Category Archives: Health

बाल स्वास्थ्य पोषण माह का सीएमओ ने किया शुभारंभ

सीएमओ ने विटामिन ए की खुराक पिलाकर आरंभ किया बाल स्वास्थ्य पोषण माह

गाज़ीपुर।बाल स्वास्थ्य पोषण माह जिसके अंतर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जानी है। जो 16 अगस्त बुद्धवार से शुरू होकर 15 सितंबर तक चलेगा। इस कार्यक्रम का शुभारंभ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुभकारपुर के अंतर्गत आने वाले उप केंद्र महाराजगंज पर बच्चों को विटामिन ए की खुराक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल के द्वारा किया गया। ग्राम प्रधान नंदू प्रसाद के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। यह कार्यक्रम प्रत्येक बुधवार और शनिवार को जनपद में चलेगा।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनएचएम डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विटामिन ए की खुराक 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को पिलाया जाता है जिससे बच्चों को कई बीमारियों से सुरक्षा मिलता है।

उन्होंने बताया कि विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिससे बच्चों में अनेक रोगों से लड़ने हेतु प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है जिससे वे स्वस्थ व पोषित रहते हैं।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुजीत कुमार मिश्रा ,जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम प्रभुनाथ, डॉ मुंशीलाल, एस एम ओ डब्ल्यू एच ओ विनय कुमार के अलावा बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी के साथ एएनएम,आशा,सीएचओ आदि उपस्थित रहे।

डीएम और चेयरमैन ने खाई फाइलेरिया से बचाव की दवा, कहा….

एमडीए अभियान शुरू, जिलाधिकारी व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष ने खाई फाइलेरिया से बचाव की दवा

महुआबाग स्थित आदर्श इंटर कॉलेज से हुआ फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान का शुभारंभ

जिलाधिकारी ने की अपील – स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग कर दवा का सेवन उनके समक्ष करें, दूसरों को भी प्रेरित करें

नगर पालिका परिषद अध्यक्ष ने साफ-सफाई, गंदे पानी के निस्तारण, स्वच्छ पेयजल पर दिया ज़ोर

गाज़ीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी एवं नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान का शुभारंभ महुआबाग स्थित आदर्श इंटर कॉलेज से किया। सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने फाइलेरिया से बचाव की दवा एल्बेण्डाज़ोल और डीईसी का सेवन किया। तत्पश्चात नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सरिता अग्रवाल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी/विद्यालय निरीक्षक हेमंत राव, प्रधानाध्यापक चंद्रदेव राम, संचारी रोगों के नोडल अधिकारी/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जेएन सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारियों, शिक्षकों व बच्चों ने दवा का सेवन किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया, जिसको सामान्य भाषा में हाथीपांव कहा जाता है इससे बचाव के लिए सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान का शुभारंभ किया गया है। यह अभियान अगले 15 दिनों तक संचालित किया जाएगा, जिसमें दवा सेवनकर्मी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर एक वर्ष से ऊपर के सभी बच्चों, वयस्कों, वृद्धजनों को अपने सामने दवा खिलाएँगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज मैंने स्वास्थ्यकर्मियों के सामने यह दवा खाई है, उसी तरह सभी को यह दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने खिलाई जानी है। यह दवा खाना बहुत आवश्यक है क्योंकि विगत कई वर्षों से यह रोग समाज में व्याप्त है। समाज में इसको लेकर कई भ्रांतियां भी बनी हुई हैं। गंदगी भी इसका प्रमुख कारण है। इसका मच्छर गंदगी में ही पनपता है। इस रोग के हो जाने पर शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते लेकिन पाँच से 15 साल बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। हाथ-पैरों व अन्य अंगों में सूजन बढ़ने लगती है। एक बार यह बीमारी हो जाने पर यह ठीक भी नहीं होती है। इसी को देखते हुए साल में एक बार एमडीए अभियान संचालित किया जाता है। साल में एक बार और लगातार पाँच साल तक दवा खाने से हम सभी इस बीमारी से बच सकते हैं। यह बीमारी जल्द से जल्द विलुप्त हो जाए, इसके लिए सरकार ने वर्ष 2030 तक उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।

जिलाधिकारी ने स्कूल व कॉलेज के छात्रों-छात्राओं सहित सभी लोगों से अपील की किया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए घर-घर जाने वाले दवा सेवनकर्मी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग करें और उनके सामने ही फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करें। साथ ही अन्य लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। यह दवा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से ग्रसित बीमारी व्यक्तियों को नहीं खिलाई जानी है। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने कहा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी साफ-सफाई है। यदि हम अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखेंगे, घर व आसपास गंदगी व जलजमाव की स्थिति पैदा नहीं होने देंगे तो हम इस बीमारी से बचे रहेंगे। हमेशा स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें। सोते समय हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत नगर के सभी वार्डों में दवा सेवनकर्मी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता की टीम घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने समक्ष खिलाएगी। इसके अलावा नगर पालिका की टीम साफ-सफाई, फोगिंग, एंटी लार्वा छिड़काव के कार्य में जुटी हुई है। कार्यक्रम में आदर्श इंटर कॉलेज के प्रधानाध्यापक चंद्रदेव राम ने बताया कि यहाँ लगभग 1800 छात्र हैं, जिनको बृहस्पतिवार को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। उन्होंने समस्त छात्रों से अपील की किया कि वह अपने घर के परिजनों व आस पड़ोस के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। इस मौके पर कक्षा आठवीं के छात्र आर्यन गुप्ता, ध्रुव कुमार, कृष्ण कुमार, कृष्णा कुमार सहित सभी छात्र दवा खाने के लिए उत्साहित दिखे। आर्यन ने कहा कि हमने फाइलेरिया से बचाव की दवा खा ली है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी तरह हम लगातार पाँच साल तक साल में एक बार दवा जरूर खाएँगे। साथ ही और भी लोगों को प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम का संचालन संजय राम ने किया। इस मौके पर एसीएमओ डॉ मनोज कुमार, जिला सूचना अधिकारी, सहायक मलेरिया अधिकारी, फाइलेरिया व मलेरिया निरीक्षक, जिला कार्यक्रम समन्वयक (एनटीईपी), डब्ल्यूएचओ, पाथ, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि सहित अध्यापक, जिला मलेरिया इकाई का समस्त स्टाफ एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

सांप काटे तो एक घंटा के अंदर लगवाए यह इंजेक्शन

गाजीपुर। जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने सर्पदंश प्रबंधन पर जारी की एडवाइजरी राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण, भारत सरकार नई दिल्ली एवं प्राधिकरण लखनऊ के माध्यम से भारत और उत्तर प्रदेश में घटित सर्पदंश की घटनाएं प्रायः बढ़ने के दृष्टिगत उससे होने वालें नुकसान और बचाव हेतु जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्षाकाल के दौरान सर्प अपने स्थानों से निकलकर सुरक्षित स्थानों को ढूढते-2 आवासीय क्षेत्रों में चले आते है जिससे सर्पदंश की घटना घटित हो जाती है। सर्पदंश से होने वाली मौत को कम करने के लिए प्रत्येंक चिकित्सा केन्द्र पर पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम व अन्य दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होने कहा कि सभी सीएचसी, पीएचसी पर मुख्य चिकित्साधिकारी स्वयं एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता की जंाच करें। सर्पदंश से बचाव संबंधी आईईसी मैटेरियल राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट के लिंक डाउनलोड कर सोशल मीडिया, रेडियों, न्यूज पेपर, टी0वी0 आदि के माध्यम से प्रसारित कराया जाए।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरूण कुमार सिंह द्वारा उपलब्ध एडवाइजरी के माध्यम से लोंगो से अपील की गई है कि सर्पदंश से बचाव व उसके लक्षण के विषय में जानकारी प्राप्त कर स्वंय बचे एवं दूसरे को भी बचाने का कार्य करें तथा साथ ही साथ एक दूसरे को जागरूक कर जनहानि की घटना को कम करने का प्रयास करें। सांप के काटने पर क्या न करें – बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें। सर्प से प्रभावित व्यक्ति के कटे स्थान पर टुर्निकेट ( तेज कपड़े से न बांधे ) । इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती है। काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए। यह आगे नुकसान पहुॅचाता है। घायल को चलने से रोकें। शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें। मुंह से कटे हुयें स्थान को न चुसे। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये। तुरंत क्या करें- काटे गये जगह को साबून व पानी से धोए। दांत के निसान की जॉच करें, कही जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नहीं। काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें। सर्पदंश वाले अंग को स्थिर (फिक्स) करें। बैंडेज घाव पर और उसके उपर लगाये। घायल व्यक्ति को सांत्वना दे, घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जायेगा। तुरंत बड़े अस्पताल ले जाए। एंटी वेनम का इंजेक्शन डाक्टर से लगवाएं। आपदा विशेषज्ञ अशोक राय द्वारा बताया गया कि सर्पदंश के काटने पर झाड़ फूंक के चक्कर मेेेें न पड़े अस्पताल में इलाज कराने की दी सलाह । भारत में विषैले सर्प मात्र 15 प्रतिशत ही है। जिसके सापेक्ष भारत में लगभग प्रत्येक वर्ष 45-46 हजार मृत्यु सर्पदंश से होती जिसका प्रमुख कारण लोगों मेे अज्ञानता व समय से इलाज न कराने के बजाय झाड़-फूक आदि पर ज्यादा विश्वास करने से होती है। भारत मे  प्रमुख विषैल सर्प कोबरा कैरत, स्कैल्ड वाईपर व पिट्ट वाईपर पाये जाते है जो प्रायः उत्तर प्रदेश , बिहार , महाराष्ट्र , राजस्थान , केरल , तमिलनाडु , उड़िसा व असाम आदि राज्यों के जंगलों में सर्वाधिक पाये जाते है। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये। भय एवं चिन्ता न करें सभी सॉप जहरीले नहीं होते है। सभी सॉपों के पास हर समय पूरा जहर नहीं होता । 2 अगस्त 2018 से सर्पदंश कों राज्य आपदा घोषित किया गया है। सर्पदंश से मृत्यु होने की दशा में मृतक के आश्रित को 4 लाख रूपयें की सहायता प्रदान किया जाता है। सर्पदंश से मृत्यु होने पर मृतक का शवनामा एवं पोस्टमार्टम अनिवार्य रूप से काया जाना जरूरी है। सर्पदंश के लक्षण -सर्पदंश के लक्षण वाले स्थान पर तेज दर्द होना, बेहोशी आना, सर्पदंश वाले हिस्से में सूजन, ऑंखों के पलकों का भारी होना, पसीना आना, उल्टी महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों मे धूंधुलापन छाना, आवाज का पतला होना या पिच में कमी आना, बोलने में कठिनाई होना, पेट दर्द होना, गहरे भूरे रंग का पेशाब आना, रक्त का थक्का जमना। सर्पदंश के बाद प्रथम एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। इस दौरान पीड़ित को एंटी स्नेेक वेनम इंजेक्शन लग जाना चाहिए। सांप के डसने पर तत्काल अस्पताल आने वाले लोगों की प्रायः जान बच जाती है। सर्पदंश की घटना प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आती है। सर्पदंश होने पर जख्म वाले हिस्से पर चीरा नही लगाना चाहिए।

सीएमओ ने किया मिशन इंद्रधनुष का शुभारंभ, 12 अगस्त तक चलेगा अभियान

गाजीपुर। जनपद के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) हाथीखाना पर सोमवार को सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई-5.0) के तहत पहले चरण का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने किया। इस अवसर पर पीएचसी पर आयोजित नियमित टीकाकरण सत्र में सीएमओ और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ एसके मिश्रा ने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई। साथ ही मीजिल्स-रूबेला की दूसरी डोज़ भी लगाई गई। इसके अतिरिक्त समस्त 16 ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी-पीएचसी) पर भी अभियान की शुरुआत हुई। सीएमओ डॉ पाल ने कहा कि नियमित टीकाकरण अभियान में किसी कारणवश छूटे पांच वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित करने के लिए अभियान का पहला चरण सोमवार से शुरू हुआ। यह चरण 12 अगस्त तक चलेगा। सीएमओ ने परिजनों से अपील की किया कि वह अपने बच्चे का टीकाकरण कराएं और आसपास के लोगों को बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करें। कोई भी बच्चा छूटा हो तो उसका टीकाकरण अवश्य कराएं। सभी टीके पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। टीका लगने के बाद सामान्य बुखार हो सकता है, इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा गंभीर स्थिति या प्रतिकूल प्रभाव से निपटने को रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) तैयार की गई है।  जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने सैदपुर पीएचसी के अंतर्गत आयोजित टीकाकरण सत्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि आईएमआई 5.0 के पहले चरण के लिए जिले के छूटे पांच वर्ष तक के 1500 बच्चों और 100 गर्भवती को टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है। सोमवार को लगभग 369 टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए। अभियान में बच्चों को प्रमुख रूप से मिजिल्स-रूबेला का टीका लगाया जाएगा। साथ ही गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाएगा। यह टीका गर्भवती को दिये जाने से उनका व उनके गर्भस्थ शिशु का टिटनेस व डिप्थीरिया (गलघोंटू) रोग से बचाव करता है।

इसके साथ ही बच्चों को 11 बीमारियों से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है जिनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटेनस, पोलियो, क्षय (टीबी), हेपेटाइटिस-बी, मैनिंजाइटिस, निमोनिया, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप-बी संक्रमण, डायरिया रोटा वायरस और खसरा-रूबेला (एमआर) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आईएमआई 5.0 का दूसरा चरण 11 से 16 सितंबर और तीसरा चरण नौ से 14 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इस मौके पर एसीएमओ डॉ मनोज कुमार सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक अशोक कुमार, यूनिसेफ से डीएमसी बलवंत सिंह, चाई से मणि शंकर, यूएनडीपी से प्रवीण उपाध्याय, चिकित्सक, एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
पाँच साल – सात बार, टीका न छूटे एक भी बार – टीकाकरण एक सतत प्रक्रिया है जो कि बच्चे के जन्म से लेकर पांच वर्ष की आयु तक संपादित की जाती है। जन्म के समय बच्चों को हेपेटाइटिस बी संक्रमण से बचाने के लिये एवं पोलियो वैक्सीन की जीरो डोज खुराक एवं बीसीजी की वैक्सीन दी जाती है। तत्पश्चात बच्चे की आयु डेढ़ माह, ढाई माह एवं साढ़े तीन माह होने पर डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, रोटा वायरस, डायरिया, हेपेटाइटिस बी, हेमेसिफिलस संक्रमण एवं न्यूमोकोकल वैक्सीन, न्यूमोकोकल इन्फेक्शन के संक्रमण से बचाने के लिये टीका लगाया जाता है। इसके साथ ही नौ महीने की उम्र पूरी होने पर 10वें महीने पर मीजिल्स-रूबेला की पहली डोज़ तथा 16-24 महीने पर मीजिल्स-रूबेला की दूसरी डोज दी जाती है। इसके बाद 16 से 24 माह पर डिप्थीरिया, काली खांसी एवं टिटनेस के संक्रमण से बचाव के लिये डीपीटी वैक्सीन की बूस्टर डोज़। 5 वर्ष पूर्ण होने पर डीपीटी की दूसरी बूस्टर खुराक दी जाती है। किशोर एवं किशोरियों को 10 वर्ष एवं 16 वर्ष की उम्र पर डिप्थीरिया एवं टिटनेस से बचाव के टीके दिये जाते हैं। डॉ मिश्रा ने बताया कि इस प्रकार एक ही टीकाकरण के विभिन्न वैक्सीन देने का समय निर्धारित किया गया है। बच्चे को सभी वैक्सीन मिल जाये इसके लिये उन्हें विभिन्न आयु पर 07 बार टीकाकरण केन्द्र लाना होता है।

फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा जरूर खाएं: सरिता अग्रवाल

गाजीपुर। शनिवार को नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सरिता अग्रवाल की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के एमडीए अभियान पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी की सहभागिता बहुत जरूरी है। उन्होंने अपील की किया कि 10 अगस्त से शुरू हो रहे एमडीए राउंड में घर-घर जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के समक्ष फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खाएं। यह दवा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं खानी है। इस अवसर पर नगर पालिका के सभासद, कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान सभी लोगों ने शपथ ली कि वह फाइलेरिया से बचाव की दवा खाएंगे और अन्य लोगों को दवा खाने के लिए जागरूक करेंगे।

माउंट लिट्रा जी स्कूल के बच्चों और अभिभावकों को किया गया जागरूक

माउंट लिट्रा जी स्कूल में फाइलेरिया रोग उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन



गाजीपुर। फाइलेरिया रोग से संबंधित समाज में फैली भिन्न भिन्न प्रकार की भ्रांतियों उससे बचाव एवं रोकथाम के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा “सर्वजन दवा अभियान” के तहत शनिवार को शहर के बंधवा पीरनगर स्थित माउंट लिट्रा जी स्कूल में “जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया गया।
जिसमें कहा गया कि बच्चे कल के भविष्य हैं इसलिए इनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। माउंट लिट्रा जी स्कूल सदैव बच्चों के शैक्षिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास एवं स्वास्थ्य के प्रति प्रयासरत रहा है। इस कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर मनोज कुमार एवं डीएमसी पीसीआई रामकृष्ण वर्मा ने बच्चों को फाइलेरिया के विभिन्न लक्षणों, उनके प्रकार एवं बचाव के विषय में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए आगामी 10 अगस्त से लेकर 28 अगस्त तक फाइलेरिया उन्मूलन हेतु दवा के सेवन के लिए भी निर्देश दिए। साथ ही साथ बच्चों के द्वारा स्वयं को स्वस्थ बनाए रखने हेतु प्रतिज्ञा भी दिलवाई। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों के द्वारा मलेरिया से बचाव पर आधारित छोटे-छोटे रोल प्ले एवं स्किट के द्वारा जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली हुई विभिन्न संक्रामक बीमारियों में से एक फैलेरिया को जड़ से समाप्त करने हेतु बच्चों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक करना था।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जनसहभागिता बहुत जरूरी : सीएमओ

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जनसहभागिता बहुत जरूरी : सीएमओ

जनपद में 10 अगस्त से चलेगा सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित

सीएमओ की अपील :फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार दवा का सेवन जरूर करें

गाज़ीपुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई।कार्यशाला में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार), पाथ व पीसीआई संस्था ने महत्वपूर्ण सहयोग किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने कहा कि देश को वर्ष 2030 तक फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए जनपद में भी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत 10 अगस्त से जनपद के सभी 16 ब्लॉक व नगरीय क्षेत्रों में एमडीए राउंडसंचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया (फीलपाँव या हाथीपाँव) वाहक मच्छर क्यूलेक्स के काटने के बाद इसके लक्षण पांच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए एक साल से ऊपर के सभी बच्चों, किशोर-किशोरियों, वयस्कों, वृद्धजनों को फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खानी चाहिए। यह दवा स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ता यह दवा लोगों को अपने समक्ष खिलाएँगी। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। साथ ही यह दवा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं खानी है। इस दवा के साल में एक बार और पाँच साल लगातार सेवन करने से हम फाइलेरिया से सुरक्षित बन सकते हैं। इसके लिए जन सहभागिता की बेहद आवश्यकता है। सीएमओ ने मीडिया बंधुओं के माध्यम से जनमानस से अपील की कि फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूर करें।
कार्यशाला में सीएमओ ने अन्य मच्छर जनित संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि से बचाव के बारे में भीजानकारी दी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ जेएन सिंह ने कहा कि एक बार फाइलेरिया (हाथीपाँव) हो जाने के बाद यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। सभी से अपील है कि इस अभियान में सरकार का सहयोग करें। खुद दवा खाएं और अपने आस-पास के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने कहा कि किसी भी संदेश को जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से आज आगामी फाइलेरिया एमडीए कार्यक्रम को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग से प्रभावित अंग के साफ-सफाई और व्यायाम से इसे सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है। एमडीए कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से बूथ लगा कर एवं घर-घर जाकर इन दवाओं का सेवन सुनिश्चित करवाया जाएगा। दवाओं का वितरण बिल्कुल भी नहीं किया जायेगा। इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैंतो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः यहलक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।
कार्यशाला में फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क सदस्य कासिमाबाद निवासी सरिता देवी और भांवरकोल निवासी सुग्रीव ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि वह नेटवर्क के साथ करीब एक साल से जुड़ीं हैं। नेटवर्क के साथ जुड़ने और नियमित व्यायाम करने से उनके पैरों की सूजन बहुत कम हो गई है। उन्हें पता नहीं था कि कई साल पहले हुई यह बीमारी इतना गंभीर रूप ले सकती है।
कार्यशाला में समस्त उप व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पाथ से डॉ अबु कलीम व अरुण कुमार, पीसीआई से रामकृष्ण वर्मा, सीफार, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ के प्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

डब्ल्यूएचओ की टीम ने जिले में किया भ्रमण, ली जानकारी

गाजीपुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में 10 अगस्त से सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसको लेकर शासन व जनपद स्तर पर हर संभव तैयारियाँ की जा रहा हैं। इसी क्रम में गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने कासिमाबाद ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निरीक्षण किया। तत्पश्चात जनपद मुख्यालय आकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय का भ्रमण करते हुये सीएमओ डॉ देश दीपक पाल से भी मुलाक़ात की। टीम में डॉ कमलाकर एवं डॉ निशांत शामिल थे। कासिमाबाद में तैयारियों की समीक्षा के बाद टीम ने जनपद मुख्यालय पर आकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से फीडबैक शेयर किया। फीडबैक के अनुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गतिविधियों को ससमय पूरा करने का आश्वासन दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने एमडीए अभियान की समस्त तैयारियों के बारे में टीम को अवगत कराया। साथ ही उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य कि अध्यक्षता में अंतर्विभागीय बैठक की जा चुकी है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग सहित समस्त विभागों से सहयोग लिए जाने को लेकर चर्चा की गई। पार्टनर संस्थाओं से भी सहयोग लेने के बारे में चर्चा हुई। इसके अलावा जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) की कार्यशाला भी पूरी हो चुकी है।

ब्लॉक स्तर पर सभी स्वास्थ्यकर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सभी दवा वितरण कर्मी (ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर) को भी लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह अभियान सभी 16 ब्लॉकों में चलाया जाएगा। सभी ब्लॉक सीएचसी व पीएचसी के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारियों को माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान को सफल बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही अभियान में खोजे जाने वाली फाइलेरिया रोगियों को चिन्हित करते हुए उसे ई कवच पोर्टल पर फीडिंग करने का निर्देश दिया गया है। जिससे उनका फॉलो अप किया जा सके और फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपीे) किट भी प्रदान की जा सके। इसके अलावा बताया गया कि पाथ, पीसीआई और सीफार के सहयोग से समुदाय स्तर पर जन जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। कासिमाबाद ब्लॉक सीएचसी पहुंचकर टीम ने वहां के अधीक्षक डॉ नवीन सिंह से एमडीए अभियान की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान टीम ने दस्तावेजों और सामुदायिक स्तर पर की जा रहीं गतिविधियों की रिपोर्टिंग आदि के बारे जानकारी ली। टीम के साथ जिला मलेरिया अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहा।

108 एंबुलेंस ने महिला को पहुंचाया ट्रामा सेंटर

पैर में फ्रेक्चर वाली महिला को 108 एंबुलेंस ने पहुंचाया ट्रामा सेंटर वाराणसी

ग़ाज़ीपुर। बुधवार की बीती रात करीब 9:27 पर 108 नंबर पर कॉल आया और बताया गया कि पीड़ित के पैर में फ्रेक्चर है। उसे वाराणसी बीएचयू ट्रामा सेंटर को लेकर जाना है। जिसके बाद तत्काल 108 एंबुलेंस के पायलट और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन तत्काल बताए गए लोकेशन पर पहुंचे। मरीज को बीएचयू वाराणसी ट्रामा सेंटर के लिए रवाना हुए। 108 एंबुलेंस के प्रभारी दीपक राय ने बताया कि बीती रात मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के गौसपुर गांव की रहने वाली दुलारी देवी उम्र 55 जिनके पैर में फ्रैक्चर हुआ था। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें वाराणसी जाना था। जिसके लिए 108 नंबर पर फोन आया और बताए गए लोकेशन पर तत्काल क्विक रिस्पांस करते हुए पायलट संतोष और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन दिलीप शर्मा पहुंचे । मरीज को लेकर बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रवाना हुए । देर रात तक उन्हें ट्रामा सेंटर वाराणसी में एडमिट कराया जिसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ।

नियुक्ति पत्र पाकर खिल उठे ए.एन.एम कार्यकत्रियो के चेहरे

गाजीपुर। निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत उ0प्र0 अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा चयनित ए.एन.एम. को नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोक भवन लखनऊ से वितरित किया गया। जिसका लाइव प्रसारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में दिखाया गया। मंगलवार को जिला अध्यक्ष भाजपा भानु प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष भाजपा अखिलेश सिंह, अच्छे लाल गुप्ता और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ए.एन.एम कार्य कत्रियो नियुक्ति पत्र दिया। प्रदेश में 1573 एवं जनपद गाजीपुर के 20 ए.एन.एम. कार्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में उ0प्र0 अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा चयनित 20 ए.एन.एम. कार्यकत्रियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया है। इसके साथ ही समस्त जनपदों में जनप्रतिनिधियों द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। नियुक्ति पत्र पाकर नव नियुक्त ए एन एम स्वास्थ्य कार्यकत्रियों के चेहरे खिल उठे।

इस अवसर पर अच्छे लाल गुप्ता और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने चयनित ए.एन.एम. को बधाई दी एंव उनके कर्तव्य पालन का बोध कराया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, डी पी एम, अन्य संबधित अधिकारी एवं ए.एन.एम. आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डी पी एम प्रभुनाथ ने किया।