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हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के पास पहुंची डीएम, दिया निर्देश


गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सोमवार को सी एच सी सैदपुर का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने महिला वार्ड, आकस्मिक कक्ष, ओ पी डी , दवा घर एव अन्य वार्डाे का निरीक्षण किया। महिला वार्ड मे शीलन लगे होने तथा वार्म मशीन खराब होने के कारण नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल सही कराने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होने वार्ड मे भर्ती मरीजो से उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए अस्पताल में साफ-सफाई तथा रंगाई पोताई का निर्देश दिया। 

निमोनिया से होने वाली मौत को लेकर स्वास्थ विभाग गंभीर

निमोनिया से होने वाली मौत को लेकर स्वास्थ विभाग गंभीर, स्वास्थ्य कर्मियों को बचाव के लिए दे रहा प्रशिक्षण

ग़ाज़ीपुर।0 से 5 साल के बच्चे निमोनिया से मृत्यु का महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है। जो 14.3% है। इसे रोकने के लिए शासन के द्वारा सभी एएनएम ,स्टाफ नर्स ,सीएचओ, आशा संगिनी, मेडिकल ऑफिसर को सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेजफुली (सांस) अभियान की ट्रेनिंग देकर इसके प्रति जागरूक कर रही है। इसी के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में 2 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें स्टाफ नर्स और मेडिकल अफसर शामिल रहे। प्रशिक्षण के उपरांत इन सभी लोगों को प्रमाण पत्र का वितरण किया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चे जिसमें निमोनिया होने की ज्यादा संभावना है रहती हैं। जिसके कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे बच्चों को निमोनिया से होने वाली मृत्यु से बचाने को लेकर शासन के द्वारा सांस कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत प्रशिक्षण लेकर सभी लोग समुदाय स्तर पर जागरुक करने का कार्य करेंगे । एवं बचाव के तरीके जिसमें घरेलू उपाय भी शामिल है बताएंगे और ज्यादा गंभीर होने पर बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने के बारे में भी जानकारी देंगे। यदि बच्चा ज्यादा गंभीर हो तो पीकू वार्ड में भी रेफर किया जा सकता है।

प्रशिक्षक डॉ सुजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में करीब 16 फीसदी बच्चे प्रति वर्ष निमोनिया से संक्रमित हो जाते हैं। बच्चों में निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु अन्य संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु की तुलना में काफी अधिक है। जिसके सामान्य लक्षण खांसी-सर्दी, बुखार, तेजी से सांस लेना, पसलियों का अंदर धंसना हैं। निमोनिया के कारण मृत्यु दर में कुपोषण, स्वच्छ पेयजल की कमी, स्वच्छता व स्वास्थ्य देखभाल मुख्य कारक हैं। जिससे समय पर लक्षणों की पहचान कर तुरंत उपचार शुरू किया जाए। अभिभावकों में निमोनिया से बचाव को लेकर जागरूकता आने से बच्चों को इससे बचाया जा सकता है। निमोनिया से बच्चों की सुरक्षा के लिए पहले छह माह में शिशु को केवल स्तनपान करवाना, छह माह बाद पूरक पोषाहार देना, विटामिन ए की खुराक देना, निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों का टीकाकरण करवाना व साबुन से हाथ धुलवाना जरूरी है।

0-5 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों में निमोनिया एक घातक बीमारी के रूप में उभरा है। निमोनिया से बचाव के लिए उसका उचित प्रबंधन महत्वपूर्ण है। 0-2 माह तक के बच्चे प्रति मिनट 60 बार सांस ले सकते हैं। 2 से 12 माह तक के लिए प्रति मिनट 50 बार और 12 माह से 5 साल तक के बच्चे प्रति मिनट 40 बार सांस ले सकते हैं। अगर इस उम्र में इससे ज्यादा सांस लेने पर निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में अभिभावकों को सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अरुण कुमार सिंह एचईओ, एसीएमओ डॉ जेएन सिंह ,डॉ के के सिंह एसएनसीयू, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय शंकर के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।

घर घर खोजे जाएंगे कुष्ठ रोगी, डीएम ने किया अपील


गाजीपुर। शासन के निर्देशानुसार 30 जनवरी को प्रत्येक वर्ष ’’कुष्ठ रोग दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है। जिसके तहत राइफल क्लब सभागार में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में ’’कुष्ठ रोग दिवस’’ के सम्बन्ध मे बैठक कर जागरूकता अभियान को सफल बनाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील किया कि ’’हम सभी जनपद के लोग और जिला प्रशासन इस आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यह घोषणा करते हैं कि हम अपने जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुष्ठ रोग को पहचानना बहुत आसान है और यह साध्य है। हम सभी कुष्ठ रोगियों को जितनी जल्दी हो सके खोजने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिले में उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करेंगे। इसके साथ हम कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से कोई भेदभाव नहीं करेंगें और न ही किसी दूसरे व्यक्ति को कुष्ठ रोग प्रभावित व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव करने दें। हम व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों से जुड़े कलंक और भेदभाव को समाप्त करने और उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए पूर्ण योगदान देंगे। उन्होने सभी जनपद वासियों से अपील किया है कि इस बार 30 जनवरी से 13 फरवरी, 2023  तक सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं निगरानी अभियान चलाया जाना है, जिसके अन्तर्गत घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों को खोजा जायेगा। इसलिए अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर इस अभियान को सफल बनायें। उन्होने यह भी कहा कि कुष्ठ रोग एक दीर्घ कालीन संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु द्वारा फैलता है, इसको हेन्सन रोग के नाम से भी जाना जाता है, जो मुख्यतः हाथों, पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की म्यूकोसा और श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। यदि कुष्ठ रोग की पहचान शीघ्र न हो तथा उसका ससमय उपचार न हो तो यह स्थायी विकलांगता उत्पन्न कर देता है। जागरूकता एवं ज्ञान के आभाव के कारण समाज में कुष्ठ रोग के प्रति कलंक एवं भेदभाव के चलते कुष्ठ रोग के फैलाव एवं उपचार के प्रति गलत फहमी बढ़ती जा रही है। कुष्ठ रोग से जुड़ा हुआ यह कलंक जीवन के अनेक पहलुओं जैसे कि सामाजिक प्रतिष्ठा, रोजगार अवसरों, वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन को प्रभावित करता है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में 30 जनवरी से 13 फरवरी, 2023 तक जनपद के समस्त ग्राम सभाओं/पंचायतों/नगरीय क्षेत्रों में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान पखवाड़ा मनाया जायेगा। जिसमें ग्रामसभाओं में इस कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायती राज संस्थान, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला और बाल विकास सहित अन्य विभागों के सहयोग एवं समन्वय से किया जायेगा। इसके साथ ही कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए विभिन्न आई0ई0सी0 गतिविधियों का आयोजन कुष्ठ पखवाड़े के दौरान किया जायेगा। इस अवसर पर समस्त सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

डीएम ने रोका वेतन, दिया सख्त निर्देश, कहा……

गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक रायफल क्लब सभागार में हुई। बैठक में जननी सुरक्षा योजना कार्यक्रम के अन्तर्गत देवकली, मिर्जापुर, मनिहारी, जखनियां, भदौरा, मुहम्मदाबाद, बाराचवर एवं मरदह के एम ओ वाई सी के द्वारा कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए चेतावनी देते हुए प्रगति मे सुधार लाने तथा वी एच एन डी कार्यक्रम में कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मनिहारी, सादात, रेवतीपुर, सुभाकरपुर, बाराचवर के एम ओ वाई सी को स्पष्टिकरण एंव मरदह एम ओ वाई सी का वेतन रोकने का निर्देश दिया। बैठक में जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना, जे0एस0वाई के भुगतान, मातृत्व मृत्यु दर की समीक्षा, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीकाकरण, 108/102 एम्बुलेंस की उपलब्धता, आशा /जे एस वाई भुगतान, क्षय रोग नियंत्रण, कुष्ठ उन्मूलन, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, आयुष्मान कार्ड, जन्म-मृत्यु पंजीयन एवं अन्य बिन्दुओ पर विस्तपूर्वक समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होने जननी सुरक्षा योजनार्न्तगत गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के सम्बन्ध मे जानकारी लेते हुए इस कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओ को निःशुल्क भोजन, स्वयं सहायता समुह के माध्यम से दिये जाने तथा दवा एव ड्राप बैक की सुविधा के साथ-साथ 48 घण्टे रोके जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने  प्रसव उपरान्त लाभार्थियों/आशाओ को दिये जाने वाले जेएसवाई के भुगतान के सम्बन्ध में शत-प्रतिशत भुगतान का निर्देश दिया। कहा कि जिन-जिन स्वास्थ्य केन्द्रो पर जे एस वाई भुगतान पेन्डिग है उसका ततकाल निस्तारण करवाते हुए भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आरोग्य योजनान्तर्गत जनपद में बनाये गये गोल्डेन कार्ड की जानकारी ली तथा प्रत्येक पात्र लाभार्थी परिवार का शत-प्रतिशत गोल्डेन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया। उन्होनेे कहा कि कोई भी पात्र परिवार आयुष्मान कार्ड से वंचित न रहे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 हरगोविन्द सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एन एच एम) डा0 उमेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 राजेश सिंह समस्त एम ओ वाई सी एंव अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

सारथी वाहन लोगों को करेगा जागरूक

सारथी वाहन परिवार नियोजन को लेकर करेगा जन जागरूकता

ग़ाज़ीपुर।भारत सरकार के द्वारा बढ़ती हुई जनसंख्या को स्थिर करने के लिए जनसंख्या स्थिरता कार्यक्रम लगातार चला रही है। जिसके तहत परिवार नियोजन के कई तरह के संसाधन निशुल्क भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब इन्हीं सभी संसाधनों और सेवाओं को लेकर जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सारथी वाहन को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जो 1 सप्ताह तक जनपद के ग्रामीण और शहरी इलाकों में परिवार नियोजन और उनके संसाधनों के बारे में लोगों को जागरूक करेगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि परिवार कल्याण विभाग के द्वारा लगातार परिवार नियोजन के संसाधन, जिसमें महिला एवं पुरुष नसबंदी के साथ ही अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, पीपीआईयूसीडी, कंडोम आदि निशुल्क आमजन को उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही लोगों को दो
बच्चों के मध्य अंतराल रखने के बारे में भी जागरूक किया जाता है। इसी को लेकर परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रचार प्रसार हेतु जागरूकता वाहन सारथी का संचालन बुधवार से अगले 1 सप्ताह तक जनपद के ग्रामीण और शहरी इलाकों में किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सारथी वाहन में समुदाय में वितरित करने हेतु गर्भनिरोधक साधनों तथा परिवार नियोजन किट भी रखा जाएगा। जिसमें कंडोम, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली एवं गर्भावस्था जांच किट उपलब्ध होगा। समुदाय में परिवार नियोजन किट में रखे गर्भनिरोधक का वितरण सेवा प्रदाता के वाहन चालक के माध्यम से कराया जाएगा। सारथी वाहन में वितरित किए जाने हेतु गर्भनिरोधक साधनों तथा कंडोम, आपातकालीन गर्भनिरोधक की उपलब्धता भी विभाग के द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।

आज के कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार, डॉ जे एन सिंह ,राघवेंद्र सिंह, तबरेज अंसारी(यूपीटीएस यू)के साथ ही अन्य लोग मौजूद रहे।

सिपाही ने रक्तदान कर बचाई वृद्ध की जान

गाजीपुर। एक असहाय वृद्ध व्यक्ति के लिए सिधौना चौकी पर तैनात सिपाही कुशल त्रिपाठी ने रक्तदान किया। बता दें कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक वृद्ध असहाय व्यक्ति को बी.पॉजिटिव ब्लड की अति आवश्यकता थी। परिवार में कोई ब्लड देने वाला नही था। इसलिए मरीज के परिजन बहुत परेशान थे। इसकी जानकारी समाजसेवी कुंवर वीरेन्द्र सिंह के माध्यम से सिधौना चौकी पर तैनात कांस्टेबल कुशल त्रिपाठी को हुई। जानकारी होते ही कुशल त्रिपाठी सिधौना से तत्काल मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक पहुंचे। जहां सिपाही ने रक्तदान कर वृद्ध व्यक्ति की जान बचाई। इस नेक कार्य के लिए वृद्ध ने सिपाही से कहा कि भगवान आपको हमेशा खुश और स्वस्थ रखें।

इन रोगों को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू हुआ विशेष टीकाकरण अभियान

11 तरह के रोगों से बचाने के लिए शुरू हुआ विशेष नियमित टीकाकरण अभियान

ग़ाज़ीपुर। नियमित टीकाकरण जो बच्चों और गर्भवती के साथ ही धात्री महिलाओं को कई तरह के रोगों से बचाता है। ऐसे ही लोगों के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा जो 9 जनवरी से शुरू होकर 24 मार्च तक कुल 3 पार्ट में चलना है ।इसी को लेकर सोमवार को विशेष टीकाकरण पखवाड़े का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह के द्वारा अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना पर छोटे बच्चों का टीकाकरण कर किया गया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि मीजल्स-रूबेला को इस साल के आखिर तक जड़ से खत्म करने के लिए सोमवार से विशेष टीकाकरण पखवाड़ा शुरू हो रहा है। जिले में जन्म से पांच साल तक के जिन बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है या किसी कारणवश छूटे हैं सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 9-20 जनवरी तक पहला विशेष पखवाड़ा, 13 से 24 फरवरी तक दूसरा और 13 से 24 मार्च तक तीसरा विशेष पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। इस पखवाड़े के दौरान नियमित सत्र को प्रभावित नहीं किया जाएगा। विशेष टीकाकरण का काम नियमित टीकाकरण से अलग दिवसों में किया जाएगा। नियमित टीकाकरण में छूटे हुए बच्चों को चिन्हित करने का काम दिसंबर में ही किया जा चुका है। इस काम के लिए आशा, आंगनबाड़ी, शहरी सुपरवाइजर, लिंक सर्वर आदि की मदद ली गई थी।

उन्होंने बताया कि एक साल तक के बच्चों को एम आर- 1 और पेंटा की वैक्सीन लगेगी। एक साल से पांच साल तक के बच्चों को एम आर – 2 और डीपीटी बूस्टर- 2 की वैक्सीन लगेगी। छूटे हुए बच्चों की रिपोर्ट एएनएम के माध्यम से नोडल अधिकारी को दी गई थी। शहर में दूर-दराज के जो भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लोग नियमित टीकाकरण कराने के लिए नहीं जाते। उनके लिए विभाग ने विशेष माइक्रोप्लान तैयार किया है। जिससे कोई भी बच्चा किसी भी टीके से वंचित न हो। पांच साल तक के बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीका लगाया जाएगा। इस टीके से टीबी, पोलियो, गलघोंटू, काली खांसी, टेटनेस, निमोनिया, हीमोफिल्स, इन्फ्लूएंजा, खसरा, रूबेला, रोटा वायरस, डायरिया व हेपाटाइटिस बी से बचाव होता है। इस पखवाड़ा में गर्भवतियों को भी टीका लगेगा। इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय शंकर, डीपीएम प्रभुनाथ ,चाई के मणिशंकर, यूएनडीपी के प्रवीण उपाध्याय के साथ ही कई अन्य लोग भी मौजूद रहे।

सीएमओ ने किया बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विटामिन ए की खुराक पिलाकर बाल स्वास्थ्य पोषण माह का किया शुभारंभ

गाजीपुर। बाल स्वास्थ्य पोषण माह जिसके अंतर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है। जिसका शुभारंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाकर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष दो चरणों में 6 माह के अंतराल पर विटामिन ए संपूर्णन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है। विटामिन ए एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दिए जाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है और वह स्वस्थ एवं पोषित रहते हैं। उन्होंने बताया कि 9 माह से 12 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान एम आर के प्रथम टीके के साथ आधा चम्मच विटामिन ए की खुराक देनी चाहिए। 16 से 24 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान एम आर के दूसरे टीके के साथ पूरा एक चम्मच एवं 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को 6 माह के अंतराल पर विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान पूरा एक चम्मच विटामिन ए की खुराक पिलाए जाने से बच्चे स्वस्थ एवं पोषित रहते हैं। विटामिन ए का सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़िया रहती है। यह रतौंधी से भी बचाता है। खाने में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए शामिल करने से बढ़ती उम्र में कमजोर होने वाली आंखों की रोशनी भी ठीक रहती है। विटामिन ए खाने में शामिल करने से बॉडी का रोग प्रतिरक्षा तंत्र भी बेहतर होता है। इससे बॉडी को कई तरह के रोगों और वायरस से लड़ने के लिए मजबूती मिलती है। विटामिन ए आपकी स्किन के लिए भी वरदान की तरह है. यह सूजन कम करता है और मुहांसों की समस्या भी इससे दूर होती है. विटामिन ए से सेल को विकसित होने में मदद मिलती है. इससे बालों की ग्रोथ और नाखून की ग्रोथ भी बेहतर होती है। इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय शंकर, चाय के मणिशंकर के साथ ही कई अन्य लोग मौजूद रहे।

जिले में आने वाले यात्रियों की होगी जांच, डीएम ने दिया निर्देश


गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में मंगलवार की देर शाम जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक रायफल क्लब सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना, जे0एस0वाई के भुगतान, मातृत्व मृत्यु दर की समीक्षा, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीकाकरण, 108/102 एम्बुलेंस की उपलब्धता, आशा /जे एस वाई भुगतान, क्षय रोग नियंत्रण, कुष्ठ उन्मूलन, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, आयुष्मान कार्ड, जन्म-मृत्यु पंजीयन सहित अन्य बिन्दुओ पर विस्तारपूर्वक समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होने जननी सुरक्षा योजनार्न्तगत गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के सम्बन्ध मे जानकारी लेते हुए इस कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओ को निःशुल्क भोजन, स्वयं सहायता समुह के माध्यम से दिये जाने तथा दवा एव ड्राप बैक की सुविधा के साथ-साथ 48 घण्टे रोके जाने के दिये गये निर्देश के बावजूद भी देवकली, मिर्जापुर, मनिहारी, सुभारखपुर, बिरनो, करण्डा , गोडउर, कासिमाबाद एंव मरदह के एम ओ वाई सी के द्वारा कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हे स्पष्टिकरण का निर्देश दिया तथा प्रधानमत्री मातृत्व वन्दना योजना में कम प्रगति पर  सदर, बिरनो, रेवतीपुर एवं सादात  एम ओ वाई सी को चेतावनी एंव स्पष्टिकरण का निर्देश दिया। उन्होने प्रसव उपरान्त लाभार्थियों/आशाओ को दिये जाने वाले जेएसवाई के भुगतान के सम्बन्ध में शत-प्रतिशत भुगतान का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि जिन-जिन स्वास्थ्य केन्द्रो पर जे एस वाई भुगतान पेन्डिग है उसका ततकाल निस्तारण करवाते हुए भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आरोग्य योजनान्तर्गत जनपद में बनाये गये गोल्डेन कार्ड की जानकारी ली तथा  प्रत्येक पात्र लाभार्थी परिवार का शत-प्रतिशत गोल्डेन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया। उन्होनेे कहा कि कोई भी पात्र परिवार आयुष्मान कार्ड से वंचित न रहे। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत चिकित्सालयो में कोविड वार्ड, एच डी यू वार्ड, आई सी यू वार्ड , आईसोलेशन वार्ड तथा आक्सीजन संचालन हेतु पाईपलाईन व्यवस्था की जानकारी ली तथा जहा-जहा आक्सीनज पाईप लाईन की समस्या है वहा टेण्डर कर कार्य प्रारम्भ कराने का निर्देश दिया। उन्होने कोविड टेस्टिग पर जोर देते हुए जनपद में अधिक से अधिक कोविड जॉच कराने के साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टेशनो पर एक टीम के माध्यम से दूसरे राज्यो से आने वाले यात्रियो का कोविड जाच का निर्देश दिया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 हरगोविन्द सिंह , अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एन एच एम) डा0 उमेश कुमार , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 राजेश सिंह समस्त एम ओ वाई सी एंव अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कोरोना को लेकर अलर्ट मोड में हॉस्पिटल

संभावित कोविड-19 के मद्देनजर हुआमार्क ड्रिल का आयोजन

गाजीपुर। कोविड-19 का प्रकोप विश्व के कई देशों में लगातार बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए भारत में भी कोविड-19 को लेकर अलर्ट मोड में कर दिया गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पूरी तैयारी करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को जिला अस्पताल सहित कुल पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के क्रम में जनपद के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मबाद,सैदपुर ,भदौरा और मनिहारी के साथ ही जिला अस्पताल में माकड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान कोविड-19 से पीड़ित मरीजों को किस तरह से उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल के बेड तक शिफ्ट करना । उसके पश्चात उनका इलाज करने को लेकर तैयारियों को पूरी तरह से परखा गया। उन्होंने बताया कि माक ड्रिल के इस आयोजन में मोहम्दाबाद में वह स्वयं ,सैदपुर में डॉ सुजीत कुमार मिश्रा, भदौरा में डॉ मनोज सिंह और मनिहारी में डॉ जे एन सिंह ने माक ड्रिल की तैयारियों को परखने का कार्य किया।

गाजीपुर के जिला अस्पताल स्थित कोविड-19 वार्ड का वाराणसी के जेडी डीबी सिंह की अध्यक्षता में मॉकड्रिल किया गया। जिसमे ऑक्सीजन प्लांट, कोविड-19 वार्ड ,कोविड-19 जांच सेंटर के साथ ही मरीजों के लिए लगे वेंटिलटर का भौतिक सत्यापन किया गया और यह देखा गया कि इमरजेंसी की स्थिति में यह सब कितना कारगर है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ राजेश सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट के क्रियाशीलता के बारे में चेक किया गया। साथ ही ऑक्सीज प्लांट को चेक किया गया कि पाइप लाइन में ऑक्सीजन कि सप्लाई की सप्लाई किस तरह से हो रही है। वेंटिलेटर की क्रियाशीलता को भी परीक्षण किया गया । उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर जनपद को कुल 69 वेंटिलेटर प्राप्त हुए थे। जो कार्यरत स्थिति में है इन सभी वेंटिलेटर को चलाने के लिए 9 कर्मचारी भी विभाग को मिले हैं। साथ ही 4 एनेस्थेटिक डॉक्टरों की नियुक्ति भी कर दिया गया है। आरटी पीसीआर से कोविड-19 की जांच जो पहले 600 से 700 हुआ करती थी लेकिन मौजूदा स्थिति में टेस्टिंग घटने की वजह से डेढ़ सौ से 200 हो रहा था लेकिन अब टेस्टिंग बढ़ाए जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान डॉ केएन चौधरी डॉ प्रभात कुमार डॉक्टर साहब आज डब्ल्यूएचओ के विनय शंकर डॉ मनोज डॉ अनामिका कुमारी के साथ अन्य लोग भी मौजूद रहे।