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पिता की पुण्यतिथि पर बेटे ने 50 टीबी रोगियों को लिया गोद

गाजीपुर। टीबी मुक्त भारत अभियान जिसके तहत साल 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करना है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने टीबी रोगियों को जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा गोद लेने और उनके भरण-पोषण के साथ ही उनके दवा का ख्याल रखने का एक सर्कुलर जारी किया था। साथ ही आमजन से भी इन मरीजों को गोद लेकर इन्हें सुपोषित करने का आवाहन किया था। उसी आवाहन को लेकर मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कासिमाबाद पर अपने स्वर्गीय पिता सुरेंद्र सिंह यादव की स्मृति में उनके पुत्र अरविंद सिंह यादव के द्वारा ब्लॉक के 50 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। उन्हें पोषण सामग्री वितरित किया गया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि टीबी मुक्त भारत को लेकर शासन के द्वारा लगातार प्रयास जारी है। कई तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से 2025 तक क्षय रोग मुक्त भारत बनाने की कदम में मरीजों को पिछले दिनों राज्यपाल महोदय के द्वारा टीबी मरीजों को गोद लिए जाने का आवाहन किया गया था। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कासिमाबाद पर 50 टीबी मरीजों को स्थानीय अरविंद सिंह यादव एवं संजय सिंह यादव के द्वारा अपने पिता स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह यादव की स्मृति में मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण सामग्री वितरित किया गया। साथ ही यह वादा किया गया की वह मरीजों का आगे भी ध्यान रखेंगे।

इस कार्यक्रम में प्रभारी अधीक्षक डॉ सरफराज आलम, डॉ मिथिलेश कुमार सिंह जिला कार्यक्रम समन्वयक ,अनुराग पांडे ,,डीपी पी एम सी संजय प्रसाद ,दिनेश सिंह ,मनोज व अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

कर्मचारियों ने लिया नशा मुक्ति भारत अभियान के तहत शपथ

ग़ाज़ीपुर।हमारे देश में आजकल लोगों में नशे की आदत काफी बड़ी मात्रा में देखी जा रही है। यहां तक की युवा वर्ग भी नशे की चपेट में कुछ इस प्रकार से आ रहा है कि उन्हें नशे के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता है।इसीलिए सरकार द्वारा लोगों को नशे से बचाने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान को चालू किया गया है, जिसके अंतर्गत गवर्नमेंट लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए काफी प्रयास कर रही है, परंतु सिर्फ गवर्नमेंट ही नहीं बल्कि हमें भी इसमें सहयोगी बनना होगा।इसी को लेकर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्दबाद पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने शपथ दिलाया इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरतर व अन्य केंद्रों पर नशा मुक्ति अभियान के तहत शपथ दिलाया गया।
अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से पत्र आया था जिस के क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद के साथ ही अन्य कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लगे आरोग्य मेला में शामिल कर्मचारियों ने इस अभियान के तहत शपथ ग्रहण नशा मुक्ति की शपथ लिया। उन्होंने बताया कि नशे की लत से न सिर्फ इंसान का जीवन बर्बाद होता है बल्कि यह जानलेवा होती है. यह लत न सिर्फ नशा करने वाले व्यक्ति बल्कि उसके परिवार और समाज को भी प्रभावित करती है. इसलिए इसे सिर्फ एक आदत के रूप में ही नहीं बल्कि एक बीमारी के रूप में परिभाषित किया जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमेशा नशे की लत की गंभीरता को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।
नशे से दूरी बनाने के संबंध में बीपीएम संजीव कुमार ने बताया कि कि, नशा करने की शुरुआत सिर्फ शौकिया तौर पर होती है। इसीलिए अगर आपको कभी शौकिया तौर पर भी किसी भी प्रकार का नशा करने के लिए कहा जाए तो आपको साफ तौर पर उसके लिए मना कर देना है।
क्योंकि अगर आपको एक बार नशे की लत लग जाएगी तो आपको इससे निकलने में काफी टाइम लग जाएगा और हो सकता है कि आप नशे के इस प्रकार आदी हो जाएं कि आप अपना सारा काम धंधा भूल करके हमेशा नशे में ही डूबे रहे।
नशा करने से बचने के लिए आपको ऐसे लोगों के साथ किसी भी प्रकार का मेल मिलाप नहीं रखना चाहिए जो किसी भी प्रकार का नशा करते हैं क्योंकि नशे की स्टार्टिंग संगत से ही होती है। अगर आपकी संगत खराब है तो आप जल्दी नशे की गिरफ्त में आ जाएंगे। इसलिए आपको ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो नशे का सेवन करते हैं।
आपको ना तो कभी शौकिया तौर पर नशे का सेवन करना चालू करना चाहिए, ना ही कभी कबार। संक्षेप में कहें तो आपको अपने मन में यह निश्चय लेना चाहिए कि आप कभी भी अपने जीवन में नशे का सेवन नहीं करेंगे, साथ ही अन्य लोगों को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएंगे।

एम्बुलेंस में हुआ प्रसव,जच्चा और बच्चा स्वस्थ

ग़ाज़ीपुर।108 एंबुलेंस में इन दिनों लगातार प्रसव कराने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कारण की जब गर्भवती को जरूरत से ज्यादा दर्द बढ़ जा रहा है तब परिजन 108 एंबुलेंस के लिए कॉल कर रहे हैं। और फिर स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में ही प्रसव हो जा रहा है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को ग्राम पंचायत और औढारि ब्लॉक मनिहारी का था। जहां पर एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया जिसके बाद तत्काल मौके पर पायलट और ईएमटी एंबुलेंस लेकर पहुंचे और गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्र के लिए लेकर चले। लेकिन दर्द बढ़ जाने के कारण रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ा।
108 एंबुलेंस के ब्लॉक प्रभारी दीपक राय ने बताया कि ग्राम पंचायत औढारि ब्लॉक मनिहारी की रहने वाली गर्भवती सरोज पत्नी तेज प्रताप की प्रसव पीड़ा की जानकारी देते हुए 108 एंबुलेंस की डिमांड की गई। जिसके बाद इमरजेंसी मेडिकल टेक्निकल रवि प्रताप और पायलट करीम अंसारी के द्वारा एंबुलेंस को लेकर बताए गए लोकेशन पर पहुंचे। जहां से गर्भवती को लेकर पास के स्वास्थ्य केंद्र के लिए चले लेकिन रास्ते में दर्द बढ़ जाने के कारण इमरजेंसी मेडिकल टेक्निकल रवि प्रताप सिंह और परिवार की महिलाओं के सहयोग से एंबुलेंस के अंदर ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जिसके पश्चात महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने जच्चा और बच्चा को दोनों को स्वस्थ बतलाया।

गाज़ीपुर में डीएम-एसपी सहित अन्य लोगों ने किया योग

गाजीपुर।मंगलवार को जिले में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस उल्लास के बीच मनाया गया। इस मौके पर जगह-जगह योग शिविर का आयोजन किया गया। पुलिस लाइन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डीएम-एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों-कर्मियों के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, नगरपालिका अध्यक्ष और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जिला प्रशासन एवं आयुष विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पुलिस लाइन परिसर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने किया।इस पर मौके पर पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, अपर जिलाधिकारी वि.रा. अरूण कुमार सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल, डीआईओएस, एडीएम, कर्मचारी नेता अंबिका दुबे, विभिन्न स्कूल-कालेजों की छात्र-छात्राओं सहित लगभग चार हजार लोगों ने योगाभ्यास किया।इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति एवं परंपरा की एक अमूल्य देन है। इस उपभोक्तावादी समाज में जब व्यक्ति ने अपने आपको प्रतियोगी के बजाय प्रतिस्पर्धी बना लिया हो और अपने जीवन को यन्त्रवत ढाल लिया हो, ऐसी स्थिति में उसके जीवन में निराशा, अवसाद और बीमारियां लगातार घर करती जा रही है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय परंपरा एवं संस्कृति में छिपे इस अद्भुत दर्शन को न केवल वैश्विक रूप दिया, अपितु जन-जन के जीवन के अभिन्न अंग के रूप में स्थापित करने में भी मदद की।इस दिवस की महत्ता की सार्थकता को सिद्ध करने के लिए पूरे विश्व में योग दिवस का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है, इसका श्रेय हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। पीएम मोदी जी की सोच का दायरा इतना विस्तृत है कि उन्होंने मानवीय पहलू पर विचार करने के उपरांत ही योग दिवस की शुरूआत की।डीएम ने बताया कि योग से मानव किस तरह से अपने जीवन को सुरक्षित रख सकता है। आज की विषम परिस्थितियों में जब आदमी की सोच बदल गई है, खान-पान बदल गया है, रहन-सहन बदल गया है, इस भौतिकता के युग में हम पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं, जो जीवन के लिए अत्यंत घातक है।योग दिवस हमें बतलाता है कि व्यक्ति को सूर्योदय के पूर्व उठना चाहिए, नियम, संयम को अपने जीवन में अत्यधिक महत्व देना चाहिए, तभी व्यक्ति स्वस्थ्य रह सकता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ऐसा मौका था, जब जनप्रतिनिधि, जिले भर के अधिकारी और आम नागरिकों ने एक साथ योगाभ्यास किया।
इसमें जनपद के कुशल योग प्रशिक्षक रूद्र तिवारी, नम्रता तिवारी, धीरज एवं जयप्रकाश ने सामूहिक प्रार्थना के बाद कॉमन योग प्रोटोकॉल की ग्रीवा शक्ति, शक्ति एवं घुटना शक्ति विकासक क्रियाओं, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, भद्रासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, उत्तान मंडूकासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन,उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन एवं सवासन सहित कपालभाति नाड़ी शोधन प्राणायाम शीतली प्राणायाम भ्रामरी प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास कराते हुए प्रतिदिन योगाभ्यास का संकल्प दिलाया।साथ ही इन योगासनों के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों और निरोगी काया के लिए इनके महत्व को रेखाकिंत किया। कार्यक्रम का सफल संयोजन क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी आनंद विद्यार्थी ने किया।इस कार्यक्रम संचालन नेहरू युवा केंद्र के लेखा एवं कार्यक्रम सहायक सुभाष चन्द्र प्रसाद ने किया।

विद्यालय में अध्यापकों और छात्राओं ने किया योग

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस'पर मंगलवार को योग-शिविर का आयोजन महाविद्यालय की रानी लक्ष्मीबाई प्रांगण में किया गया। इस दौरान प्रातः योग शिविर का उद्घाटन प्राचार्य प्रोफेसर सविता भारद्वाज ने करते हुए कहा कि योग केवल एक क्रिया मात्र नहीं है बल्कि हमारे शरीर को स्वास्थ और आनन्द, जीवन को शान्ति एवं सुखमय बनाने की एक विधा है। इस विधा में सभी को पारंगत करना ही इस शिविर का उद्देश्य है। योग शिविर में 28 यू पी गर्ल्स बटालियन एन सी सी कैडेट्स, प्रज्ञा रेंजर, छात्राओं के साथ-साथ प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने प्रतिभागिता की। योग प्रशिक्षक लेफ्टिनेंट शशिकला ने कटिचक्रासन, वृक्षासन, ताड़ासन,गोमुखासन, धनुरासन, प्राणायाम, आदि का अभ्यास कराया और योग से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी। योग शिविर में रेंजर प्रभारी डॉ शिवकुमार, डॉ. सारिका सिंह, प्रो. उमाशंकर, डॉ रामनाथ, डॉ. मनीष, डॉ गजनफर, डॉ राजेश, शिवम सिंह लिपिक सहित महाविद्यालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

सीएमओ को सौंपा पत्रक

ग़ाज़ीपुर।यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन गाजीपुर उत्तर प्रदेश ,के जिलाध्यक्ष सहित तमाम कर्मचारियों ने अपनी 4 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन जो उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा उत्तर प्रदेश लखनऊ, को संबोधित था उस पत्र को सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह को सौंपा। जिसमें स्थानांतरण नीति केअनुपालन व साथ ही अन्य मांगों का जिक्र किया गया था।जिलाध्यक्ष अमित राय ने बताया कि विगत साल दूरस्थ स्थान्तरित किए गए लिपिक को तीन विकल्प प्राप्त करके विकल्प के आधार पर उनके अनुरोध पर उनके गृह जनपद के निकट के जनपद या मंडल में तैनात कराया जाए। जिससे लिपिक राजकीय दायित्व के साथ-साथ अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन भी कर सके। शासनादेश के मुताबिक बिंदु संख्या पांच बीमारी, बच्चों की शिक्षा, दंपत्ति नीति, दिव्यांग, बिंदु 5 और 2 वर्ष से कम सेवानिवृत्ति वाले कर्मियों को स्थानांतरण से मुक्त रखा जाए। इसके अलावा फर्जी शिकायतों पर बिना पुष्टि एवं जांच की स्थानांतरण ना किया जाए।पत्रक सौंपने वालों में शिव बली मिश्रा, कृष्ण कुमार वर्मा ,प्रमोद कुमार, दिनेश तिवारी, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ,गौरी शंकर लाल के साथ ही अन्य लोग उपस्थित रहे।