोसी पीड़ित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक रहने से परिवार के सदस्य इसकी चपेट में आ सकते हैं। लेकिन, नियमित रूप से इसका चेकअप और बचाव करने से इससे बचा जा सकता है।

लेप्रोसी या कुष्ठ रोग एक जीर्ण संक्रमण है, जिसका असर व्यक्ति की त्वचा, आंखों, श्वसन तंत्र एवं परिधीय तंत्रिकाओं पर पड़ता है। यह मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु के कारण होता है। हालांकि यह बीमारी बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं है, लेकिन मरीज के साथ लगातार संपर्क में रहने से संक्रमण हो सकता है।

लेप्रोसी पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उसके श्वसन तंत्र से निकलने वाले पानी की बूंदों में लेप्रे बैक्टीरिया होते हैं। ये बैक्टीरिया हवा के साथ मिलकर दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाते हैं। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में पहुंच कर इन बैक्टीरिया को पनपने में करीब 4-5 साल लग जाते हैं। कई मामलों में बैक्टीरिया को पनपने (इन्क्यूबेशन) में 20 साल तक लग जाते हैं। प्राइमरी स्टेज पर लेप्रोसी के लक्षणों की अनदेखी करने से व्यक्ति अपंगता का शिकार हो सकता हैं। यह संक्रामक है, पर यह लोगों को छूने, साथ खाना खाने या रहने से नहीं फैलता है। लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से इससे संक्रमण हो सकता है, पर मरीज़ को यदि नियमित रूप से दवा दी जाए, तो इसकी आशंका भी नहीं रहती है।

लेप्रोसी के प्राइमरी स्टेज को ट्यूबरक्यूलोइड कहा जाता है। इसमें लेप्रे बैक्टीरिया शरीर के हाथ, पैर, मुंह जैसे एक्पोज या खुले अंगों और उनकी पेरीफेरल नर्व्स या गौण तंत्रिकाओं को ज़्यादा प्रभावित करता है। इसमें ब्लड या ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने से प्रभावित अंग सुन्न होने लगते हैं। शरीर की त्वचा पर पैच पड़ने लगते हैं या त्वचा का रंग हल्का पड़ने लगता है और वह जगह सुन्न होने लगती है। वहां का सेंसेशन ख़त्म हो जाता है। समुचित इलाज न कराने से पैच दूसरे अंगों पर भी होने लगते हैं। पैच वाली स्किन ड्राइ और हार्ड होने लगती है। किसी भी प्रकार की चोट लगने या दूसरे इन्फेक्शन होने पर उनमें अल्सर हो सकता है।

आज के इस कार्यशाला में एसीएमओ डॉ जे एन सिंह,डॉ मनोज सिंह के साथ अन्य लोग भी मौजूद रहे।