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उत्तर प्रदेश परिवहन निगम गाजीपुर परिसर में स्वास्थ्य जाँच शिविर का हुआ आयोजन

गाज़ीपुर।परियोजना निदेशक, उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी, लखनऊ के निर्देश पर 22 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, गाजीपुर परिसर में अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आम जनमानस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सामान्य स्वास्थ्य जाँच शिविर का सफल आयोजन किया गया।
इस स्वास्थ्य शिविर का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, सामान्य रोगों की समय रहते पहचान करना तथा आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार उपलब्ध कराना था। शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की टीम द्वारा सेवाएँ प्रदान की गईं।
शिविर के दौरान नेत्र जाँच, टीबी, एचआईवी, हेपेटाइटिस, सिफलिस जाँच, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), रक्त शर्करा (शुगर), वजन, बीएमआई, हृदय जाँच एवं सामान्य शारीरिक परीक्षण किए गए। इसके अतिरिक्त जाँच रिपोर्ट के आधार पर मरीजों को आवश्यक दवाइयाँ, चिकित्सकीय परामर्श तथा स्वस्थ जीवनशैली से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रदान किए गए।
इस स्वास्थ्य शिविर में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारी, चालक, परिचालक, अन्य कर्मचारी तथा स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की। कर्मचारियों की व्यस्त दिनचर्या को देखते हुए कार्यस्थल पर आयोजित यह शिविर अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ, जिससे उन्हें समय की बचत के साथ समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हो सकीं।
चिकित्सकों द्वारा उपस्थित लोगों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग, स्वच्छता, नशामुक्ति, तनाव प्रबंधन के साथ-साथ टीबी एवं एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव के विषय में विस्तारपूर्वक जागरूक किया गया। साथ ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हृदय रोग जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम पर भी विशेष जानकारी दी गई।
इस अवसर पर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों का स्वस्थ रहना संस्था की कार्यक्षमता, उत्पादकता एवं सेवा गुणवत्ता के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी इस प्रकार के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन नियमित रूप से किया जाएगा।
डॉक्टर रविरंजन, जिला क्षयरोग अधिकारी ने कहा कि यह सामान्य स्वास्थ्य जाँच शिविर एक सकारात्मक एवं सराहनीय पहल है, जिससे लोगों को न केवल अपने स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी मिली, बल्कि स्वस्थ एवं सक्रिय जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा भी प्राप्त हुई।
डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला क्षयरोग केन्द्र, गाजीपुर द्वारा टीबी एवं एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के लक्षण, रोकथाम, समय पर जाँच एवं नियमित उपचार के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी गई। उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
इस स्वास्थ्य शिविर में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, गाजीपुर के अधिकारी, कर्मचारी एवं स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सक, आईसीटीसी काउंसलर, एलटी, एसटीआई के कर्मचारी तथा टीबी विभाग से राधेश्याम यादव (टीम लीडर), वेंकटेश्वर प्रसाद शर्मा (एसटीएलएस), नरेन्द्र कुमार राय (टीबीएचवी), तथा टीआई, गाजीपुर की टीम (प्रतिभा, अजय, मेंहदी, शकीला) सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य चिकित्सक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

मेडिकल कॉलेज गाजीपुर का आईसीयू विभाग गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायिनी हो रहा है साबित

महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्यकीय मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर का आईसीयू विभाग गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है

ग़ाज़ीपुर।पिछले साल से संचालित से संचालित 6 बेड के आईसीयू में 20 दिसंबर को रेवतीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक मरीज को पॉइजन सेवन के बाद अत्यंत गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया। जिसका नाम गोपनीय रखा गया है। इमरजेंसी डॉक्टर डॉ. स्वतंत्र सिंह और आईसीयू इंचार्ज डॉ. विनीत मिश्रा की तत्परता से मरीज को तत्काल आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।

लगातार विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख और मेडिसिन विभाग के अंतर्गत भर्ती युवा मरीज के मामले में डॉ. मनोज कुमार यादव से भी परामर्श लिया गया। जिसके बाद मरीज की स्थिति में निरंतर सुधार हुआ। वर्तमान में मरीज बातचीत करने की स्थिति में है और अगले 1–2 दिनों में पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जाने की संभावना है।

डॉ. विनीत मिश्रा ने बताया कि प्राचार्य डॉ. आनंद मिश्रा के प्रयासों से आईसीयू की स्थापना हुई, जहां अब तक 50 से अधिक गंभीर मरीज भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से 18 मरीज पूर्णतः स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। आईसीयू में इलाज पूर्णतः निःशुल्क है।

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वतंत्र सिंह ने बताया कि आईसीयू में मरीज को भर्ती करने के बाद इलाज के नाम पर कोई भी खर्च मेडिकल कॉलेज प्रशासन के द्वारा नहीं लिया जाता है। जबकि मरिज पर प्रतिदिन 20 से 25 हजार रुपए का खर्च आता है। जो मेडिकल कॉलेज प्रशासन वहन करता है और अब तक 18 से ऊपर मरीज स्वस्थ होकर अपने घर को जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके पहले इस क्रिटिकल मरीजों को आईसीयू की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें वाराणसी या अन्य जनपदों में रेफर किया जाता था। जिससे उन्हें हरासमेंट के साथ ही साथ उन्हें मोटी रकम खर्च करनी पड़ती थी लेकिन अब मेडिकल कॉलेज में इस सुविधा के हो जाने से लोगों का निशुल्क आईसीयू में भी इलाज हो रहा है।

आईसीयू का संचालन एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. उदय सिंह, डॉ. हिमांशु पांडे, डॉ. चैतन्य सोनी, डॉ. आशीष कुमार यादव सहित समर्पित नर्सिंग स्टाफ और जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. के.एन. चौधरी के निर्देशन में किया जा रहा है।

एसपी ने किया वार्षिक खेलकूद दिवस का शुभारंभ

गाजीपुर। पुलिस अधीक्षक डॉ इरज राजा द्वारा केंद्रीय विद्यालय में वार्षिक खेलकूद दिवस का भव्य आयोजन का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया। शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय के प्रांगण में ‘वार्षिक खेलकूद दिवस का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ किया गया। इस विशेष अवसर पर जनपद के पुलिस अधीक्षक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण और गुब्बारे उड़ाकर किया गया। विद्यालय के प्राचार्य ने पुलिस अधीक्षक का हरित स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके पश्चात, विद्यालय के चारों सदनों के छात्रों ने कदम से कदम मिलाते हुए शानदार मार्च पास्ट की प्रस्तुति दी और मुख्य अतिथि को सलामी दी।


पुलिस अधीक्षक ने छात्रों को संबोधित करते हुए खेल और अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन में सफलता पाने के लिए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक फिटनेस और खेल भावना अत्यंत आवश्यक है। खेल हमें न केवल जीतना सिखाते हैं, बल्कि हार को गरिमा के साथ स्वीकार करना और दोबारा प्रयास करना भी सिखाते हैं। अनुशासन ही वह नींव है जिस पर एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होता है।

उन्होंने युवाओं को नशा मुक्त रहने और मोबाइल गेम्स की दुनिया से बाहर निकलकर मैदानी खेलों में पसीना बहाने के लिए प्रेरित किया।

विजय मिश्र ने नौनिहालों को दो बूंद पल्स पोलियों पिलाकर कार्यक्रम किया शुभारम्भ

गाजीपुर। आदर्श गांव हाथी खाना स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रविवार को सघन पल्स पोलियो अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री विजय मिश्र ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० सुनील पांडेय एवं अन्य कई चिकित्साधिकारियों के साथ दीप प्रज्वलित कर नौनिहालों को दो बूंद पल्स पोलियों पिलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर श्री मिश्र ने वहाँ उपस्थित सभी बच्चों में फल, बिस्किट, चिप्स आदि का उपहार भेंट किया जिसे पाकर बच्चें बहुत प्रसन्न दिखे।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश व प्रदेश के साथ-साथ पूर्वांचल में विशेषकर गाज़ीपुर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है।

टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट एवं शंकर नेत्रालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में लाकर एक बड़ी सौगात पूर्वांचल को दी है एवं गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज देकर जिले की स्वास्थ्य के क्षेत्र में अति जरूरत को पूरा करने का काम किया। कहा कि पहले गाजीपुर में छोटी-छोटी बीमारियों में भी मरीजों को अन्य जनपदों में जाना पड़ता था। आज गाजीपुर में बड़ी-बड़ी बीमारियों के इलाज के साथ-साथ गाजीपुर में एम.आर.आई. एवं सीटी स्कैन जैसी सुविधा भी उपलब्ध हो रही है जिससे गाजीपुर की जनता को स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सुविधा प्राप्त हो रही है।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० सुनील पांडेय ने मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया और उनके प्रति आभार प्रकट की। इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० रवि रंजन, डॉ संजय कुमार, डॉ० मुंशीलाल ACMO, डॉ०प्रभुनाथ DPM, डॉ० रवि प्रकाश WHO, डॉ० प्रदीप विश्वकर्मा, डॉ० प्रवीण उपाध्याय एवं डॉ० ईशानी वर्धन प्रभारी हाथी खाना आदि उपस्थित रहे।

फाइलेरिया रोगियों को दिया गया किट, बताया गया देखभाल का तरीका

गाजीपुर। फाइलेरिया एक गंभीर लाइलाज बीमारी है । यह जमीन की ओर लटक रहे जुड़वा अंगों जैसे -महिलाओं के स्तन, महिला पुरुष के हाथ पैर व पुरुषों के अंडकोश में सूजन पैदा कर देती है । प्रभावित अंगों की ठीक से देखभाल न की जाय तो बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है । इसके लिए जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो में फाइलेरिया रोगियों को (रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम) एमएमडीपी किट प्रदान कर मरीजों को प्रभावित अंगों की देखभाल के तरीके बताए गए। बाराचवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर’जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार’ ने 10 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की। इस दौरान डीएमओ और महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की टीम  ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही सदर ब्लॉक के अन्धऊ और बिरनो के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्लॉक पर क्रमशः 9 और 24 रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की गई। इस दौरान टीम  ने रोगियों को फाइलेरिया के लक्षण, जांच, उपचार व परामर्श के बारे में जानकारी दी।

 
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन उचित देखभाल से इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर एमएमडीपी कैंप आयोजित कर प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए मरीजों को कुछ व्यायाम का अभ्यास कराया गया और दी गयी किट के माध्यम से प्रभावित अंगों की साफ सफाई के तरीके सिखाये गए । जिससे प्रभावित अंगों में किसी प्रकार के संक्रमण न हो।
क्या है फाइलेरिया -डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी न हो इसके लिए साल में एक बार दो वर्ष से अधिक आयु के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जाता है। इसके अलावा इस रोग से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग व घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई, इक्कठा हुए पानी को नष्ट कर मच्छरों से बचा जा सकता है । सीएचओ भी निभा रहे अहम भूमिका – मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील पाण्डेय ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित रोगियों के घर के नजदीक ही एमएमडीपी किट के साथ देखभाल व परामर्श मिलता रहे, इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सभी सीएचओ को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग करने के निर्देश दिये गए हैं हैं। सीएचओ के माध्यम से स्क्रीनिंग, देखभाल, परामर्श के साथ ही आवश्यक दवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही गंभीर रोगियों को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सक/विशेषज्ञ से परामर्श की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा आवश्यक जांच व उपचार के लिए उच्च इकाइयों में रेफर किया जा रहा है।

16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान कार्ड मरीजों का इलाज हुआ शुरू

जिलाधिकारी के निर्देशन में जिले के सभी 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का इलाज होना शुरू हुआ

जिले में 70 वर्ष उपर के लोगों का 36315 आयुष्मान कार्ड बना स्टेट रैंकिंग में एक 11 वें स्थान पर

गाजीपुर। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जनपद में जिला अस्पताल महिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान गोल्डन कार्ड से फ्री में इलाज होने लगा है। मौजूदा समय में जनपद में 19 सरकारी चिकित्सालयों सहित 16 निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध हैं। जनपद में इस योजना से 223148 परिवारो का 852919 आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाकर जनपद स्टेट रैंकिंग में 14 में स्थान पर है। तथा आयुष्मान वय वंदना के अंतर्गत 70 वर्ष से ऊपर के 36315 लोगों का आयुष्मान कार्ड बना कर जनपद स्टेट रैंकिंग में 11 वें पायदान पर है। अब तक इस योजना के अंतर्गत जनपद के 79658 लोग आयुष्मान कार्ड से अपना इलाज भी करवा चुके हैं।इसमें हृदय रोग, कैंसर रोग, हड्डी रोग,नेत्र तथा प्रसव के लाभार्थी अधिक हैं। इस समय जनपद में कुल 35 चिकित्सालय जिसमें 19 सरकारी चिकित्सालयों सहित 16 निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध हैं। शासन द्वारा आयुष्मान योजना की पात्रता हेतु निर्धारित की गई है। जिसमें 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना की सूची में शामिल,राशन कार्ड में परिवार के 6 या अधिक सदस्य, अंत्योदय कार्डधारक, 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता। पंजीकृत श्रमिक होना चाहिए।


अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे आयुष्मान कार्ड बन सकता है इसके लिए उसे सर्वप्रथम प्ले स्टोर पर आयुष्मान एप डाउनलोड कर लें। आयुष्मान कार्ड बनाना हुआ और भी आसान लिखा आएगा, इस पेज को डाउनलोड कर लें। इसके बाद इसमें मांगी गई जानकारी को चरणबद्ध दर्ज करते जाएं और कार्ड अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा सीएमओ कार्यालय और पंजीकृत अस्पताल में भी बनवा सकते हैं।

घर व आसपास न होने दें जल जमाव व गंदगी

घर व आसपास न होने दें जल जमाव व गंदगी
                                                     
गाजीपुर। त्योहारों का सीजन आ रहा है। यही मौका है कि घर, छत व आसपास के स्थानों की अच्छे से साफ-सफाई कर ली जाए। छत पर पड़े निष्प्रयोज्य बर्तनों, बोतलों, गमलों, टायरों, कूलर आदि में एकत्रित पानी को अलग कर सफाई कर ली जाए। घर के बाहर लगी झाड़ियों की कटाई कर ली जाए। जमा हुई गंदगी, कचरा आदि को भी दूर कर लिया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ सुनील पाण्डेय का ने कही।
उन्होंने कहा कि घर व आसपास कहीं भी जल जमाव या गंदगी एकत्रित न होने दें, क्योंकि जिन स्थानों पर पानी ठहरेगा या जल जमाव की स्थिति पैदा होगी, वहाँ मच्छरों का लार्वा पनपेगा। इसकी वजह से वेक्टर (मच्छर, मक्खी आदि) जनित विभिन्न संक्रामक व संचारी रोग उत्पन्न होंगे। त्योहार के समय में सभी का स्वास्थ्य बेहतर हो, खुशहाल हो, इसके लिए हमें जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है। सीएमओ ने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य समेत 10 विभागों के सहयोग से जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी संचालित किया जा रहा है। संचारी रोगों विशेषकर डेंगू पर प्रभावी रोकथाम व नियंत्रण के लिए निरोधात्मक गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं। जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने बताया कि जनपद में डेंगू, मलेरिया व मच्छर जनित अन्य बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरूकता का कार्य किया जा रहा है जिससे स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सके। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर जन-जागरूकता के माध्यम से बदलते मौसम, संचारी रोगों से बचाव और साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी जा रही है। शहरी क्षेत्र के लिए गठित की गयी नगर पालिका की टीम वार्ड और मोहल्लों में जाकर जन-जागरूकता के साथ ही फॉगिंग और एंटी लार्वा के छिड़काव का कार्य कर रही हैं, जिससे इन बीमारियों को फैलने से रोका जा सके।
उन्होंने बताया कि वेक्टर जनित अधिकतर बीमारियाँ मच्छरों के काटने से फैलती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए घर व आस-पास साफ-सफाई रखें तथा जल का भराव न होने दें। झाड़ियों और नालियों को साफ सुथरा रखें, आसपास रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल आयल या मिट्टी का तेल डालकर लार्वा को नष्ट करें, घर के दरवाजे और खिड़की पर मच्छर रोधी जाली लगाएं। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। कूलर, फ्रिज आदि को साप्ताहिक रूप से साफ करें। छत पर निष्प्रयोज्य बर्तन, पाइप, टायर, नारियल के खोल आदि न डालें। गमलों और फूलदानों को भी साफ रखें। डीएमओ ने बताया कि इस साल अब तक डेंगू के 30 मरीज मिले हैं। डेंगू से अभी तक किसी की मृत्यु नहीं हुई है। वर्ष 2024 में 112, वर्ष 2023 में 283, वर्ष 2022 में 190 और 2021 में 112 डेंगू के एलाइजा पुष्ट मरीज पाये गए थे। वहीं कालाजार का मरीज पिछले 2 वर्षों से सूचित नही हुआ है। गैर प्रान्तों और जनपदों से ग्रसित होकर अब तक 11 मलेरिया धनात्मक आए हैं जो उपचार के उपरांत स्वस्थ हो चुके हैं। आगामी त्योहारों के अवसर पर और ग्रसितों की आशंका के मद्देनजर सभी  चिकित्सालयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खानपान पर दें ध्यान दृ सीएमओ ने बताया कि बुखार की स्थिति में मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। अधिक से अधिक तरल पदार्थों जैसे ताजे फलों का जूस, दाल का पानी, नारियल पानी, ओआरएस घोल, दूध-छाछ, ताजे फल, प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों आदि का सेवन करना चाहिए। तले भुने, गरिष्ठ भोजन, दर्द निवारक दवाओं आदि से बचना चाहिए।
डेंगू, मलेरिया व बुखार में अंतर समझना जरूरी दृ सीएमओ ने बताया कि आम लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि उन्हें मलेरिया हुआ है या डेंगू या सामान्य बुखार है। मलेरिया का बुखार ठंड देकर आता है तो डेंगू में लगातार बुखार के साथ हड्डियों-जोड़ों में दर्द रहता है। इस तरह के कोई भी लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लेकर मलेरिया और डेंगू की जाँच करानी चाहिए। जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया व डेंगू के इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

डीएम ने की जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक,किसी भी मरीज को बाहर की दवा न दी जाए

गाजीपुर। जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने समस्त एम0ओ0वाई0सी0 को निर्देशित किया कि किसी भी प्रकार का भुगतान पेण्डिंग न रहें, तत्काल भुगतान करें। उन्होने कहा कि टी0बी0 मरीजो को सरकारी दवा ही दी जाए एवं जॉच कराने के लिए जागरूक करें किसी भी मरीज को बाहर की दवा न दी जाए। जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देशित किया कि आशा का भुगतान समय से किया जाए,समस्त एम0ओ0वाई0सी0 तहसीलों पर बी0एच0एन0डी0 की बैठक करते रहें। जिलाधिकारी ने कहा कि हेल्थ वेलनेस सेन्टर पर आवश्यक दवाओ की उपलब्धता रहे, ओ0पी0डी0 का संचालन तथा नियमित रूप से सी0एच0ओ0 एवं एन0एम0 की उपस्थिति का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने संबंधित चिकित्सा अधीक्षको को हेल्थ वेनलेस सेन्टर की क्रियाशीलता बराबर चेक करते रहने का निर्देश दिया। समीक्षा के दौरान उन्होने जननी सुरक्षा योजनार्न्तगत गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के संबंध मे जानकारी लेते हुए इस कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओ को निःशुल्क भोजन तथा दवा एवं ड्राप बैक की सुविधा के साथ-साथ 48 घण्टे रोके जाने के निर्देश दिए।बैठक मे जिलाधिकारी ने ओ पी डी एवं आई पी डी की समीक्षा, एफ आर यू0 , आर बी एस के कार्यक्रम, दृष्टिहीनता निवारण, एम्बुलेंस सेवाए, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण, ई-कवच, आभा आई डी प्रगति, जननी सुरक्षा योजना, जे0एस0वाई के भुगतान, मातृत्व मृत्यु दर की समीक्षा,परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीकाकरण, क्षय रोग नियंत्रण, कुष्ठ उन्मूलन, प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड, जन्म-मृत्यु पंजीयन, अन्य बिन्दुओ पर विस्तारपूर्वक समीक्षा की। उन्होने कहा कि जो भी शासन की योजनाए संचालित है, उसका शत-प्रतिशत क्रियान्वयन हो, कोई भी पात्र योजना से वंचित न रहे। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी सुनिल पाण्डेय, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एन एच एम), समस्त एम ओ वाई सी एंव अन्य संबंधित जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम से कर सकते हैं हृदय की सुरक्षा

संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम से कर सकते हैं हृदय की सुरक्षा

गाज़ीपुर।हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाने के लिए है कि हमारा दिल हमारी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आजकल की तेज़-तर्रार जिंदगी, गलत खान-पान, तनाव और बैठने की आदतें हृदय के लिए बहुत खतरनाक हो सकती हैं। कई लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक या दिल की बीमारियाँ केवल बड़े लोगों को होती हैं, लेकिन अब युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। इस दिन का मकसद है लोगों को हृदय रोगों के लक्षण पहचानना, समय पर जांच कराना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। इसी को लेकर सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद पर एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन अधीक्षक डॉ आशीष राय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें विश्व हृदय दिवस मनाया जाने की प्रासंगिकता और इससे होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा की गई। वही आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तैनात सीएचओ के द्वारा आए हुए मरीजों का जांच भी किया गया।

अधीक्षक डॉ आशीष राय द्वारा हृदय संबंधी रोगों को बढ़ावा देने वाले कारकों जैसे उच्च रक्तचाप, अधिक वजन और मोटापा, तनाव, मधुमेह, तम्बाकू का उपयोग , शारीरिक निष्क्रियता इत्यादि से बचने के साथ ही अगर हृदय रोग से ग्रसित है तो समय समय चिकित्सक के द्वारा दिए जाने वाले परामर्श एवं दवा के साथ साथ अपनी नियमित दिनचर्या को नियमित एवं नियंत्रित करने की सलाह दी गई। साथ ही इसको स्वस्थ रखने के आसान उपाय पोषण युक्त आहार का सेवन और नियमित व्यायाम के साथ अच्छी नींद लेने के बारे में बताया।उन्होंने बताया की सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तनाव को के द्वारा आए हुए मरीजों की जांच भी कराई गई और उन्हें अपने दिनचर्या में छोटा सा बदलाव जैसे संतुलित भोजन, रोजाना हल्का व्यायान, शराब-धूम्रपान से दूर रहना आपके दिल की रक्षा कर सकता है के बारे में जानकारी दी गई। विश्व हृदय दिवस हमें यह समझाता है कि दिल की देखभाल करना किसी भी उम्र में जरूरी है।

सीएमओ ने की अपील:घर व आसपास रखें साफ-सफाई,न होने दें जलजमाव

सीएमओ ने की अपील घर व आसपास रखें साफ-सफाई, न होने दें जलजमाव की स्थिति

गाजीपुर।जनपद में मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया आदि से बचाव के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्रिय है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील पांडेय  के निर्देशन में अप्रैल माह से ही चलाए गए संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। अब जिले में मच्छरों के लार्वा को खोजने के लिए डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) यानि घरेलू प्रजनन जांचकर्ता घर-घर भ्रमण कर रहे हैं। एक सप्ताह से अधिक जमा पानी को खाली करवा रहे हैं।
सीएमओ ने बताया कि निदेशक संचारी रोग उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार नगरीय क्षेत्र में वेक्टर जनित रोगो की रोकथाम और घर-घर लार्वा जांच के लिए 11 घरेलू प्रजनन जांचकर्ताओं को प्रशिक्षित कर जुलाई माह में तैनात किया गया है। यह सभी घरेलू प्रजनन जांचकर्ता घर या बाहर जमा पानी के स्रोतों पर मच्छरों के लार्वा की जांच कर रहे हैं। लार्वा प्रजनन स्रोत पाए जाने पर उनका विनष्टीकरण का कार्य भी कर रहे हैं। कूलर, टायर, टंकी आदि जगहों पर एक सप्ताह से अधिक जमा पानी को खाली करा रहे हैं और साफ-सफाई के बारे में जानकारी दे रहे हैं। साथ ही प्रचार-प्रसार सामग्री की सहायता से समुदाय को संचारी रोगों से बचाव के लिए ‘क्या करें-क्या न करें’ और ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि समस्त जांचकर्ता नगर के सभी वार्डों खासकर मलिन बस्तियों और उच्च जोखिम वाले इलाकों में भ्रमण कर मच्छरों के लार्वा की जांच कर रहे हैं। एक दिन में कम से कम 50 घरों का भ्रमण कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने नगर पालिका क्षेत्र में करीब 523 घरों का भ्रमण कर गहन निरीक्षण किया था। कुछ घरों में लार्वा के स्रोतों को खाली कराकर साफ कराया। लोगों को जागरूक किया कि कूलर, टंकी, टायर, फ्रिज की ट्रे आदि जगहों पर एक सप्ताह से अधिक पानी न जमा होने दें। साफ-सफाई का ध्यान रखें। इस कार्य में समुदाय का सहयोग मिल रहा है।      
सीएमओ डॉ सुनील पांडेय ने जनपदवासियों से अपील की है कि संचारी रोगों से बचाव के लिए आगामी त्योहारों के अवसर पर अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जल जमाव की स्थिति पैदा नही होने दें, रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा रोधी रसायन डालें, कूलर का पानी निकालकर सुखा दे, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, कोई भी बुखार का लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज़ कराएं। बाहर के दूषित भोजन पानी का प्रयोग न करें। उन्होंने ‘हर रविवार मच्छर पर वार, खत्म करेंगे डेंगू, मलेरिया बुखार’ का संदेश दिया। उन्होने आगे बताया कि इस वर्ष डेंगू के केस विगत वर्षों की तुलना में  कम सूचित हुए हैं। जिले में इस वर्ष अभी तक 19 केस सत्यापित हुए हैं जबकि वर्ष 2023 में इस तारीख तक 89 और 2024 में 16 मरीज सत्यापित हुए थे।गाजीपुर नगर पालिका में जहाँ विगत वर्षों मे काफी केस सूचित होते थे इस वर्ष अभी तक कोई भी मरीज सूचित नही हुआ है। जिले के सूचित मरीजों में से भी अधिकांश मरीज गैर जनपदों और प्रान्तों से ग्रसित होकर आए है।  ये सभी मरीजों उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में मात्र दो सम्भावित मरीज ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती है। जनपद के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों,प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा मेडिकल कॉलेज  अस्पताल में जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। सीएमओ ने जनपद वासियों से अपील की है कि बुखार आने पर तत्काल अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जांच तथा उपचार कराए स्वयं अपना उपचार बिल्कुल न करे।