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जिला पंचायत अध्यक्ष ने बांटी दीपावली की खुशियां

टीबी मरीजों को पोषण सामग्री के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष ने बांटी दीपावली की खुशियां

गाजीपुर। 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का सपना प्रधानमंत्री के द्वारा देखा गया है। जिसको लेकर इन दिनों टीबी मुक्त भारत अभियान भी चल रहा है। इसी के तहत टीबी के मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण की देखरेख करने की जिम्मेदारी का कार्यक्रम चल रहा है। जिसको लेकर जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा पिछले दिनों से 21 टीबी मरीजों को गोद लिया गया था । उन मरीजों को दूसरी बार पोषण सामग्री के साथ ही साथ उन्हें दीपावली की मिठाई वितरित कर उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी गई।

जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान जो प्रधानमंत्री का 2025 का सपना है। अगर हमारे जनपद में सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा और हमारे जनप्रतिनिधि इस महा अभियान में अपनी सहभागिता निभाते रहें तो हम 2024 तक गाजीपुर को टीबी मुक्त करने में सफल हो जाएंगे । इसी को लेकर मेरे द्वारा जिन मरीजों को गोद लिया गया है। उनको आज दूसरे महीने का पोषण सामग्री वितरित करने के साथ उनके दीपावली की खुशियों में चार चांद लगाने के लिए मिष्ठान और फल भी दिया गया है । ताकि वह अपने आपको समाज से कहीं अलग न समझे। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि व पति पंकज सिंह चंचल भी मौजूद रहे । उन्होंने मरीजों से बातचीत करते हुए कहा कि यदि आप लोगों को कभी भी दवा, पोषण सामग्री या फिर विभाग के द्वारा किसी भी तरह की परेशानी आती है तो उसके लिए हमारे कार्यालय की तरफ से जो फोन आप लोगों को जाता है उस पर आप अपनी समस्या बताएं। जिसका निराकरण मेरे द्वारा तत्काल कराने का कार्य किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि जनवरी 2022 से अब तक कुल 2837 क्षय रोग के मरीज हैं। स्टेट द्वारा माह जनवरी 2022 से माह दिसम्बर तक का जनपद गाजीपुर का टी बी मरीजों को खोजने का लक्ष्य 5 हजार का है। जिनमें कुल अब तक गोद लिए गए मरीजों की संख्या 1108 है। गोद लेने वालों में जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, पूर्व जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी,जिला क्षय रोग अधिकारी, पीजी कॉलेज के प्रबंधक, राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ अन्य कई संभ्रांत लोगों ने टीबी मरीजों को गोद लेकर प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम में डीटीओ डॉ मनोज सिंह, अनुराग कुमार पांडे, सुनील कुमार वर्मा , वेंकटेश प्रसाद शर्मा ,संजय सिंह यादव, श्वेताभ गौतम, रविप्रकाश सिंह,शुभम दुबे, अरविन्द कुमार, अमन आर्या, अश्विनी कुमार तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

164 को आयुष्मान कार्ड, 354 का इलाज

स्वास्थ्य मेले में 164 आयुष्मान कार्ड वितरण के साथ ही 354 मरीजों का हुआ इलाज

गाजीपुर। आयुष्मान भारत योजना जिसके तहत लाभार्थी को 5 लाख तक का निशुल्क इलाज दिया जाता है। जिसके लिए आयुष्मान कार्ड बनाया जाना अनिवार्य है। जिसके लिए लगातार कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।इसी कड़ी में मोहम्मदाबाद ब्लाक के ग्राम सभा कोठियां में एक स्वास्थ्य मेले का आयोजन गुरुवार को किया गया।जिसमें 164 लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किया गया। वही 354 मरीजों का इलाज भी किया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि स्वास्थ्य मेले में सभी प्रकार की आवश्यक जांच एवं औषधीयो का वितरण चिकित्सकीय परामर्श के पश्चात किया गया। मेले में हिमोग्लोबिन जांच, बल्ड प्रेशर, एल्बुमिन, प्रोटीन, एच आई वी, मलेरिया, डेगु , बच्चों का टिकाकरण, कोविड वैक्सीनेशन के साथ साथ मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान किया गया। मेले में कुल 354 मरीजों को उचित उपचार एवं दवा वितरण के साथ कुल 64 मोतियाबिंद मरीजों की स्क्रीनिंग भी किया गया।

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी के द्वारा कुल 164 पात्रों को आयुष्मान कार्ड वितरित किया गया। इस दौरान मेले में लगे सभी स्टालों का अवलोकन उपजिलाधिकारी के द्वारा करते हुऐ प्रत्येक व्यक्ति तक हर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने को कहा।

इस कार्यक्रम में डा0 आर के वर्मा, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार, बीडीए कृष्ण कुमार सिंह, इकरम गांधी, आशा सिंह ,रंजना, सीएचओ चंदा,नेहा, फार्मासिस्ट अजय कुमार, आपटोमिस्ट अनिमेष, कमलेश, विनीत, मोहन, राजकुमारी इत्यादि के साथ स्थानीय आशा एवं आंगनबाड़ी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में आए लोगो के प्रति आभार शैलेश प्रधान के द्वारा ज्ञापित किया गया।

प्राचार्या सहित 200 छात्राओं का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

गाजीपुर। हर दिन हर घर आयुर्वेद कार्यक्रम जो की 12 सितंबर से 23 अक्टूबर आयुर्वेद दिवस तक आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं आयुष विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिले के जिला आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी के सौजन्य से गुरूवार को राजकीय महिला महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित हुआ। राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय नगर और फतेपुर अटवा से आए चिकित्सक डॉ सुजीत कुमार, डॉ कुमारी वंदना और डॉ लवी अग्रवाल ने राजकीय महिला पीजी कॉलेज की लगभग 200 छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस दौरान उन्हें विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियां एवं जीवन रक्षक किट भी वितरित किया। डॉ लवी अग्रवाल एवं डॉ वंदना ने छात्राओं को आयुर्वेदिक आहार पद्धति को अपनाने के लिए जागरूक किया, साथ ही किशोरावस्था में होने वाली विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूक किया एवं उससे बचने का उपाय बताया। इस कार्यक्रम में नम्रता तिवारी योग इंस्ट्रक्टर ने बच्चो को योग कराया और योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक दोनो तरह की बीमारियों से बचने का उपाय बताया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सविता भारद्वाज ने छात्राओं को योग आधारित जीवन पद्धति को अपनाने पर बल दिया। इस अवसर पर उन्होंने अपना स्वयं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया।


कार्यक्रम में एनीमिया से बचने के लिए देसी गुड, केला, पालक, चने, चकंदर, मुनक्का व काले तिल का प्रयोग करने हेतु जागरूक किया। महिलाओं में लाइफ स्टाइल की वजह से होने वाली बीमारी पीसीओडी से बचाव हेतु नियमित योग, junk food का परित्याग, नियमित दिनचर्या एवं ऋतुचर्या का पालन करने के लिए छात्राओ को प्रेरित करते हुए बताया कि मोटे अनाजों का प्रयोग जैसे ज्वार, बाजरा, जोहनरी, चना, मूंग की दाल, मसूर की दाल का नियमित प्रयोग करे। मोटे अनाजों का प्रयोग करने से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, मोटापा, स्ट्रॉक (stroke) जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
प्रोसेस्ड एवं जंक फूड का इस्तेमाल बिलकुल न करने पे जोर दिया। छात्राओं से कहा कि सेंधा नमक का प्रयोग नियमित करने से किड़नी एवं ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वय रेंजर प्रभारी डॉ शिवकुमार ने किया तथा डॉ राजेश कुमार यादव, डॉ शिखा सिंह एवं डॉ नेहा कुमारी ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गण एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक-कर्मचारी एवं उत्साहित छात्राएं उपस्थित रहीं।

जिले में बनेगा 69 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र

जनपद में अब बनेंगे 69 नवीन स्वास्थ्य उप केंद्र

24 स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए मिला बजट

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य सुविधाओं को ग्रामीण इलाकों में बहाल करने के लिए लगातार कवायद कर रही है। इसी के क्रम में गाजीपुर के ग्रामीण इलाकों में 69 नवीन स्वास्थ्य उप केंद्र जो आयुष्मान भारत इन्फ्राट्रक्चर के तहत बनाने की स्वीकृति शासन के द्वारा मिल गई है। जिसके लिए पहले से ही जमीन चिन्हित कर ली गई है और अब कार्यदाई संस्था को भी नामित कर दिया गया है। जिसको लेकर कार्यदाई संस्था के अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मध्य एक बैठक 2 दिन पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हुआ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि जनपद के ग्रामीण इलाकों में प्रसव हेतु बनाए गए उप केंद्र जो काफी जीर्ण शीर्ण हालात में हो गए थे। और बहुत सारे उप केंद्र गिर भी चुके है। जिसके चलते वहां पर प्रसव प्रभावित हो रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्व में उप केंद्र के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था । जिसमें से 69 नवीन स्वास्थ्य उप केंद्र के निर्माण के लिए शासन की स्वीकृति आ चुकी है। जिसमें से 24 उप केंद्र बनाने के लिए बजट भी आवंटित हो चुका है।

उन्होंने बताया कि बैठक में करदाई संस्था के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल है। जिसमें कार्यदाई संस्था को उप केंद्र के निर्माण के लिए मानक और गुणवत्ता को ध्यान में रखने का सख्त हिदायत दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि उप केंद्रों का निर्माण प्रत्येक ब्लॉक में एक या दो जगह चिन्हित जमीनों पर बहुत ही जल्द शुरू करा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि उप केंद्रों के निर्माण को लेकर समय सीमा भी निर्धारित कर दिया गया है। ताकि तय समय में इसका निर्माण पूर्ण हो सके। ग्रामीण इलाकों में उप केंद्रों पर प्रसव जल्द से जल्द शुरू कराया जा सके ताकि जच्चा बच्चा की मौतों में कमी आए।

दान उत्सव:मरीजों में वितरित हुआ पोषण सामग्री

दान उत्सव कार्यक्रम में टीबी एवं पीएलएचआईवी मरीजों में वितरित हुआ पोषण सामग्री

ग़ाज़ीपुर।महात्मा गांधी के जन्मदिन के 1 सप्ताह तक दान उत्सव मनाया जाता है। जिसको लेकर आज क्षय रोग विभाग व ज्योति ग्रामीण संस्थान के द्वारा टीबी मरीज वह पीएलएचआईवी मरीजों में पोषण से संबंधित किट वितरण करने का कार्य किया गया। ताकि यह लोग भी स्वस्थ होकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह ने बताया कि टीबी के मरीज जिनका इलाज उनके विभाग के द्वारा किया जाता है। और उन्हें समय-समय पर विभाग के द्वारा देखरेख भी किया जाता है। इसके अलावा मौजूदा समय में टीबी मरीजों को जनपद के संभ्रांत नागरिकों एवं संस्थाओं को गोद लिए जाने का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इसी क्रम में ज्योति ग्रामीण संस्थान के द्वारा पांच टीवी मरीजों को गोद लिया गया है। इसके अलावा पीएलएचआईवी मरीज जिन का इलाज जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर से किया जाता है। एवं उनकी देख केअर एंड सपोर्ट सेंटर (सीएससी) के द्वारा किया जाता है।

उन्होंने बताया कि आज महात्मा गांधी के जन्मदिन के बाद चलने वाले दान उत्सव कार्यक्रम के तहत ज्योति ग्रामीण संस्था के द्वारा जो 5 मरीजों को गोद लिया गया था। इसके अलावा अन्य मरीजों को जिनकी कुल संख्या 42 थी उन्हें इस संस्था के माध्यम से पोषण सामग्री का वितरण किया गया। ताकि वह स्वस्थ होकर समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। साथ ही साथ प्रधानमंत्री के द्वारा जो 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना देखा गया है वह भी पूरा किया जा सके।

इस कार्यक्रम में केयर एंड सपोर्ट सेंटर के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आरती सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मनोज सिंह, टीआई प्रोजेक्ट मैनेजर अजय कुमार, डॉ दिनेश सिंह पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी, पीजी कॉलेज, वेंकटेश्वर प्रसाद शर्मा, सुरेश सिंह यादव, मुरली मनोहर वर्मा एवं समस्त स्टाफ मौजूद रहे।

लोगों को इससे बचने के बताए गए तरीके

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को इससे बचने के बताए गए तरीके

ग़ाज़ीपुर।विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस जो प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जाता है इसी को लेकर आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन सीएमओ डॉक्टर गोविंद सिंह की अध्यक्षता में किया गया और इस अवसर पर लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति कैसे जागरूक रहना है और अन्य को करना है इस बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।

सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया की हर साल 10 अक्टूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर वर्ष 1992 में 10 अक्टूबर के दिन ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ सेलिब्रेट करने की घोषणा की थी। उसके बाद से यह दिन प्रत्येक वर्ष मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है मानसिक स्वास्थ्य के बेहतर बनाए रखने के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करने और मेंटल हेल्थ के मुद्दों को लेकर समाज में मौजूद स्टिग्मा को कम करना भी है। हर साल इसे एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष डब्लूएचओ ने ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 2022’ की थीम ‘मेकिंग मेंटल हेल्थ एंड वेल-बीइंग फॉर ऑल ए ग्लोबल प्राइयॉरिटी’ रखी है।

उन्होंने बताया की हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इसपर ध्यान नहीं देते। फिजिकल और मेंटल हेल्थ एक ही सिक्के के दो पहलू की तरह हैं। किसी भी एक पहलू को नजरअंदाज करना दूसरे पहलू को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है। बड़े-बूढ़े से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चे भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। तो इस प्रॉब्लम को छिपाने की जगह उस पर ध्यान देने की जरूरत है। वरना आने वाले समय में स्थिति और बिगड़ सकती है।

इस कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ उमेश कुमार, डॉक्टर संजय कुमार, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉक्टर विनय शंकर, डॉ नवीन कुमार सिंह, विधिक सेवा प्राधिकरण के कामायनी दुबे, रवि शंकर चौरसिया के साथ ही अन्य कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।

सभी घरों में जाकर आशा करेंगी सूची तैयार

गाजीपुर। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 हरगोविंद सिंह ने बताया कि बारिश के दौरान एवं उसके उपरांत हमारे आसपास जलजमाव के कारण मच्छर जनित बीमारियों के संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है साथ ही साथ बारिश के बाद अचानक से तेज धूप निकलने के कारण वायरल बुखार का संक्रमण भी होता है। बीमारियों से बचाव हेतु अपने घरों के आसपास, घरों की छतों पर तथा घरों के अंदर कहीं भी पानी इकट्ठा नहीं होने देना है। जलजमाव का निस्तारण पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभागों के सहयोग से चाहिए। साफ सफाई घरों के आसपास करवाया जाना आवश्यक है। घरों के अंदर तथा छतों पर अनावश्यक वस्तुओं, जैसे पुराने टायर, प्लास्टिक अथवा मिट्टी के पुराने बर्तन, बोतल, ग्लास, नारियल के खोल आदि को तत्काल हटा देना चाहिए। कूलर के पानी को निकाल कर अच्छे से साफ करके सुखा कर रख दें तथा उसका प्रयोग अब बंद कर दें। शरीर को पूरी तरीके से ढक कर रखें तथा सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर जनित बीमारियों के जांच एवं उपचार की सुविधा सभी सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध है। बुखार होने पर तत्काल अपने निकटवर्ती स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा अथवा सरकारी चिकित्सालय से संपर्क करें। कभी भी अनधिकृत चिकित्सक से अथवा स्वयं उपचार नहीं करवाए। अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु हमेशा ताजे भोजन का सेवन करें। पीने के लिए शुद्ध पेयजल का प्रयोग करें। सड़े गले एवं पहले से कटे फल सब्जी अथवा बासी मछली का प्रयोग बिल्कुल नहीं करें। अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें तथा अपने नाक और मुंह को ढक कर रखें। शौचालय का प्रयोग करे। शौच के उपरांत, खाना पकाने और खाने से पहले अपने हाथ को साबुन से अच्छी तरह से धोयें। आज से 21 अक्टूबर तक संचालित होने वाले दस्तक अभियान में आशा आपके घरों का भ्रमण कर बुखार, सर्दी-जुकाम, इन्फलूएंजा, संदिग्ध टी०बी०, कालाजार, कुपोषित बच्चों और घरों के अंदर मच्छर जनक परिस्थितयों की सूची तैयार करेंगी। अतः आशा का सहयोग करें और सही-सही सूचना दर्ज करायें।

हॉस्पिटल पहुंची डीएम से मरीजों ने की शिकायत

गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने वृहस्पतिवार को जिला चिकित्सालय गोराबाजार का आकस्मिक निरीक्षण किया। जहां चिकित्सीय सुविधाओ एंव वार्ड में भर्ती मरीजो से उनके  स्वास्थ्य  की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान ओ पी डी में चिकित्सक डा0. शिव प्रकाश (नाक, कान, गला) एवं एन आर सी वार्ड में डाईटिशियन गुंजा सिंह के अनुपस्थित होने तथा इमजेन्ंसी  कक्ष मे तैनात चिकित्सक डा0 एस पी चौधरी की महिला वार्ड मे भर्ती अनुज्ञा राय की  माता रेनु राय के  द्वारा की गयी शिकायत  पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टिकरण का निर्देश दिया। बता दें कि जिलाधिकारी ने जिला कलेक्ट्रेट से जनता दर्शन के पश्चात जिला चिकित्सालय का रूख किया, वजह थी चिकित्सालय में औचक निरीक्षण करने का। जिससे  त्योहार के छुट्टियो के बाद भी नदारद एवं सिस्टम का पालन न करने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा सके। इसी उद्देश्य से यह निरीक्षण किया गया है।  

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में आकस्मिक कक्ष, पर्ची काण्उटर, ओ0पी0डी0, अल्ट्रासाउण्ड कक्ष, एक्स-रे कक्ष, सर्जरी विभाग, मानसिक रोग विभाग, मेडिसिन विभाग, टी0बी एवं चेस्ट विभाग, ई0सी0जी0,लैब,  पैथोलॉजी कक्ष, बाल रोग वार्ड, बर्न वार्ड, आई0सी0यू0 कक्ष, एन आर सी कक्ष, मेडिकल वार्ड (पुरूष एवं महिला), मेडिसिन वार्ड, डाईलेसिस कक्ष एवं मेडिकल वार्ड प्रथम एवं द्वितीय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी जब एक्स-रे कक्ष पहुची तो वहां मरीज दरोगा प्रसाद गुप्ता निवासी गोड़उर जिसकी पिछले तीन दिनों से एक्स-रे न होने की शिकायत की। जिस पर जिलाधिकारी ने एक्स-रे टेक्निशियन को फटकार लगाते हुए तत्काल एक्स-रे करने का निर्देश दिया। ओ पी डी कक्ष में डा0 शिव प्रकाश चिकित्सक (नाक कान गला) एंव एन आर सी वार्ड मे डाईटिशियन गुंजा सिंह जो बिना परमिशन के नदारद मिली तथा मेडिकल महिला वार्ड मे रेनु राय द्वारा ईमजेंसी कक्ष मे तैनात चिकित्सक डा0 एस पी चौधरी के द्वारा चिकित्सालय से बाहर की दवा लिखे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनसे स्पष्टिकरण मांगा। जिलाधिकारी ने वार्डो एवं शौचालयो में साफ-सफाई  तथा वार्ड मे जंग लगे टेबल देखकर फटकार लगाते हुए साफ-सफाई एंव नये टेबल की उपलब्धता सुनिश्चत कराने का निर्देश दिया। उन्होने एन आर सी वार्ड के चिकित्सक डा0 प्रत्युश श्रीवास्तव के असंतोषजन कार्य पर उन्हे सचेत किया तथा वार्ड में साफ-सफाई कराते हुए दिवालो पर कार्टून पेंटिग, खिलौनो की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए वार्ड को बिलकुल हैप्पी होम बनाने को कहा। उन्होने  एन आर सी वार्ड में भर्ती बच्चो की माताओ एवं परिवारजनों  से उनके स्वास्थ्य एवं मेनू के आधार पर दिये जाने वाले भोजन एंव दवाओ की जानकारी ली, उन्होने भर्ती हुए बच्चो का वजन एवं उनकी बिमारी सही होने के बाद ही डिस्चार्ज करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त उन्होने पर्ची काउण्टर पर ओ पी डी कक्ष मे तैनात चिकित्सको के नाम, उपस्थित रहने के दिन एवं समय की सूची चस्पा कराने तथा अस्पताल में बन्द लिफ्ट को चालू कराने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 हर गोविन्द, प्रधानाचार्य महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज डा0 आनन्द मिश्रा, एव अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

पीएम मोदी का सपना 2025 तक होगा पूर्ण:प्राचार्य

राजकीय महिला महाविद्यालय गाजीपुर के प्राचार्य ने कहा 2025 तक होगा गाजीपुर टीबी मुक्त- डाक्टर सविता भरद्वाज

गाजीपुर। टीबी मुक्त भारत का सपना प्रधानमंत्री ने 2025 तक देखा है। उसी सपने को अमली रूप में लाने के लिए एक तरफ जहां क्षय रोग विभाग लगा हुआ है वहीं अब प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए राजकीय महिला महाविद्यालय गाजीपुर भी पूरी तरह से कमर कस लिया है। चल रहे सेवा पखवाड़ा के तहत टीबी मरीजों को गोद लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है। जिस के क्रम में शनिवार राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ साथ महाविद्यालय के सभी शिक्षक भी टी बी मरीजों को गोद लिया, महाविद्यालय के प्राचार्य डाक्टर सविता भरद्वाज ने दो टी बी मरीज को गोद लिया तथा शिक्षकगणों ने एक एक को गोद लिया। जहां महाविद्यालय द्वारा कुल 11 टी बी मरीजों को गोद लेकर शुभारंभ किया गया, गोद लेने वाले में प्रोफेसर (डाक्टर) उमाशंकर प्रसाद, डाक्टर विकास सिंह, डाक्टर सारिका सिंह, डाक्टर नेहा कुमारी, डाक्टर शिखा सिंह, डाक्टर गजनफर सईद , डाक्टर मनीष सोनकर, डाक्टर संगीता सिंह,ने गोंद लिया। वहीं महिला महाविद्यालय गाजीपुर के प्राचार्या डाक्टर सविता भरद्वाज ने सभी को गोद लेने के लिए आह्वाहन किया, प्राचार्य के प्रेरणा से महिला महाविद्यालय की दो छात्रा ने टी बी मरीज को गोद लेने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान किया। आज महिला महाविद्यालय के प्राचार्या एवं शिक्षक द्वारा लिए गए मरीजों को महाविद्यालय के सभागार में सम्मान के साथ न्यूट्रिशन का वितरण किया गया।

महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डाक्टर सविता भरद्वाज ने कहा कि टीबी मरीज़ हमारे ही समाज के है। और हमारे आसपास के रहने वाले लोग हैं । जिनसे दूरी बनाने की बजाय इन्हें अपनापन महसूस कराने कि आवश्यकता है ये हमारे ही बिच के लोग हैं।इन का उत्साह और मनोबल बढ़ाने कि आवश्यकता है , प्राचार्य ने कहा पोषण सहायता तो एक मनोबल बढ़ाने का और उन के साथ जुड़ने का एक माध्यम है। प्राचार्य ने कहा कि यदि हम ऐसा करते हैं तो वह दिन दूर नहीं जो प्रधानमंत्री 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना देखे हैं वह सपना 2025 में अवश्य पूर्ण होगा। बस जरूरत है इसके लिए आगे आकर पहल करने का।

जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि इस के पूर्व भी महाविद्यालय द्वारा गोद लेने के लिए कार्यालय से सूचि मांगी गई थी।जिसको हम लोगों ने प्राचार्य को सूचि प्राप्त कराया था। राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि जब तक गोद लिए गए टी बी मरीजों का ईलाज चलेगा तब तक उन मरीजों को पोषण सहायता हम लोगो द्वारा दिया जाता रहेगा। डाक्टर मिथिलेश सिंह द्वारा बताया गया कि राजकीय महिला महाविद्यालय में आए दिन टी बी जागरूकता कार्यक्रम, रैली इत्यादि होता रहता है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2022 से अब तक कुल 2137 क्षय रोग के मरीज हैं। जिनमें कुल अब तक गोद लिए गए मरीजों की संख्या 1108 है। गोद लेने वालों में राजकीय महिला महाविद्यालय कि प्राचार्या डाक्टर सविता भरद्वाज, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, पूर्व जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी,जिला क्षय रोग अधिकारी, पीजी कॉलेज के प्रबंधक, राजकीय महिला महाविद्यालय के शिक्षक गण के साथ अन्य कई संभ्रांत लोगों ने टीबी मरीजों को गोद लेकर प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम में राजकीय महिला महाविद्यालय गाजीपुर के शिक्षक डाक्टर निरंजन कुमार यादव, डाक्टर संतान कुमार राम, डाक्टर शिव कुमार डाक्टर रामनाथ केसरवानी, डाक्टर इकबाल खान, डाक्टर आनन्द चौधरी, डाक्टर शिवानी तथा महाविद्यालय के सभी कर्मचारी एवं छात्राएं उपस्थित थे। वहीं जिला क्षयरोग विभाग के डी पी पी एम सी अनुराग कुमार पांडे,एस टी एस सुनील कुमार वर्मा , एस टी एल एस वेंकटेश प्रसाद शर्मा ,डी ई ओ / एकाउंटेंट संजय सिंह यादव ,अलीम अंसारी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुई समीक्षा बैठक

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुई समीक्षा बैठक

गाजीपुर। 10 साल से 19 साल तक के किशोर और किशोरियों में एनीमिया से बचाव के लिए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जाता है। जिसको लेकर आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार की अध्यक्षता में जनपद के समस्त ब्लॉकों से आए हुए बीपीएम, आरबीएसके टीम के साथ ही सीडीपीओ के साथ समीक्षा बैठक किया गया। इस समीक्षा बैठक में एनआई के लोग भी शामिल रहे।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि पिछले 2 साल से कोरोना के चलते राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जो बंद था। यह योजना सभी विद्यालयों में आने वाले किशोर और किशोरियों को लेकर चलाया जाता है। लेकिन स्कूल बंद होने के कारण योजना बंद थी। लेकिन अब एक बार फिर से इस योजना का शुरुआत हुआ है। जिसको लेकर अब तक के हुए कार्यों की समीक्षा बैठक किया गया है। साथ ही आने वाले समय में और कितना बेहतर किया जा सकता है इसके बारे में भी रणनीति बनाई गई। उन्होंने बताया कि जनपद में यह कार्यक्रम सभी ब्लाको में संचालित किया जा रहा है।

एनआई की सुनीता सिंह ने बताया कि किशोर और किशोरियों को स्वस्थ रहने के लिए तीन बातें अपनाने जरूरी है । जिसमें एनीमिया से बचाव के लिए 10 साल से 19 साल की किशोरी जो हर हफ्ते आगनबाडी से मिलने वाली आयरन की एक नीली गोली और 6 माह पर एक बार पेट के कीड़े मारने की दवाई एल्बेंडाजोल का सेवन अवश्य करें। इसके अलावा प्रतिदिन संतुलित पौष्टिक भोजन जैसे अनाज, दालें ,हरी पत्तेदार सब्जियां ,फल व मांसाहारी है तो मीट,अंडा, मछली खाएं और खूब पानी पिए । साथ ही विटामिन सी युक्त आंवला नींबू इत्यादि का प्रयोग करें। और रोजाना खेलकूद भी करती रहें।

उन्होंने बताया कि बच्चों को एनीमिया यानी खून की कमी से बचाने के लिए हर हफ्ते एक आयरन की गोली अवश्य दें। साथ ही स्कूल में नामांकन 5 साल से 9 साल के सभी बच्चों को आईएफए की गुलाबी गोली और 10 साल से 19 साल के सभी बच्चों को आईएफए की नीली गोली देने के लिए सप्ताहिक रूप से 1 दिन सुनिश्चित करें। सभी बच्चों को हर हफ्ते दी जाने वाली आईएफ़ए की गोली खाने के लिए प्रेरित करें। कक्षा 6 वीं से 12वीं के सभी बच्चों को आईएफए की नीली गोली दे। बच्चों को मध्यान्ह भोजन के बाद आईएफ ए की गोली दे। मध्यम और गंभीर रूप से एनीमिक वाले बच्चों की पहचान करें और उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के लिए रेफर करें। छात्रों को आईएफए की गोली और संतुलित आहार के लाभ के बारे में भी उन्हें समय-समय पर जागरूक करते रहे।

इस कार्यक्रम में डीपीएम प्रभुनाथ, एबीएसए अविनाश राय के साथ ही सभी ब्लॉकों की सीडीपीओ, एबीएसए ,बीपीएम के साथ ही आरबीएसके और आरकेएसके टीम के डॉक्टर की टीम रही।