Category Archives: Health

विश्व मधुमेह दिवस पर आयोजित हुई गोष्ठी

विश्व मधुमेह दिवस पर सीएमओ कार्यालय पर आयोजित हुई गोष्ठी

गाजीपुर। विश्व मधुमेह दिवस’ यानी ‘वर्ल्‍ड डायबिटीज डे’ प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सरकार द्वारा सोशल मीडिया के जरिए मधुमेह के जोखिम कारकों, स्वस्थ जीवन शैली और शीघ्र पहचान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता अभियान चलाए जाने पर चर्चा किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि मधुमेह एक क्रोनिक रोग है, जिसमें व्यक्ति की रक्त शर्करा उच्च यानि हाइपरग्लेसीमिया हो जाती है या शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता हैं। या शरीर इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है। इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा उत्पादित हार्मोन है। यह ऊर्जा बनाने के लिए शरीर की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किए जाने के लिए ग्लूकोज (कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ को ग्लूकोज में विभाजित करता है) में मदद करता है।

उन्होंने बताया कि विश्व में मधुमेह (डायबिटीज) के बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्ल्‍ड डायबिटीज डे मनाने की पहल की गई थी। इसका मकसद लोगों में इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूकता को फैलाना है। इसलिए यह दिन वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में मधुमेह के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।

यह दिवस वर्ष 1991 में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बनाया गया था। एक सौ साठ से अधिक देशों में विश्व के सबसे बड़े मधुमेह जागरूकता अभियान के साथ विश्व मधुमेह दिवस वर्ष 2006 से संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक दिवस है।

एसीएमओ डॉ मनोज कुमार ने बताया की इंसुलन हार्मोन की वजह से हमारे शरीर में ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है, लेकिन जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। ऐसे में लोग इस बीमारी के शिंकजे में आ जाते हैं।

डायबिटीज तीन प्रकार का होता है। एक टाइप 1 और दूसरा टाइप 2 और तीसरा गर्भकालीन मधुमेह। टाइप 1 डायबिटीज का प्रमुख लक्षण शरीर में इंसुलिन का बनना बंद हो जाना होता है। जबकि टाइप 2 की स्थिति में शरीर में इंसुलिन जरूरत के हिसाब से नहीं बन पाता। ऐसे में इसका इस्तेमाल ठीक ढंग से नहीं हो पाता। ध्यान रहे डायबिटीज मोटापा, खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से हो सकता है। इनके अलावा गर्भकालीन मधुमेह में गर्भावस्था में अस्थायी स्थिति होती है।

डाटा ऑपरेटर को वितरित किया गया प्रमाण पत्र

नियमित टीकाकरण में गति लाने के लिए डाटा आपरेटरो का किया गया प्रशिक्षण

डेटा के आधार पर ब्लॉकों का करें रिव्यु – जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

गाजीपुर।मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बेहतर प्रबंधन एवं सुदृढ़ीकरण के लिए सभी डाटा ऑपरेटर का कार्यशाला का आयोजन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला का आयोजन क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान मे आयोजन किया गया । कार्यशाला में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में और सुधार लाने व कार्यक्रम के और बेहतर प्रबंधन पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी |कार्यशाला में सभी ब्लॉक के कोल्ड चैन हैंडलर और डाटा ऑपरेटर शामिल रहे। इस दौरान नियमित टीकाकरण के डाटा को बेहतर तरीके से पोर्टल पर अपलोड करने को लेकर ब्लॉकों से आए हुए डाटा ऑपरेटर को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि नियमित टीकाकरण में सुधार लाने के लिए नियमित टीकाकरण बच्चो व माताओं को जानलेवा बिमारियों से बचाने का सबसे सशक्त माध्यम है। स्वास्थ्य विभाग शत प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी डाटा का संकलन कर बेहतर कार्ययोजना बना कर लक्ष्य प्राप्ति कर सकते है। क्लिंटन हेल्थ फाउंडेशन के जनपद में सहयोग के बाद निश्चित ही हमारे नियमित टीकाकरण सेवाओं के परिणाम और बेहतर आएंगे और हम 90 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे।

क्लिंटन हेल्थ फाउंडेशन के आज़म एवं मनी शंकर ने टीकाकरण कार्यक्रम में आ रही कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की और डाटा फीडिंग के लिये सही तरीका बताया उन्होने कहा कि टीकाकरण से बच्चो और माताओं को बीमारियों से बचाया जा सकता है , बीपीएम और डीइओ आपसी सहयोग के जरिये डाटा का सही एनालसिस कर टीकाकरण कार्यक्रम को और बेहतर बनाया जा सकता है।

कार्यशाला मे एसीएमओ डॉ जे एन सिंह, यूएनडीपी के प्रवीण उपाध्याय के साथ सभी ब्लॉकों के डाटा ऑपरेटर शामिल रहे।

सिटी हॉस्पिटल के डाक्टरों ने किया किडजी स्कूल के बच्चों का हेल्थ चेकअप

किडजी स्कूल ने किया मेडिकल कैंप का आयोजन, उप जिलाधिकारी सदर ने किया उद्घाटन

गाजीपुर। गुरुवार को किडजी स्कूल में विद्यार्थियों के लिए हेल्थ चेकअप शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में स्कूल के विद्यार्थियों का संपूर्ण शारीरिक चेकअप किया गया। बता दें कि इस हेल्थ चेकअप में जिले के प्रतिष्ठित सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बच्चों का मेडिकल चेकअप किया। जिसमें डॉ अवनीश मिश्रा एमबीबीएस एमएस हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर, मोईज बीडीएस दंत रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर शम्स जनरल फिजिशियन, डॉक्टर सोनू यादव एवं आंख नाक के स्पेशलिस्ट के द्वारा जांच की गई तथा हेल्थ कार्ड देकर अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।

कैंप का उद्घाटन सदर उप जिला अधिकारी प्रतिभा मिश्रा ने फीता काटकर किया। उन्होंने स्कूल के बच्चों को चॉकलेट और विटामिन डी सैशे‌ भी वितरित किया। उन्होंने कहा कि किडजी स्कूल विद्यार्थियों के लिए एक बेहतर माहौल और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और खेलकूद के साथ अध्ययन का एक सुंदर वातावरण उपलब्ध करा रहा है। मेरी शुभकामनाएं इस विद्यालय और यहां के विद्यार्थियों के लिए सदैव है। कैंप में विद्यालय की प्रिंसिपल जेनब फातिमा, कोऑर्डिनेटर शिवानी पांडे नेहा मैम, कीर्ति मिश्रा, रजदेपुर प्रधान जोगी यादव और सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम का विशेष योगदान रहा।

गाजीपुर में चिकित्सा सुविधा की गुणवत्ता को परखने पहुंची पीआरसी की टीम

भारत सरकार के पीआरसी टीम ने 3 दिनों में जनपद के चिकित्सा सुविधा की गुणवत्ता को परखा

गाजीपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भारत सरकार के अंतर्गत पीआरसी नई दिल्ली की टीम के द्वारा जनपद के विभिन्न चिकित्सा इकाइयों का निरीक्षण किए जाने का कार्य 7 नवम्बर से चल रहा है। जिस के क्रम में टीम के सदस्यों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत तैनात अपर चिकित्सा अधिकारी, प्रोग्राम नोडल ,अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर के साथ ही साथ अन्य लोगों के साथ बैठक कर चिकित्सा इकाइयों के बारे में जानकारी लेने के साथ ही साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भी पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं की जांच कर रहे हैं।

जिला क्षय रोग केंद्र के जिला समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के द्वारा पिछले दिनों एक पत्र आया था। जिसमें 7 नवंबर से 9 नवंबर के मध्य पीआरसी नई दिल्ली की टीम के द्वारा जनपद के भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी। जिसके अंतर्गत टीम के द्वारा 7 नवंबर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सभी नोडल अधिकारियों व अन्य के साथ बैठक लिया गया। जिला महिला चिकित्सालय में जनवरी 2022 से अप्रैल 2022 तक के सिजेरियन प्रसव का रिकॉर्ड एवं कार्यरत स्टाफ नर्स एवं चिकित्सक के बारे में जानकारी ली गई। इसके पश्चात टीम पीएचसी हाथीखाना पर नोडल अधिकारी अर्बन एवं हेल्थ कोऑर्डिनेटर चिकित्सक एवं समस्त स्टाफ के साथ भी बैठक कर चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गई ।

इसी के क्रम में 8 नवंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद एवं हेल्थ वैलनेस सेंटर एवं उप केंद्र पर समस्त चिकित्सक एवं स्टाफ के साथ ही बीपीएमयू के साथ बैठक कर चिकित्सा सेवाओं का फीडबैक लिया। इसके पश्चात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंधऊ पर भी चिकित्सक एवं स्टाफ के साथ फीडबैक लिया गया। इसके अलावा 9 सितंबर बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम सैदपुर पहुंची जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक सहित तमाम चिकित्सक को वहां पर कार्यरत स्टाफ के साथ ही बीपीएमयू यूनिट के साथ बैठक कर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधित जानकारी लिया।

गाजीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डिप्टी सीएम ने किया निरीक्षण, फिर……

स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण के बाद एलर्ट हुआ स्वास्थ्य महकमा जारी किए निर्देश

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम के द्वारा 1 दिन पूर्व मंगलवार को गाजीपुर भ्रमण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने एवं डेंगू से प्रभावित मरीजों के समुचित उपचार व व्यवस्थाओं के विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिया था। जिस के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बुधवार को जनपद के समस्त चिकित्सा अधीक्षक एवं प्रभारी अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश के निर्देश के क्रम में निर्देश जारी किया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद का निरीक्षण किया गया था। जिसके बाद उन्होंने कई तरह के निर्देश दिए गए हैं। उसी के क्रम में उन्होंने सभी चिकित्सालय में साफ-सफाई प्रतिदिन कराने के निर्देश के साथ ही सभी चिकित्सकों पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य कार्मिकों की उपस्थिति नियमित रूप से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन पांच सामुदायिक प्राथमिक एवं नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,हेल्थ वैलनेस सेंटर ,उप केंद्र का निरीक्षण कर फोटो विभागीय ग्रुप में प्रेषित करने का भी निर्देश दिया है।

उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित समय से ओपीडी सेवा शुरू करने ,आने वाले मरीजों को दवा एवं जांच हेतु परामर्श देने, निशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित करें । यदि किसी मरीज के परिजन के द्वारा यदि बाहर की जांच एवं दवा के संबंध में शिकायत की जाएगी तो संबंधित चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के विरुद्ध कठोर प्रशासनिक कार्यवाह की जाएगी।

इसके अलावा समस्त चिकित्सालय पर एडीएल के सापेक्ष दवा की उपलब्धता रहे यदि दवा उपलब्ध ना हो तो मांग पत्र तैयार कर केंद्रीय औषधि भंडार से दवा प्राप्त करें तथा एंटी रेबीज एवं एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। सभी इकाइयों पर शुगर एवं बीपी की दवा उपलब्ध रहे।

डेंगू की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए। डेंगू के मरीज पाए जाने पर नियमानुसार निरोधात्मक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा जनपद में चलने वाले चार मोबाइल मेडिकल वैन को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में ही लगाकर दवा वितरण कराया जाए।

उन्होंने बताया कि निर्देश का पालन सभी चिकित्सा अधिकारी सुनिश्चित करें।इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

आए दिन एंबुलेंस में गूंज रही किलकारी

108 एंबुलेंस में गूंजी किलकारी

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई गई एंबुलेंस सेवा जाति धर्म से ऊपर उठकर सिर्फ मानव सेवा का कार्य पिछले कई सालों से लगातार कर रही है। आए दिन एंबुलेंस का लाभ आमजन को मिलता दिख रहा है। ऐसा ही कुछ 7 नवंबर को हुआ जब सदर ब्लाक के गाजीपुर घाट से गर्भवती के प्रसव के लिए एंबुलेंस को कॉल किया गया और बताए गए लोकेशन पर पायलट और ईएमटी के द्वारा क्विक रिस्पांस कर पहुंचा गया। और जब गर्भवती को लेकर एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्र के लिए चली लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस के अंदर ही प्रसव कराना पड़ा।

102 और 108 एंबुलेंस के ब्लॉक प्रभारी दीपक राय ने बताया कि ग्राम पंचायत गाजीपुर घाट जो सदर ब्लाक के अंतर्गत आता है। यहां से एक कॉल 108 नंबर के एंबुलेंस के लिए आया और बताया गया कि जगीरू निशा पत्नी समसुद्दीन को प्रसव पीड़ा है। जिसकी जानकारी पर इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन गीरजेश कुमार और पायलट अखिलेश के द्वारा बताए गए लोकेशन पर 108 एंबुलेंस को लेकर पहुंचे। जहां पर गर्भवती व परिजनों को लेकर स्वास्थ्य केंद्र के लिए चले। लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस को सड़क किनारे खड़ा किया गया। इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन गिरजेश कुमार और परिवार की महिलाओं के सहयोग से एंबुलेंस के अंदर ही महिला का प्रसव कराया गया। जहां पर महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद जच्चा और बच्चा को जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराया गया। डॉक्टरों ने दोनों को स्वस्थ बताया।

गाजीपुर में एम्बुलेंस बना लेबर रूम

एक बार फिर 108 एंबुलेंस बना लेबर रूम

गाजीपुर। 102 और 108 एंबुलेंस जब अपनी सेवा 2012 में शुरू की थी तब विभाग और सरकार को भी यह उम्मीद नहीं थी की एंबुलेंस सेवा लोगों के लिए जीवनदायिनी बन जाएगी। लेकिन लगातार गाजीपुर के ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस सेवा लेबर रूम बन कर प्रसव पीड़िता को नया जीवन देने के साथ ही जच्चा बच्चा के लिए मुफीद साबित होता दिख रहा है। ऐसा ही एक मामला मनिहारी ब्लॉक के दिलावल पट्टी से आया। गर्भवती को लेकर एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्र के लिए चला लेकिन की रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण एंबुलेंस में प्रसव कराया गया। जहां गर्भवती ने कन्या को जन्म दिया।

108 एंबुलेंस के ब्लॉक प्रभारी आशुतोष मिश्रा ने बताया कि 5 नवंबर को मनिहारी ब्लॉक के दिलावल पट्टी से फोन कॉल आया। बताया गया की प्रसव पीड़िता को एंबुलेंस की जरूरत है। जिसके बाद बताएंगे लोकेशन पर पायलट अशोक और ईएमटी राजविजय के द्वारा एंबुलेंस लेकर पहुंचा गया। वहां से गर्भवती प्रेमा देवी पत्नी राजन राजभर को लेकर एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्र के लिए चली । लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण आशा कार्यकर्ता मनीषा देवी और ईएमटी राज विजय के साथ ही परिवार की महिलाओं के सहयोग से एंबुलेंस के अंदर ही प्रसव कराया गया। उसके पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी पर जच्चा बच्चा को एडमिट कराया गया। जहां पर स्टाफ नर्स माधुरी देवी ने जच्चा और बच्चा को देखा और दोनों को सुरक्षित बताया।

मानक पूरा नहीं हुआ तो होगी कार्रवाई

3 दिनों में पूरा करें मानक नहीं तो होगी कार्रवाई

गाजीपुर। जनपद में चल रहे अवैध अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के द्वारा ट्वीट कर ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं । जिस के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ऐसे अस्पतालों की जांच कर कार्रवाई के लिए टीम बना दिया है। और टीम लगातार कार्यवाही करने का दावा कर रहा है। सैदपुर तहसील में चल रहे ऐसे अस्पतालों को तीन दिवस के अंदर मानक पूरा करने का निर्देश सैदपुर के एसडीएम ने दिया है। अन्यथा की दशा में उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवकली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके सरोज ने बताया कि गुरुवार को सैदपुर के एसडीएम ओम प्रकाश गुप्ता के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवकली पर एक बैठक की गई। जिसमें ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसडीएम ने रणनीति बनाई है। जिसके तहत क्षेत्र में चलने वाले सभी निजी अस्पतालों को अगले 3 दिन में मानक को पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया गया है। मानक ना पूरा करने वाले चिकित्सालय के खिलाफ आगामी दिनों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सुभाष सिंह यादव ,बीपीएम प्रदीप सिंह के साथ है अन्य लोग मौजूद रहे।

डेंगू के बीमारी से बचना है तो करें यह काम

गाजीपुर। जनपद में डेंगू से बचाव हेतु सभी चिकित्सालय को सतर्क रखा गया है। इस क्रम में विगत दिनों राजकीय चिकित्सालय एवं निजी पैथोलॉजी से डेंगू संदिग्ध मरीजों के सैंपल नियमानुसार पुष्टि हेतु आई०एम०एस०बी०एच०यू प्रेषित किए जा रहे हैं। अब तक भेजे गए 82 सैंपल में से 75 के परिणाम प्राप्त हो गए हैं, जिसमें जनपद के 50 रोगियों में डेंगू धनात्मक की पुष्टि हुई है। सभी मरीज उपचार के पश्चात स्वस्थ हैं। जनपद के बाहर के चिकित्सालयों में उपचार हेतु गए मरीजों में से 19 मरीजों के डेंगू धनात्मक होने की सूचना प्राप्त हुई है। इस प्रकार जनपद में अब तक कुल 69 मरीज डेंगू धनात्मक पाए गए हैं। सभी मरीजों की स्वास्थ्य के निरंतर निगरानी करते हुए निरोधात्मक कार्यवाही कराई जा रही है। अब 7 मरीजों के सैंपल जो कल भेजे गए हैं उनके परिणाम लंबित हैं। सभी चिकित्सालयों में जांच एवं उपचार के पर्याप्त व्यवस्था की गई है। त्योहारों के दौरान बाहर से आने वाले जनपद वासियों की आशा के द्वारा निगरानी हेतु सभी चिकित्सा अधीक्षक को पूर्व में निर्देशित किया जा चुका है कि यदि किसी भी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण प्रतीत हो तो उनको तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संदर्भित किया जाए। आम जनता से भी अपील है की डेंगू के लक्षण जिसमें तेज बुखार, जोड़ों में दर्द और उल्टी आदि की शिकायत हो तो घबराएं नहीं अति शीघ्र नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार कराए। प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू का कोई लक्षण नहीं है अन्य वायरल बीमारियों में भी प्लेटलेट्स कम हो सकता है जोकि बीमारी दूर होने से अपने आप बढ़ जाता है। आम जनता से यह भी अपील है कि पूरे दिन अपने शरीर को ढक कर रखें तथा घरों के अंदर तथा आसपास कहीं भी किसी भी प्रकार के बर्तन, टायर, ट्यूब, कंटेनर, प्लास्टिक के सामान कूलर फ्रिज के कंडेंसेशन प्लेट में पानी इकट्ठा ना होने दें तथा उनकी नियमित सफाई करें। याद रखें डेंगू फैलाने वाले मच्छर हमारे घरों के अंदर अंधेरे वाली जगह में ही रहते हैं और दिन में काटते हैं। यदि किसी को भी बुखार हो वह दिन में भी मच्छरदानी लगाकर सोए एवं पर्याप्त मात्रा में सुपाच्य भोजन करें। डेंगू के उपचार हेतु कोई विशेष दवा अथवा वैक्सीन नहीं है सिर्फ बुखार कम करने के लिए पैरासीटामोल का चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। डिस्प्रिन अथवा आईबीब्रुफेन का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। डेंगू स्वतः एक सप्ताह में ठीक हो जाने वाली बीमारी है। अत्यधिक प्रसार वाले जनपदों-प्रयागराज जौनपुर वाराणसी लखनऊ आदि की यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें।

राज्यमंत्री ने किया मेले का उद्धघाटन, बताया आयुर्वेद का महत्व

गाजीपुर। रविवार को सिधौना ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय पर हर दिन हर घर आयुर्वेद 2022, सप्तम आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष में आयुष स्वास्थ्य मेगा इवेंट एवं आयुष स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री आयुष ,खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एमओएस) डॉ. दयाशंकर मिश्र ( दयालु ) ने किया। मंत्री ने कैंप का उद्घाटन फीता काटकर किया। सर्वप्रथम मंत्री ने धन्वंतरी भगवान का दीपोत्सव किया तत्पश्चात गांव में स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मंत्री का स्वागत क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉक्टर शिव दुलार यादव, पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ आनंद विद्यार्थी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी वाराणसी डॉक्टर भावना द्विवेदी, मंडली यूनानी अधिकारी डॉ नियाज जिला अहमद, जिला होम्योपैथ अधिकारी डॉक्टर संपूर्णानंद गुप्ता ने माल्यार्पण व शाल पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मंत्री ने अपने संम्बोधन में आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपवेद एवं ब्रह्मा जी के मुख से निकली विद्या बताया। उन्होंने कहा की महर्षि चरक एवं महर्षि धन्वंतरि ने काशी में जन्म लिया और आयुर्वेद को आगे बढ़ाया। उन्होंने महर्षि सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक बताते हुए आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी यूनानी के महत्व को बताते हुए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का अनुरोध किया तथा जिले में स्थित चिकित्सालयों के बारे में जानकारी दी कि आप वहां पर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। इस अवसर पर मंत्री ने योग प्रशिक्षण शिविर का फीता काटकर उद्घाटन किया तथा योग प्रशिक्षकों को माल्यार्पण कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में , योग प्रशिक्षक रूद्र प्रकाश तिवारी, विनय कुमार गुप्ता, नम्रता तिवारी, रामविलास राम ,अवधेश चौहान ने योग सिखा कर कर योग के महत्व को अपने स्वस्थ जीवनशैली में अपनाने हेतु प्रेरित किया। हजारों की संख्या में लोगों ने स्वास्थ्य शिविर का लाभ लिया तथा किसानों को निशुल्क बीज एवं औषधि पौधों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में अन्य जिलों से भी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बिंदेश्वरी सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी गौरव राठी, डॉ रजनीश यादव, डॉ राजेश गुप्ता, डॉ दिलीप कुमार, समीक्षा बरनवाल, डॉ मोनिका गुप्ता, डॉ अतुल अग्रवाल, रेनू पटेल फार्मासिस्ट एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपस्थित रहे।