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बच्चे के दिल का आरबीएसके ने सफलता पूर्वक करवाया ऑपरेशन

बच्चे के दिल का आरबीएसके ने सफलता पूर्वक करवाया ऑपरेशन

गाजीपुर।स्वास्थविभाग के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से लगातार लोगों को लाभ होता दिख रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज निशुल्क किया जा रहा है। ऐसा ही एक निशुल्क ऑपरेशन आरबीएसके के टीम के द्वारा एक डेढ़ साल के बच्चे का कराया गया। जिसके दिल में छेद था । जिसे आरबीएस के टीम के द्वारा पहले जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया। वहां से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ को रेफर किया गया। जहां पर बच्चों का सफल ऑपरेशन हुआ और बच्चा स्वस्थ है।

डीपीएम प्रभु नाथ ने बताया कि जखनियां ब्लाक के ग्राम वृंदावन के रहने वाले मोहुपाल अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखनिया आए हुए थे। जहां पर कार्यरत चिकित्सक डॉ एस के सिंह एवं स्टाफ नर्स राजेश के द्वारा इस मामले को आरबीएस के टीम को सौपा। टीम ने बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर कर जिला अस्पताल एडमिट कराया और फिर यहां से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ को रेफर कराया गया। जहां पर बच्चे का 3 अक्टूबर को एडमिशन हुआ और 4 अक्टूबर को सीएचडी का ऑपरेशन निशुल्क हुआ। मौजूदा समय में बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

उन्होंने बताया कि यदि बच्चे को निशुल्क सुविधा नहीं मिली होती तो इस ऑपरेशन में करीब 4 से 5 लाख रुपए परिवार का खर्च होता। जो इतनी बड़ी राशि परिवार दे पाने में असफल रहता है। उन्होंने बताया कि बच्चों को अलीगढ़ तक भिजवाने में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर देश दीपक पाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

सीएमओ को भेंट किया मच्छरदानी

गाज़ीपुर।शुक्रवार को राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राहुल सिंह के नेतृत्व में‌ कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप के सवाल पर मुख्य चिकित्साधिकारी गाजीपुर को ज्ञापन सौंपा।

अस्पताल में आ रहे मरीजों की गहन जांच और उचित इलाज कराने की मांग किया। जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सीवीसी जांच कराने की भी‌ व्यवस्था कराए जाने की मांग किया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने सीएमओ को मच्छरदानी और मार्टिन तथा मच्छर से बचने के लिए अगरबत्ती भेंट किया।उन्होंने कहा कि यदि मरीजों की जान नहीं बचा सकते तो स्वयं की जान बचायें।
समाजवादी छात्र सभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राहुल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। डेंगू,मियांदी बुखार और‌ चिकनगुनिया के प्रकोप के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में बेड भरे पड़े हैं, मरीजों के लिए जगह नहीं है।न दवा की व्यवस्था है और न ही जांच की।उन्होंने कहा कि सरकार इन प्रकोपों से जनता को बचाने में नाकामयाब साबित हुई है। सरकार पूरी तरह से लापरवाह बनी हुई है। भाजपा सरकार जन जीवन के प्रति गंभीर नहीं है।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से इरफान कुरैशी,रोहन यादव,सत्या कुमार, कमलेश यादव, संतोष यादव, भीष्म यादव, मनीष यादव, प्रवीण यादव, रविकांत यादव रवि,संजय यादव,बबलू आदि शामिल थे।

जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने 51 टीबी मरीजों को लिया गोद

जिला पंचायत अध्यक्ष ने 51 टीबी मरीजों को लिया गोद

गाजीपुर।2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना प्रधानमंत्री के द्वारा देखा गया है। और इसे पूरा करने के लिए विभाग के द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा हैं। इसी कड़ी में टीबी मरीजों को प्रोटीन युक्त पोषण पोटली देकर उन्हें सेहतमंद करने की भारत सरकार की योजना है। इसी कड़ी में गुरुवार को जिला अस्पताल जिला स्थित क्षय रोग विभाग में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने 51 टीबी मरीजों को गोद लिया। इन सभी को पोषण पोटली प्रदान किया जो प्रत्येक माह इन मरीजों को इनके ठीक होने तक दिया जाएगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने बताया कि उनके द्वारा पूर्व में 63 टीबी मरीजों को गोद लिया गया था। और उन्हें प्रतिमाह पोषण पोटली उनके स्वस्थ होने तक उपलब्ध कराया गया । अब सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं । अब एक बार फिर से 51 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। और इन सभी को भी स्वस्थ होने तक इन्हें पोषण पोटली उनके द्वारा दिया जाएगा । ताकि इन्हें प्रोटीन की कहीं से कोई कमी ना रह जाए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2025 तक टीबी मुक्त पंचायत, टीबी मुक्त भारत का सपना साकार हो।इस लिए इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के रूप चलाया जा रहा है।

टीवी मरीजों के आंकड़ों की बात करें तो जनपद में जनवरी 2023 से अक्टूबर 2023 तक कल 3716 मरीज को चिन्हित किया गया है। जिन्हें क्षय रोग विभाग की तरफ से निशुल्क दवा उपलब्ध करने के साथ ही निश्चय पोषण योजना के तहत उनके खाते में ₹500 प्रतिमाह भेजा जाता है।

इस कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ,राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आनंद मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह,जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह,जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह के साथ ही क्षय रोग विभाग के अन्य कर्मचारी शामिल रहे।

कुपोषित क्षय रोगियों की पहचान कर लिया जाएगा गोद

कुपोषित क्षय रोगियों की पहचान कर लिया जाएगा गोद, मिलेगा पोषण व स्वास्थ्य सहयोग

जनपद की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों व केन्द्रों पर होगी बीएमआई माप प्रक्रिया

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत इस पहल को दी जाएगी प्राथमिकता

स्वास्थ्य और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त प्रयास को मिलेगा बल

गाज़ीपुर। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएम-टीबीएमबीए) के अंतर्गत जनपद में कुपोषित क्षय रोगियों को गोद लेने की शुरुआत की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि शासन की ओर से मिले निर्देश के क्रम में जिले में मौजूद वर्तमान कुपोषित क्षय रोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ मनोज कुमार ने कहा कि इसके लिए जनपद की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर बाडी मास इंडेक्स (बी०एम०आई०) की मापने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बीएमआई की गणना करते हुये 18 किलो ग्राम प्रति वर्ग मीटर से कम वाले रोगियों को अभियान के अंतर्गत स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से गोद लेकर पोषण पोटली दिलाने तथा छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के माध्यम से अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुपोषण और क्षय रोग का सीधा संबंध होता है। टीबी रोगियों को बेहतर प्रोटीन युक्त आहार न मिल पाने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। लगातार वजन में भी कमी होती है। इस वजह से वह कुपोषण की स्थिति में भी आ सकता है। इसलिए कोई भी टीबी रोगी गंभीर स्थिति में न पहुंचे, इसके लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि नोटिफिकेशन अधिक होने के साथ ही रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार पूरा करना भी आवश्यक है। वर्तमान में जनपद का टीबी सक्सेस रेट 00 प्रतिशत है। दूसरी ओर वर्तमान में 2962 क्षय रोगी उपचार पर हैं। जनपद में निक्षय मित्रों की संख्या 2246 है। उपचारित रोगियों में से 2246 क्षय रोगियों को निक्षय मित्रों द्वारा गोद लिया जा चुका है। इसमें 14 वर्ष तक के 117 और 14 वर्ष से अधिक के 2129 टीबी रोगी शामिल हैं। शेष टीबी रोगियों के गोद लिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। यह सभी क्षय रोगी निक्षय मित्रों से जुड़े हुये हैं।
उन्होंने बताया कि सितम्बर 2023 के द लैसेंट जरनल में प्रकाशित लेख “न्यूट्रीशनल सपोर्ट फॉर एडल्ट विथ माइक्रो बायोलोजिकली कन्फ़र्म्ड पल्मोनरी टीबी आउटकम्स इन अ प्रोपोर्शन कोहार्ट नेस्टेड विथ-इन राशन ट्राइल इन झारखंड, इंडिया” के अनुसार वयस्क पुरुषों में 42 किग्रा तथा वयस्क स्त्रियों में 36 किग्रा वजन होना कुपोषण को इंगित करता है। यदि इन रोगियों को प्राथमिकता पर निक्षय पोषण योजना का लाभ प्रदान किया जाए तथा सामुदायिक सहायता यानि गोद लिया जाए तो उन्हें सफतापूर्वक उपचारित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जनपद में क्षय रोगियों की डायग्नोसिस (निदान) होने के उपरान्त उन्हें तीन दिनों के भीतर ही क्षय रोगी की बीएमआई कराई जाएगी। एक सप्ताह के भीतर रोगी के खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत धनराशि जमा हो जाए। तथा दो सप्ताह के भीतर क्षय रोगियों को गोद लिये जाने की कार्यवाह पूरी कर ली जाए।
ऐसे निकालें बीएमआई – बीएमआई अर्थात बॉडी मास इंडेक्स मोटापे की जांच करने का अंतर्राष्ट्रीय मानक है। अपना बीएमआई मापने के लिए अपने वजन को अपनी लंबाई (इंच में) से भाग करें। बीएमआई के आधार पर आप यह जांच सकते हैं कि आपका वजन सामान्य है या उससे अधिक। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के अनुसार सामान्य बीएमआई 18.5 से 24.9 होना चाहिए। इससे ज्यादा बीएमआई वालों को मोटापे की श्रेणी में रखा गया है।

एम्बुलेंस कर्मियों के द्वारा मनाया गया विजयदशमी का पर्व

102 और 108 एम्बुलेंस कर्मियों के द्वारा मनाया गया विजयदशमी का पर्व

गाजीपुर। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक विजयदशमी का पर्व पूरे देश में मनाया गया। इस पर्व पर लोग एक दूसरे को बधाई भी देते नजर आए। वही बहुत सारे प्रतिष्ठानों में मां दुर्गा के नौ रूपों का पूजा-पाठ भी संपन्न हुआ । एक दूसरे को प्रसाद भी वितरण किए गए। कुछ ऐसा ही जनपद में चलने वाले 102 और 108 एंबुलेंस के जिला अस्पताल स्थित कार्यालय में भी हुआ ।यहां पर 102 और 108 एंबुलेंस के ईएमटी और पायलट के साथ उनके उच्च अधिकारियों ने विजयादशमी की पर्व को मनाया साथ ही साथ प्रसाद भी वितरण किया। 102 और 108 एंबुलेंस के प्रभारी दीपक राय ने बताया कि 102 और 108 एंबुलेंस के चालक और ईएमटी परिवार के सदस्य की तरह है। यह लोग अपनी तत्परता से प्रतिदिन लोगों को नई जिंदगी देने का भी काम करते हैं। ऐसे में इस त्यौहार के मौके पर जब यह लोग अपने परिवार से दूर है तो इन लोगों को परिवार के जैसा माहौल देना हम सभी लोगों का कर्तव्य बन जाता है। जिसको लेकर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला प्रोग्राम मैनेजर संदीप चौबे, अखंड ,आशुतोष के साथ ही पायलट और ईएमटी शामिल हुए।

घर-घर दे रही है दस्तक

दस्तक अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी घर-घर दे रही है दस्तक

गाजीपुर। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान जो 3 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चल रहा है। जिसमे 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाए जा रहा है। इस अभियान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर दस्तक अभियान का सफल संचालन कर रही है। इस दौरान इन लोगों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलने वाले विभिन्न योजनाओं को पहुंचाने एवं जागरूक करने का कार्य कर रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद के चिकित्सा अधीक्षक आशीष कुमार राय ने बताया कि समस्त ग्राम पंचायत एवं ग्रामों में स्थानीय आशा एवं आंगनबाड़ी द्वारा घर-घर भ्रमण कर दस्तक अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक घरों में जागरूकता एवं आवश्यक जानकारी के साथ-साथ अपने एवं अपने आसपास को साफ सुथरा रखने की जानकारी दी जा रही। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति का बैठक कर नियमित टीकाकरण दिवसों पर छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराने के साथ-साथ आशा प्रत्येक दिवस पर माइक्रो प्लान के अनुसार अपने क्षेत्र में कार्यों का संपादन कर रही है। कुपोषित बच्चों के उपचार एवं उन्हें संदर्भ पर विशेष बल देते हुए कार्य करना। दिमागी बुखार के प्रभाव को कम करने के क्रम में घरों में जागरूकता करना एवं प्रत्येक घरों में कम से कम पांच सवालों को करना पहले क्या परिवार में कोई सदस्य को बुखार है, यदि है तो उनको जांच हेतु सूचीबद्ध करना, दूसरा सवाल परिवार में किसी सदस्य को दो सप्ताह से कम की खांसी सांस लेने में परेशानी तो नहीं है, यदि है तो उनकी आवश्यक जांच कराने हेतु नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाना। परिवार में कोई ऐसा सदस्य तो नहीं है जिसको 1 सप्ताह से अधिक खांसी आ रही हो या वजन कम हो रहा हो या बलगम में खून आ रही हो तो यह संभावित क्षय रोग के लक्षण हैं। यदि ऐसा दिखता है तो इन परिवारों को निकटतम हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाना। फ्रंटलाइन वर्कर आशा कार्यकर्ता के द्वारा मच्छर जनित रोग मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जापानी इनफ्लाइट्स, कालाजार इत्यादि से बचाव के विषय में परिवार के सदस्यों को अवगत कराना मुख्य काम है। घरों में मच्छरों से प्रजनन की अनुकूल स्थितियों के विषय में संवाद करते हुए परिवार के सदस्यों से आग्रह करें कि वह घर में देखें की कोई ऐसा पात्र या जगह तो नहीं है जहां मच्छरों का प्रजनन की संभावनाएं अधिक है जैसे कलर टूटी हुई मटकी फटे हुए टायर इत्यादि यदि ऐसे हैं तो इन्हें तुरंत इन्हे निसप्रयोजित करना आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।

संचारी व वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए अपर निदेशक ने की समीक्षा बैठक,दिए निर्देश

संचारी व वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए अपर निदेशक ने की समीक्षा बैठक

वाराणसी मण्डल के सभी जनपदों के एसीएमओ, नोडल व अन्य अधिकारियों को दिए निर्देश

डेंगू आधारित गतिविधियों, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग, भर्ती मरीजों की ट्रेकिंग आदि पर दिया जाए विशेष ध्यान – डॉ मंजुला सिंह

अपर निदेशक ने की अपील – घर व आसपास रखें साफ-सफाई, न होने दें जल जमाव

गाज़ीपुर। संचारी व मच्छर जनित रोगों की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तीन अक्टूबर से संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही 16 अक्टूबर से घर-घर दस्तक अभियान के तहत स्रोत विनष्टीकरण, बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) लक्षण सहित टीबी, कुष्ठ आदि संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया जा रहा है। अभियान की लगातार मॉनिटरिंग व समीक्षा की जा रही है। इस क्रम में बुधवार को वाराणसी मण्डल की अपर निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ मंजुला सिंह ने सभी चारों जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, सहायक मलेरिया अधिकारी एवं वेक्टर बोर्न डिसीज़ (वीबीडी) स्टाफ के साथ वर्चुअल बैठक की।
अपर निदेशक ने बताया कि बैठक में मण्डल स्तरीय जनपदों की संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत अभी तक की गई कार्यवाई, दस्तक अभियान के दौरान की जाने वाली कार्यवाई, तथा वर्तमान में व्याप्त डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए की जा रही निरोधात्मक गतिविधियों के बारे में गहन समीक्षा की गई। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की स्थिति, डेंगू आधारित जन जागरूक गतिविधियों, फोगिंग मशीन, एंटी लार्वा पम्प व दवाओं की उपलब्धता, घरेलू ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) तथा नियमित डाटा फीडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई। बैठक में वाराणसी सहित चंदौली, गाज़ीपुर, जौनपुर के जिला मलेरिया अधिकारी ने अवगत कराया कि वेक्टर बोर्न डिसीज़ के समस्त कर्मियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वह ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बुखार आदि से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही घर पर पोस्टर आदि भी चस्पा कर रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन शाम को मॉनिटरिंग व समीक्षा बैठक भी जा रही है।
इस दौरान अपर निदेशक ने समस्त अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित किया कि डेंगू आधारित गतिविधियों ज़ोर दिया जाए। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दिया जाए। चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को लगातार ट्रैक किया जाए। नगर निगम व नगर पालिका तथा जिला पंचायत से समन्वय स्थापित कर डेंगू निरोधात्मक कार्यवाई पर और गहन कार्य योजना बनाई जाए। इन बीमारियों को लेकर निगरानी बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाए। डेंगू के साथ अन्य वेक्टर जनित रोगों जैसे चिकनगुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया, स्क्रब टायफस, लेप्टो स्पाइरोसिस आदि लक्षण वाले व्यक्तियों की भी जांच पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा जनमानस में इन रोगों से बचाव के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार आदि पर ज्यादा से ज्यादा ज़ोर दिया जाए।
अपील – अपर निदेशक ने अपील की है कि संचारी व मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए पूरे वर्ष अभियान चलना चाहिए। सभी अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जलजमाव न की स्थिति पैदा होने दें, रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा रोधी रसायन डालें, कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, कोई भी बुखार का लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज़ कराएं। झोलाछाप डॉक्टर से बचें। बाहर के दूषित भोजन पानी का सेवन न करें। उन्होंने ‘हर रविवार मच्छर पर वार, खत्म करेंगे डेंगू, मलेरिया बुखार’ का संदेश दिया।
इस दौरान मंडलीय नोडल अधिकारी (वीबीडी) व संयुक्त निदेशक डॉ जीसी द्विवेदी, मंडलीय एंटोमोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह मौजूद रहे।

हैंड वॉश को लेकर छात्राओं को किया जागरूक

गाज़ीपुर।राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रज्ञा रेंजर टीम द्वारा 15 अक्टूबर को विश्व धुलाई दिवस के पूर्व दिवस के अवसर पर हैंडवाश को लेकर छात्राओं को जागरूक किया गया।

उन्हें हाथों को साफ करने की विधि को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। विदित हों कि 15 अक्टूबर को पूरी दुनिया में विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को साफ सफाई की आदतों को सुधार करना ताकि उन्हें संक्रामक रोगों से बचाया जा सके और उनके कीमती जीवन की रक्षा की जा सके। 2030 तक प्राप्त होने वाले सतत वैश्विक लक्ष्यों में सभी के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता और साफ-सफाई भी एक प्रमुख लक्ष्य है। प्राचार्य डॉ सविता भारद्वाज के अनुसार इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से लोग जागरूक होंगे, उनके रोगों से ग्रस्त होने एवं मृत्यु दर में गिरावट आएगी।


इस अवसर पर भारत स्काउट गाइड के निर्देश पर रेंजर प्रभारी डॉ शिव कुमार ने रेंजर छात्राओं को हैंड वॉश के महत्व एवं इसकी विधियों से परिचित कराया। इसके पश्चात रेंजर छात्राओं ने घूम-घूम कर पूरे महाविद्यालय परिसर में उपस्थित छात्राओं को हैंड वॉश का प्रदर्शन करते हुए अपने साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने तथा इस व्यवहार को दूसरों तक प्रसारित करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम कार्यक्रम का संयोजन सीनियर रेंजर मेट सविता रावत एवं समीना द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में रेंजर्स श्रेया श्रीवास्तव, अंकिता पांडे, सपना कुशवाहा, आस्था सिंह, अर्पिता अग्रहरि, स्नेहा वर्मा, सपना आदि शामिल रही।

फाइलेरिया प्रभावित अंगों के देखभाल के प्रति किया जागरूक

फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए प्रदान की गईं एमएमडीपी किट

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बयेपुर, फतेउलापुर व मुड़वल पर हुआ कार्यक्रम

फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक

रोगियों की देखभाल में सीएचओ भी निभा रहे अहम भूमिका



गाज़ीपुर। फाइलेरिया एक गंभीर लाइलाज बीमारी है । यह जमीन की ओर लटक रहे जुड़वा अंगों जैसे -महिलाओं के स्तन, महिला पुरुष के हाथ पैर व पुरुषों के अंडकोश में सूजन पैदा कर देती है । प्रभावित अंगों की ठीक से देखभाल न की जाय तो बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है । इसके लिए जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में फाइलेरिया रोगियों को (रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम) एमएमडीपी किट प्रदान कर मरीजों को प्रभावित अंगों की देखभाल के तरीके बताए गए। शुक्रवार को सदर ब्लॉक के बयेपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने 10 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की। इस दौरान डीएमओ और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ऋतु सिंह ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही सदर ब्लॉक के ही फतेउलापुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और करंडा ब्लॉक के मुड़वल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर छह-छह रोगियों को एमएमडीपी प्रदान की गई। इस दौरान फतेउलापुर की सीएचओ पूनम पटेल और मुड़वल की सीएचओ जिज्ञासा ने रोगियों को फाइलेरिया के लक्षण, जांच, उपचार व परामर्श के बारे में जानकारी दी। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन उचित देखभाल से इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में एमएमडीपी कैंप आयोजित कर प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए मरीजों को कुछ व्यायाम का अभ्यास कराया गया और दी गयी किट के माध्यम से प्रभावित अंगों की साफ सफाई के तरीके सिखाये गए ।

जिससे प्रभावित अंगों में किसी प्रकार के संक्रमण न हो। क्या है फाइलेरिया – डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी न हो इसके लिए साल में एक बार दो वर्ष से अधिक आयु के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जाता है। इसके अलावा इस रोग से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग व घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई, इक्कठा हुए पानी को नष्ट कर मच्छरों से बचा जा सकता है । सीएचओ भी निभा रहे अहम भूमिका। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित रोगियों के घर के नजदीक ही एमएमडीपी किट के साथ देखभाल व परामर्श मिलता रहे, इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सभी सीएचओ को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग करने के निर्देश दिये गए हैं हैं। सीएचओ के माध्यम से स्क्रीनिंग, देखभाल, परामर्श के साथ ही आवश्यक दवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही गंभीर रोगियों को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सक/विशेषज्ञ से परामर्श की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा आवश्यक जांच व उपचार के लिए उच्च इकाइयों में रेफर किया जा रहा है।

फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए प्रदान की गईं एमएमडीपी किट,सीएचओ भी निभा रहे अहम भूमिका

फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए प्रदान की गईं एमएमडीपी किट

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बयेपुर, फतेउलापुर व मुड़वल पर हुआ कार्यक्रम

फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक

रोगियों की देखभाल में सीएचओ भी निभा रहे अहम भूमिका

गाज़ीपुर।फाइलेरिया एक गंभीर लाइलाज बीमारी है । यह जमीन की ओर लटक रहे जुड़वा अंगों जैसे -महिलाओं के स्तन, महिला पुरुष के हाथ पैर व पुरुषों के अंडकोश में सूजन पैदा कर देती है । प्रभावित अंगों की ठीक से देखभाल न की जाय तो बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है । इसके लिए जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में फाइलेरिया रोगियों को (रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम) एमएमडीपी किट प्रदान कर मरीजों को प्रभावित अंगों की देखभाल के तरीके बताए गए ।
शुक्रवार को सदर ब्लॉक के बयेपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने 10 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की। इस दौरान डीएमओ और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ऋतु सिंह ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही सदर ब्लॉक के ही फतेउलापुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और करंडा ब्लॉक के मुड़वल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर छह-छह रोगियों को एमएमडीपी प्रदान की गई। इस दौरान फतेउलापुर की सीएचओ पूनम पटेल और मुड़वल की सीएचओ जिज्ञासा ने रोगियों को फाइलेरिया के लक्षण, जांच, उपचार व परामर्श के बारे में जानकारी दी।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन उचित देखभाल से इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में एमएमडीपी कैंप आयोजित कर प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए मरीजों को कुछ व्यायाम का अभ्यास कराया गया और दी गयी किट के माध्यम से प्रभावित अंगों की साफ सफाई के तरीके सिखाये गए । जिससे प्रभावित अंगों में किसी प्रकार के संक्रमण न हो।
क्या है फाइलेरिया – डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी न हो इसके लिए साल में एक बार दो वर्ष से अधिक आयु के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जाता है। इसके अलावा इस रोग से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग व घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई, इक्कठा हुए पानी को नष्ट कर मच्छरों से बचा जा सकता है ।
सीएचओ भी निभा रहे अहम भूमिका – मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित रोगियों के घर के नजदीक ही एमएमडीपी किट के साथ देखभाल व परामर्श मिलता रहे, इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सभी सीएचओ को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग करने के निर्देश दिये गए हैं। सीएचओ के माध्यम से स्क्रीनिंग, देखभाल, परामर्श के साथ ही आवश्यक दवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही गंभीर रोगियों को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सक/विशेषज्ञ से परामर्श की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा आवश्यक जांच व उपचार के लिए उच्च इकाइयों में रेफर किया जा रहा है।